देविका रानी की जीवनी | Biography of Devika Rani in Hindi!
1. प्रस्तावना ।
2. जन्म परिचय ।
3. उपसंहार ।
1. प्रस्तावना:
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भारतीय फिल्म जगत् में देविका रानी का स्थान युगों तक सर्वश्रेष्ठ स्थान पर रहेगा; क्योंकि वह फिल्म जगत् में कदम रखने वाली नायिकाओं के लिए एक मार्गदर्शिका, प्रेरणास्त्रोत व मील का पत्थर थीं । वह एक ऐसा ”सेतुबन्ध” हैं, जिसने फिल्मी दुनिया में नारियों का मार्ग प्रशस्त किया ।
देविका रानी उस दौर में फिल्मों में आयी थीं, जब महिलाओं का फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं समझा जाता था । पुरुष ही महिलाओं की भूमिका अदा किया करते थे । देविका रानी सम्भ्रान्त व सम्पन्न परिवार से फिल्म जगत् में कदम रखने वाली, दृढ़ निश्चयी, साहसी व सुन्दर महिला थीं । उन्हें सर्वप्रथम ”दादा साहब फाल्के” पुरस्कार प्राप्त करने का श्रेय भी हासिल है ।
2. जन्म परिचय:
देविका रानी का जन्म 30 मार्च सन् 1908 को दक्षिण भारत के वाल्टेयर में हुआ था । उनके पिता एन॰एन॰ चौधरी भद्र बंगाली परिवार से मेहनत व प्रतिभा के धनी मद्रास में जनरल सर्जन थे । उनका परिवार रवीन्द्रनाथ टैगोर से सम्बन्धित था ।
उनके नाना तथा समूचे परिवार पर रवीन्द्रनाथ टैगोर के व्यक्तित्व का प्रभाव था । देविका के पिता ने उन्हें राज्य अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स से अभिनय-कला का विधिवत प्रशिक्षण दिलवाया । देविका ने जिन फिल्मों में काम किया, उनमें जवानी की हवा, इज्जत, प्रभात, वचन, निर्मला, जीवन नैया, अछूत कन्या, कर्म, पुनर्मिलन, कंगन, बन्धन, भाभी, बसन्त, किस्मत, हमारी बात फिल्में प्रमुख हैं ।
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”अछूत कन्या” में तो उन्होंने अशोक कुमार के साथ बड़ा ही जानदार व शानदार अभिनय किया । इसके साथ ही उनकी कंगन, बन्धन, किस्मत फिल्में हिट रहीं । देविका ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में अपना हाथ आजमाया था । वह अपने युग की महिलाओं से काफी आगे थीं ।
हिमांशु राय के साथ चुम्बन दृश्य ने उन्हें इतना विवादास्पद बनाया कि बाद में उन्होंने उन्हीं से विवाह किया । उनका दूसरा विवाह विश्वविख्यात रूसी चित्रकार स्वेतोस्तोव डॉ॰ शेरिख से हुआ था । उनकी चित्रकला में कर्नाटकी क्षेत्र का प्रभाव है ।
उन्होंने कर्नाटक में एक कला संस्थान की स्थापना भी की । देविका रानी के डॉ॰ चित्रकार पति शेरिख काफी समृद्ध थे । उनकी करोड़ों की सम्पत्ति देविका रानी के साथ थी । फिल्मी जगत् की इस महान् देवी का स्वर्गवास हो गया ।
3. उपसंहार:
यह सत्य है कि देविका रानी के बिना फिल्म जगत् अधूरा है । विशेषत: भारतीय महिलाओं को उन्होंने अभिनय, निर्देशन व फिल्म निर्माण-कला का रास्ता भी दिखाया । फिल्म जगत् की महिलाओं के लिए देविका रानी का नाम सदैव श्रद्धा से पूरित रहेगा ।