सर डोनाल्ड ब्रैडमैन की जीवनी । Biography of Sir Donald Bradman in Hindi Language!
1. प्रस्तावना
2. प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियां
3. उपसंहार ।
1. प्रस्तावना:
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क्रिकेट जैसे सर्वाधिक लोकप्रिय खेल में अपना नाम रोशन करने वाले कई बल्लेबाज और गेंदबाज हुए हैं, जिन्होंने अपने बेहतरीन खेल की वजह से न केवल ख्याति प्राप्त की, वरन् कई रिकॉर्ड भी बनाये हैं ।
किसी भी बल्लेबाज की कसौटी उसके अधिकतम रन बनाने और औसत के अनुसार रिकॉर्ड बनाने में होती है । कई बल्लेबाज अत्यन्त धीमी गति से रन बनाते हैं, तो कई अत्यन्त तेज गति से ।
अत्यन्त तेज गति से रन बनाने वाले खिलाड़ियों में जिस सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का नाम विश्व में बड़े गर्व और आदर से लिया जाता है, साथ ही औसत की दृष्टि से उनके रिकॉर्डों की बरावरी भी कोई नहीं कर पाया, जो आज के बल्लेबाजों के लिए मी एक चुनौती बने हुए हैं, 52 टेस्टों में जिन्होंने 94.94 की औसत से रन बनाये थे, उस महान् बल्लेबाज का नाम था-सर डोनाल्ड ब्रैडमैन ।
2. प्रारम्भिक जीवन व उपलब्धियां:
सर डोनाल्ड जार्ज ब्रैडमैन का जन्म आस्ट्रेलिया में 27 अगस्त, 1908 को हुआ था । जब उनकी अवस्था 20 वर्ष की थी, तभी 28-29 में इंग्लैण्ड टीम से खेलते हुए इन्होंने 66.85 की औसत से 2 शतक बनाये । 5 में से 4 में इन्होंने शतक लगाये । इनमें 2 दोहरे शतक इन्होंने लीड्स टेस्ट में बनाये, जिसमें 334 रन भी शामिल थे । इन्होंने सर हेमंड के 905 रन के रिकॉर्ड को 994 रन बनाकर तोड़ दिया ।
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इस शृंखला में उनका औसत 139.14 था । यद्यपि ब्रैडमैन का जन्म न्यूसाऊथवेल्स के एक छोटे-से करने कूटामुंदरा में हुआ था और उनके पिता साधारण किसान थे, तथापि हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करते ही उन्होंने इस निर्धन परिस्थिति में क्रिकेट खेलना शुरू किया ।
गोल्फ की पुरानी गेंदों को वे अश्यास के दौरान दीवार पर ऐसे मारा करते थे कि गेंद फर्श पर गिर ही नहीं पाती थी । सीमेण्ट के फर्श पर अभ्यास के बाद वे बुली नदी की रेत पर भी अभ्यास किया करते थे, जो गेंद की गति और उसकी उछाल की दिशा तय करने में मदद करती थी ।
स्कूल टीम की ओर से खेलते हुए उन्होंने कुल 156 रन में न 15 रन तो रचय ही बनाये थे और अपनी पारी को गर्व में आकर समाप्त घोषित कर दिया । उनकी इस गर्वोक्ति की घटना प्रार्थना सभा में प्रिंसिपल ने सुनायी, तो उन्हें लगा कि ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए ।
और तो और एक खिलाड़ी को इस तरह का घमण्ड करना शोभा नहीं देता है । स्कूल छोड्कर ब्रैडमैन जमीन सम्बन्धी धन्धे से जुड़ गये । इसी दौरान उन्हें राष्ट्रीय टीग में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसमें उन्होंने औसत की दृष्टि से सर्वाधिक रन बनाये 1 सन् 1928 में वे इंग्लैण्ड दौरे पर गयी टीग के लिए अच्छे औसत से रन नहीं बना पाये ।
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इसके बाद उन्होंने तीसरे टेरट में 79-112 तथा अन्तिम में 123-371 रन बनाये । 29-30 के सीजन में उन्होंने क्वीन्सलैण्ड के विरुद्ध 452 रन बनाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया । 1930 में इंग्लैण्ड दौरे पर उन्होंने 215 तथा 185 रनों से खेल प्रारम्भ किया और टेस्ट की दूसरी पारी में 131, दूसरे टेस्ट में 79-112 रन तथा अगले टेस्ट में 334 का विशाल स्कोर अर्जित कर इंग्लैण्ड को भौंचक्का कर दिया ।
इंग्लैण्ड के खिलाड़ी तो उनके नाम से ही कांपा करते थे । अपनी मर्जी के मुताबिक स्ट्रोक खेलने वाले ब्रैडमैन विचित्र तथा अत्यन्त ही नये तरीके से रोक लगाया करते थे, जो विपक्षी टीग के खिलाड़ियों की समझ से परे था । फील्डरों के बीच से गेंद ऐसे निकालते थे कि उसे कोई छू भी नहीं पाता था ।
1930 में लीड्स टेस्ट में इन्होंने दोपहर के भोजन के पहले शतक लगाया और पूरे दिन में 309 रन बना डाले । 1932-33 में ब्रैडमैन को आऊट करने के लिए इंग्लैण्ड के कप्तान ने बॉडीलाइन नामक गेंदबाजी का षड्यन्त्र रचा ।
इस भूखला में 100 रन बनाकर उन्होंने इंग्लैण्ड टीम को करारा जवाब दिया । एक बार तो एक टेस्ट में उनके पैरों का सन्तुलन ऐसा खोया कि वे गिरते रहे, पर बॉल पर से अपनी नजरें नहीं हटने दीं । इस रोमांचक दृश्य को देखने वाले आज भी उसे याद रखे हुए हैं । ब्रैडमैन को सिगरेट, शराब आदि का शौक नहीं था । उन्हें पियानो बजाने का अच्छा शौक था । उनकी पत्नी का नाम जैसी ब्रैडमैन था ।
सन् 1932 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट भूखला में 1990 रन जुटाकर उन्होंने विश्व कीर्तिमान रच डाला । ब्रैडमैन के जीवन का सबसे दुःखद दिन था-जब वे मेलबोर्न के रटेडियम में दर्शकों के बीच खेल रहे थे, तो पहली बार वे शून्य पर आऊट हुए । यदि उन्होंने एक भी चौका उसमें लगाया होता, तो उनका रन औसत 99.94 से 100 प्रतिशत हो जाता । उन्होंने 29 शतक 52 टेस्टों में लगाये थे ।
3. उपसंहार:
सर डोनाल्ड ब्रैडमैन क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज थे । उन्होंने प्रथम श्रेणी के मैच में 338 पारियों में 95.14 के औसत से 28,067 रन बनाये । 80 पारियों में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाये । इतने कम टेस्टों में इतनी तेज गति से रन बनाने का रिकॉर्ड विश्व का कोई भी खिलाड़ी आज तक नहीं तोड़ पाया । हमारे देश के सचिन तेंदुलकर व सुनील गावस्कर ने उनके रनों का रिकॉर्ड यद्यपि तोड़ दिया है, तथापि इतने कम टेस्टों में इतनी तेज गति से रन बनाने का कार्य सर डोनाल्ड ब्रैडमैन ही कर सके हैं ।