स्टेफी ग्राफ की जीवनी | Steffi Graf Kee Jeevanee | Biography of Steffi Graf in Hindi!
1. प्रस्तावना ।
2. जन्म परिचय व उपलब्धियां ।
3. उपसंहार ।
1. प्रस्तावना:
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स्टेफी ग्राफ विश्व की वह महानतम महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेनिस जगत् के इतिहास में सर्वाधिक समय तक अपना दबदबा कायम रखा । अपनी फर्राटेदार, झन्नाटेदार फोरहैण्ड सर्विस से प्रतिद्वन्द्वियों को नाकों चने चबवाने वाली स्टेफी ग्राफ का जीवन आने वाली टेनिस की पीढ़ी को अपने विशिष्ट खेल-कौशल से हमेशा प्रेरणा एवं मार्गदर्शन देता रहेगा ।
वह ऐसी खिलाड़ी रही हैं, जो पराजय के बाद भी जीत के लिए हमेशा उत्साहित रहीं । इनका सम्पूर्ण जीवन टेनिस के लिए समर्पित रहा । अन्य खिलाड़ियों की तरह स्टेफी ने अपना समय न तो फैशन, विज्ञापन एवं रोमांस की खबरों में रहकर बिताया, वरन् भीड़ से दूर वह शान्त रहकर टेनिस के खेल में ही अपनी समूची ऊर्जा व शक्ति को केन्द्रित करने में लगी रहीं । 22 ग्रैण्ड स्लैम व 107 खिताबों की रिकार्ड जीत प्राप्त करने वाली सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रही हैं स्टेफी ग्राफ ।
2. जन्म परिचय एवं उपलब्धियां:
स्टेफी का जन्म जर्मनी में सन् 1976 में हुआ था । इनके पिता पीटर ग्राफ ने स्टेफी को मात्र 4 वर्ष की अवस्था से ही टेनिस खिलाना शुरू कर दिया था । टेनिस के प्रति इनके मन में ऐसी रुचि जागृत हुई कि इन्होंने टेनिस को ही अपना जीवन मान लिया । टेनिस का रैकेट थामने के बाद ग्राफ ने बरसों तक इसे कहीं नहीं रोका । निरन्तर परिश्रम व लगन से वे खेलती रहीं ।
18 वर्ष की अवस्था में इन्होंने यूरोपीय चैम्पियनशिप हासिल कर टेनिस जगत् में अपनी पहचान बनायी । वे तीन वर्षों तक कोई उल्लेखनीय जगह हासिल नहीं कर पायी थीं, किन्तु 1986 तक इन्होंने अपने श्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन कर आठ एकल खिताब अपने नाम दर्ज कर लिये, किन्तु फाइनल में वे विम्बल्डन व फ्रेंच ओपन में मार्टिना नवरातिलोवा से हार गयीं ।
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सन् 1987 में स्टेफी ने अमेरिकी वर्चस्व को तोड़ते हुए विश्व के नम्बर वन खिताब को हासिल कर सबको चकित कर दिया । 1988 में तो चारों ग्रैण्ड स्लैम जीतकर टेनिस जगत् में तहलका ही मचा दिया था । 1991 को मोनिका सेलेस ने 186 सप्ताह तक विश्व के नम्बर वन की कुर्सी पर बैठने वाली स्टेफी को हरा दिया था ।
इसी बीच इनके जीवन में मानसिक परेशानियों का दौर प्रारम्भ हो गया था । इनके पिता पीटर ग्राफ पर कर चोरी का इल्लाम लगा । इन्हें जेल भेजा गया । ग्राफ को इससे काफी मानसिक परेशानी हुई । मोनिका सेलेस के साथ इनकी जोरदार टक्कर चलती रही ।
इसी बीच 1993 को मोनिका सेलेस को खेल के दौरान स्टेफी के एक प्रशंसक ने चाकू घोंप दिया । मोनिका का कैरियर डूबने लगा । स्टेफी नम्बर वन की दौड़ में फिर आ गयी । हालांकि इस घटना ने स्टेफी को अन्दर तक हिला दिया था । इनके मन में इस घटना का आज तक प्रभाव है ।
सन् 1995 को ग्राफ को अरांचा सांचेज से भिड़कर हार का मुंह देखना पड़ा, किन्तु सन् 1997 तक इन्होंने विम्बल्डन सहित अपना 100वां खिताब जीतकर नम्बर वन का खिताब हासिल करने में सफलता अर्जित की । सन् 1997 में स्टेफी को घुटने की चोट से गुजरना पड़ा ।
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ऐसे में इन्हें आस्ट्रेलियाई ओपन से हटना पड़ा । ऑपरेशन के बाद भी वह विम्बल्डन से वंचित रहीं । एड़ी की चोट ने इन्हें जर्मनी, फ्रैंच, इटालियन ओपन से बाहर रखकर 57वें स्थान पर ला धकेला । 1998 में वे फ्रेंच ओपन ही जीत पायीं । इसके बाद इन्होंने टेनिस जगत से संन्यास की घोषणा कर दी ।
3. उपसंहार:
स्टेफी ग्राफ ने 7 बार विम्बल्डन, 6 बार फ्रेंच ओपन, 5 बार अमेरिकी ओपन, 4 बार आस्ट्रेलियाई ओपन सहित 107 खिताब व 22 ग्रैण्ड स्लैम जीते । 377 सप्ताह तक वे नम्बर वन खिलाड़ी रहीं । संन्यास लेने के बाद स्टेफी ने अपने पुरुष मित्र आंद्रेई आगासी के साथ जीवन बसा लिया । वे इनके दो प्यारे-प्यारे बच्चों की मां हैं । स्टेफी टेनिस कोर्ट में उपस्थित रहकर अपने पति का हमेशा उत्साहवर्द्धन करती रहती हैं ।