स्ट्रॉ मशरूम के रोगों को कैसे नियंत्रित करें? | Read this article in Hindi to learn about how to control diseases of straw mushroom.

पुआल खुंभी पर अनेकों प्रकार के रोग एवं प्रतिस्पर्धी कवक जैसे माइकोगान पर्नीसियोसा, स्कोपुलोरियोप्सिस, फ्यूमीकोला, वर्टीसीलियम स्प. और स्कीलोरोशियम, पेनीसीलियम, एस्पराजिलस, राइजोपस आदि लगती है ।

भारत में इस खुंभी के ऊपर बहुत अधिक संख्या में प्रतिस्पर्धी फफूंदे और कुछ बीमारियाँ पायी गयी हैं । गेहूं मक्का. जी और ज्वार की शैया पर संदूषक के रूप में कीटोमियम, अल्टरनेरिया स्प. एवं सोरडेरिया स्प. साधारण रूप में पायी जाती है, परंतु धान के पुआल पर यह नहीं पायी जाती ।

भारत में बटन सडन (स्कीलीरोशीयम स्प.) एवं जीवाणु सडन पाया जाता है । कीडे एवं बीमारियों के प्रबंधन के लिये कीटनाशक, फफूँदनाशक एवं एंटीबायोटिक (मेलाथियान 0.025: + ट्रेटासाक्लिन 0.025:) का उपयोग किया जाता है । मोल्ड फफूंद के प्रबंधन के लिये पुआल का आंशिक निर्जीवीकरण और शैया पर केप्टान और जिनेब (0.25%) के छिडकाव से क्षति में कमी लायी जा सकती है ।

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