अलैक्जेण्डर ग्राहम बेल की जीवनी | Biography of Alexander Graham Bell in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. जीवन परिचय एवं उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

ADVERTISEMENTS:

आज हम विश्व के किसी भी कोने में, किसी से भी बात कर सकते हैं । यह अद्‌भुत चमत्कार ही है । इस चमत्कार का श्रेय जाता है अलैक्जेण्डर ग्राहम बेल को । ग्राहम बेल ने टेलीफोन नामक उपकरण का महान आविष्कार करके सम्पूर्ण जगत को यह महान उपलब्धि प्रदान की ।

सूचना और संचार के क्षेत्र में टेलीफोन ने संसार में अब तो अभूतपूर्व क्रान्ति सीला दी है । वर्तमान युग में सेटलाइट-सेलफोन या मोबाइल, लैण्डलाइन सर्विस का मूलाधार ग्राहम बेल की टेलीफोन तकनीकी ही है ।

2. जीवन परिचय एवं उपलब्धियां:

अलैक्जैडर ग्राहम बेल का जन्म 3 मार्च, 1847 को एडिनबर्ग {स्काटलैण्ड} में एक सामान्य परिवार में हुआ था । उनके पिता अलैक्जेण्डर मेलविनी बेल स्वरध्वनि विशेषज्ञ तथा बोलचाल की कला के अध्यापक थे । उनकी माता एलिजा सिमण्ड्स बेल बधिर व खूबसूरत थीं ।

वह पियानो की अच्छी वादक होने के साथ-साथ श्रेष्ठ चित्रकार भी थीं । अलैक्जेण्डर अपने 3 भाइयों में मंझले थे । ग्राहम बेल की प्रारम्भिक शिक्षा एडिनबर्ग के ही एक स्थानीय स्कूल में सम्पन्न हुई । लंदन से उन्होंने स्नातकोत्तर उपाधि ग्रहण की । जर्मनी से पी॰एच॰डी॰ की ।

ADVERTISEMENTS:

हमेशा कुछ-न-कुछ सृजनात्मक करने की सोच रखने वाले ग्राहम बेल को अचानक क्षय रोग ने जकड़ लिया, तो स्वास्थ्य लाभ के लिए कनाडा जाना हुआ । 2 वर्षो बाद स्वस्थ होकर बोस्टन आये । यहां आकर उन्होंने बधिरों को पड़ाने हेतु प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की ।

बाद में उनकी नियुक्ति भी बोस्टन विश्वविद्यालय में वाकप्रक्रिया के प्रोफेसर के रूप में हुई । यहीं पर उनकी मुलाकात मैबल हुबड नाम की बधिर लड़की से हुई । कालान्तर ने उन्होंने इससे विवाह भी रचा लिया । ग्राहम बेल ने गेहूं से भूसा हटाने की नवीन तकनीकी भी विकसित की थी, जिसे मिल मालिकों ने तत्कालीन समय में अपनाया था ।

बधिरों के सुनने के लिए मशीन बनाते-बनाते बेल के मन में यह विचार आया कि बिजली की धारा की शक्ति को न्यूनाधिक करके यदि वायु ने घनत्व को न्यूनाधिक किया जा सके, तो टेलीग्राम के माध्यम से सन्देश भेजना सम्भव हो सकता है ।

उन्होंने ध्वनि के सिद्धान्त तथा टेलीग्राफ की कार्यप्रणाली पर 1872 से लगातार कार्य किये । धातु की पट्टी पर अन्य पदार्थो द्वारा कम्पन उत्पन्न कर उसके जरिये तारों द्वारा सन्देश एवं संकेत भेजने का प्रयास किया ।

ADVERTISEMENTS:

सीमित आय और महंगे उपकरण व प्रयोगों का खर्च कई बार ग्राहम बेल को परेशान कर देता था । अपने एक मित्र हेनरी की सहायता से तथा 1874 को वाटसन की सहायता से उनके कार्यो को गति मिली ।  10 मार्च, 1876 को बेल की प्रयोगशाला से उनके साथी वाटसन को तारों के जरिये सन्देश मिला ।

जाटसन यहां आओ, तुम्हारी आवश्यकता है । इस ऐतिहासिक सन्देश को सुनकर वाटसन बेल के पास जा पहुंचा । बेल ने अपने सम्पूर्ण जीवन में बधिरों को सिखाने हेतु कई प्रयोग किये । बेल को टेलीफोन के इस आविष्कार को पेटेन्ट कराने के लिए कई मुकदमों से होकर गुजरना पड़ा ।

अन्तत: सन् 1888 में उनकी विजय हुई । अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें टेलीफोन का मूल और प्रथम आविष्कारक मानते हुई उनके इस आविष्कार को मान्यता प्रदान की । 29 वर्ष की अवस्था गे इस महान् जनोपयोगी उपलब्धि को प्रदान करने वाले बेल ने कृत्रिम श्वास देने वाले एक वैक्यूम जैकेट का निर्माण भी किया, जो पोलियो पीड़ितों के लिए वरदान साबित हुआ ।

उन्होंने एक ऐसी दूरबीनयुक्त प्रोब भी तैयार की, जो शरीर में फंसी हुई गोली को ढूंढने में सफल सिद्ध हुई । थॉमस एडीसन ने बाद में इसमें अन्य उपयोगी सुधार भी किये । अपनी माता और पत्नी की बधिरता से प्रेरित होकर उन्होंने बधिरों के लिए प्रशिक्षण हेतु अमेरिकन एसोशिएशन का गठन किया ।

हेलेन केलन प्रयोगों से बहुत लाभान्वित हुईं । उन्होंने अपनी आत्मकथा ग्राहम बेल को समर्पित करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की । ग्राहम बेल के 2 पुत्र एवं 2 पुत्रियां थीं, जिनमें से 2 पुत्र  और 1 पुत्री असमय ही काल कवलित हो गये ।

आविष्कार के पश्चात् बेल ने 1885 में कनाडा डीप पर 56 एकड़ का फीम हाऊस खरीदा । अब वे एक धनवान् व्यक्ति बन चुके थे । अलैक्जेण्डर ने सन् 1919 में जल पर दौड़कर हवा में उड़ने वाला हाइड्रोप्लेन तथा रेगिस्तान के यात्रियों के लिए श्वास में मिले हुए पानी एकत्र करने वाले उपकरण का निर्माण भी किया था । आजीवन आविष्कारों में लगे रहने वाले ग्राहम बेल की मृत्यु 2 अगस्त, 1922 को हो गयी ।

3. उपसंहार:

अलैक्जेण्डर ग्राहम बेल ने टेलीफोन का महान् आविष्कार करके संचार जगत में अभूतपूर्व क्रान्ति ला दी । सम्पूर्ण मानव-समाज उनके इस आविष्कार के साथ-साथ अन्ध-मूक व बधिरों के लिए किये गये कार्यों के लिए उनका ऋणी रहेगा । इंग्लैण्ड की रानी विक्टोरिया ने उनके इस आविष्कार के लिए उन्हें सम्मानित किया । उनके निधन पर 70 लाख टेलीफोनों को उस समय मौन रखकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि प्रदान की ।