भारत में उगाए जाने वाले फल की सूची | Here is a list of some fruits grown in India in Hindi language.
भारत की जलवायु, वर्षण इत्यादि में भारी विविधता है इसलिए नाना प्रकार फल उगाए जाते हैं । मुख्य फलों में आम, केला, पपीता, अमरूद, चीकू (सपोटा) कटल, लीची, अगर (ट्रोपिकल एवं सबट्रोपिकल) सेब, नाशपाती, पुलम, खुबानी, बादाम, अखरोट, चिलगोजा (शीतोष्ण कटिबंधीय फल) हैं । आंवला, बेर, अनार, अंजीर, फालसा, शुष्क जलवायु के फल हैं । भारत विश्व के कुल फलों का 10 उत्पादन करता है । भारत का आम, केला, सपोटा तथा नींबू उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान है ।
आम का फल एक सबट्रोपिकल तथा ट्रोपिकल जलवायु में उगता है । भारत के प्रदेश में आम का फल 600 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता । आम की फसल पाला पड़ने से खराब जाती है । आम के बगीचे 75 से 150 सेमी॰ वर्षा के क्षेत्रों में अधिक उगाया जाता है । तूफानी हवा से भी फलों को भारी हानि होती है ।
फलों के बगीचों के कुल क्षेत्रफल के 38 प्रतिशत पर आम के बगीचे हैं और फलों के कुल उत्पादन में आम भागीदारी 22 प्रतिशत है । विश्व 5 प्रतिशत आम भारत में उत्पन्न जाता है । उत्तर प्रदेश, आंध्र पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात तथा कर्नाटक आम का उत्पादन मुख्य राज्य हैं ।
1. नींबू वंश के फल (Citrus Fruit):
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भारत में पाँच लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर खट्टे फल उगाए जाते हैं, जो फलों के कुल क्षेत्रफल का 13 प्रतिशत होता है । खटटे फल उगाने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक तथा उत्तर पूर्वी पहाडी राज्य सम्मिलित हैं ।
2. केला (Banana):
ट्रोपिकल जलवायु का यह फल उत्तरी भारत में 800 मीटर की ऊँचाई तक तथा दक्षिण भारत में 1500 मीटर की ऊँचाई पर उगाया जाता है । पाला पड़ने से केले की फसल खराब हो जाती है । भारत में केले के अधिकतर क्षेत्र सागर के निकटवर्ती मैदानों में हैं ।
केले की खेती के लिए 150 से 250 सेमी॰ वर्षा की आवश्यकता होती है । यदि वर्षा की कमी हो तो सिंचाई का प्रबंध होना चाहिए । केले के खेत में पानी नहीं ठहरना चाहिए । क्षेत्रफल के आधार पर केला उत्पादन में विश्व में तीसरे स्थान है । तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश केला उगाने वाले प्रमुख राज्य हैं । उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों में केले का काफी उत्पादन किया जाता है ।
3. अमरूद (Guava):
अमरूद अर्धऊष्ण जलवायु का फल है । हल्की सर्दी इसके फल के लिए उपयोगी मानी जाती है । यह शुष्क जलवायु को सहन करने की क्षमता रखता है । यदि वर्षा 250 सेमी॰ से अधिक हो तो इसके पेड़ों को हानि पहुँचती है । अमरूद 500 मीटर की ऊँचाई तक उगता है ।
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भारत के फलों के उत्पादन में अमरूद का पाँचवाँ स्थान है । लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर अमरूद के बगीचे फैले । अमरूद सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में उगाया जाता है ।
4. सेब (Apple):
यूँ तो सेब ट्रोपिकल जलवायु का पौधा है, परंतु इसके अधिकतर बगीचे सबट्रोपिकल जलवायु में पाए जाते हैं । सेब के अधिकतर बगीचे 500 मीटर से 2000 मीटर की ऊँचाई तक पाए जाते हैं । इसको 15०C से 20०C तापमान की आवश्यकता होती है । जिस वर्ष बर्फबारी होती है उस वर्ष सेब की अच्छी फसल होने की संभावना होती है । जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश सेब के प्रमुख राज्य हैं ।
5. पपीता (Papaya):
पपीता ऊष्णकटिबंधीय फल है । पाला पड़ने पर इसकी फसल खराब हो जाती है । फल पकते समय शुष्क जलवायु लाभदायक मानी जाती है । यह 300 मीटर की ऊँचाई तक उगाया जा सकता है । अनुकूलतम तापमान 18०C से 40०C है ।
पपीते की खेती आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में की जाती है ।
6. अंगूर (Grapes):
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अंगूर की खेती फलों के कुल क्षेत्रफल के केवल 1.15% भाग पर की जाती है, तथा फलों के कुल उत्पादन में इसकी 2.6% प्रतिशत भागीदारी है । अंगूर उत्पादन करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा तमिलनाडु उल्लेखनीय हैं ।
7. लीची (Litchi):
लीची एक बहुत उपयोगी फल है । इसके निर्यात से भारत सरकार को काफी विदेशी मुद्रा का लाभ होता है । वर्ष 1990 के पश्चात् लीची के क्षेत्रफल में भारी वृद्धि हुई है । उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, पंजाब तथा हरियाणा लीची उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य हैं ।
8. शुष्क प्रदेशों के फल (Arid Fruits):
आँवला, अनार, बेर, खजूर तथा अंजीर, शुष्क मरुस्थल तथा अर्धमरुस्थल के फल हैं । इनके अतिरिक्त जामुन, कटहल, बेल, फालसा, कठ-सेब, शहतूत तथा लसोढा इत्यादि शुष्क प्रदेशों के फल हैं । वर्तमान समय में जैतून तथा किवी के बगीचों में हो रही है ।
9. अनानास (Pineapple):
लगभग आधे लाख हेक्टेयर भूमि पर अनानास की खेती की जाती है । अनानास को 20०C-30०C तापमान की आवश्यकता होती है । लगभग 150 सेमी॰ वर्षा की आवश्यकता होती है । अनानास की खेती मेघालय, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में की जाती है । इसकी खेती के क्षेत्रफल में निरंतर वृद्धि हो रही है ।