गैलिलियो गैलिली पर निबंध । Essay on Galileo Galilei in Hindi Language!
1. प्रस्तावना ।
2. जन्म परिचय ।
3. उनके आविष्कार ।
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4. उपसंहार ।
1. प्रस्तावना:
गैलिलियो गैलिली विश्व के आविष्कारकों में अपने गति सम्बन्धी नियम, गुरुत्वाकर्षण व दूरबीन सम्बन्धी आविष्कार के लिए जाने जाते हैं । गैलिलियो को अपने इस आविष्कार के लिए प्राणों का बलिदान देकर मूल्य चुकाना पडा । विश्व को उन्होंने अपनी इस महत्त्वपूर्ण खोज के द्वारा जो महान देन दी, वह अमूल्य है ।
2. जन्म परिचय:
गैलिलियो का जन्म 15 फरवरी, 1564 को इटली के पीसा नामक शहर में हुआ था । उनके पिता का नाम विन्सेज्जो गैलिली था । जो एक संगीतज्ञ थे । उनकी माता जूलिया थी । सात भाई-बहिनों में गैलिलियो सबसे बड़े थे ।
उनका परिवार अत्यन्त गरीब था । बचपन की शिक्षा उन्होंने पलोरेंस नगर में प्राप्त की । जब बड़े हुए, तो उन्होंने अपने पिता के काम में हाथ बंटाया । उनके पिता ने उन्हें प्रतिभावान जानकर उनकी पढ़ाई पुन: शुरू करा दी ।
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1581 में उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में प्रवेश लेकर अपने पढ़ाई जारी रखी । चिकित्साशास्त्र में उनकी रुचि न होकर वैज्ञानिक आविष्कार की दिशा में अधिक थी । गैलिलियो के पिता का देहान्त 1591 में हो गया ।
बड़े होने के कारण गाता तथा भाई-बहिनों का दायित्व गैलिलियो पर आ पड़ा । भयंकर आर्थिक तंगी के बीच गैलिलियो को अपनी बहिनों की शादी हेतु दहेज राशि जुटाना बहुत कठिन पड़ा ।
इटली में उस समय दहेज की कुप्रथा प्रचलित थी । गैलिलियो ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए ट्यूशन के साथ-साथ कपड़े की दुकान, सर्वेउपकरण और गणित उपकरण की दुकान खोली, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हुआ । इन पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच गैलिलियो अध्ययन और अध्यापन में जुटे रहे ।
3. उनके आविष्कार:
4 अप्रैल, 1597 में गैलिलियो ने एक ऐसी दूरबीन बनायी, जो 32 गुना विशाल देख लेती थी । अपनी दुकान से गैलिलियो ने 1609 में उसकी बिक्री प्रारम्भ कर दी । उस समय जो दूरबीन बिक रही थी, वह कुछ दूरी तक देखने के काम आती थी ।
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गैलिलियो की दूरबीन तो आकाश का निरीक्षण करने में भी सफल थी । इस दूरबीन से उसने यह साबित किया कि सूर्य में धब्ये हैं । आकाशगंगा तारों का झुण्ड है । बृहस्पति ग्रह के कई उपग्रह हैं । कैथोलिक धर्म में विश्वास रखने वाले होगो ने गैलिलियो के दूरबीन सम्बन्धी आविष्कार की बहुत आलोचना की । बाइबिल में यह लिखा गया था कि सूर्य घूमता है । पृथ्वी स्थिर है ।
गैत्तिलियो ने इस सिडाना का विरोध करते हुए यह साबित किया कि पृथ्वी घूमती है । गैलिलियो ने अपनी पुस्तक में इन सिद्धान्तों को विस्तारपूर्वक लिखा था । गैलिलियो के इस सिद्धान्त पर उनके विरोधियों ने मुकदमा चलाया, जिसका मकसद गैलिलियो को दोषी साबित कर उन्हें प्राणदण्ड देना था; क्योंकि वे बाइबिल में पृथ्वी तथा सूर्य के सम्बन्ध में लिखी हुई गलत बातों को स्वीकार नहीं करना चाहते थे ।
धर्म विरोधी मानकर गैलिलियो पर मुकदमे चलने लगे । विश्वविद्यालय की शिक्षा के दौरान एक बार गैलिलियो इटली के पीसा नगर के गिरिजाघर के पास से गुजर रहे थे, उन्होंने देखा कि एक आदमी हाथों में तेल का पीपा लिये सड़क के लैम्प-पोस्ट के पास रुका ।
पोरट के ऊपर लटक रही हाण्डी को उसने रस्सी के सहारे नीचे उतारा । उसमें तेल भरा । उसे जलाकर हाण्डी में रखा और हाण्डी का ढक्कन बन्द कर लैम्प जलाकर फिर रस्सी के सहारे से ऊपर चढा दिया ।
बालक ने देखा कि वह हाण्डी जितना बायीं ओर हिलती थी, उतनी ही दायीं ओर भी हिलती थी । दोनों दिशाओं के जाने का समय दर्ज कर उसने पेण्डुलम के सिद्धान्त का प्रतिपादन कर डाला ।
इसके सौ साल बाद हालैण्ड के वैज्ञानिक हाइजन ने पेण्डुलग घड़ी का आविष्कार किया । विश्वविद्यालय में पढ़ते हुए गैलिलियो ने यह फैसला ले लिया कि वह गणित व भौतिक विज्ञान ही पढ़ेंगे । विश्वविद्यालय की फीस अदा न करने के कारण उन्हें पढ़ने से वंचित कर दिया गया ।
पलोरेंस लौटकर उन्होंने हाण्डी वाली घटना को याद कर उसका सम्बन्ध घड़ी से जोड़ा । यदि घड़ी में कोई चीज लटकाई जाये, तो वह घड़ी की टिकटिक के साथ हिलती रहेगी । पेण्डुलम की गति धीमी होगी, तो समझ लो कि वह रुकने वाला है । रुकने का अर्थ होगा-घड़ी में चाबी भरनी होगी ।
शरीर की नाड़ी की गति घड़ी की टिकटिक की गति से मिलाकर देखें कि वह गति घड़ी की टिकटिक से कम या ज्यादा है, तो हमारे शरीर की गति सामान्य नहीं है । व्यक्ति अस्वस्थ है । नाड़ी की तेज और धीमी गति चिकित्सा की दृष्टि में बीमारी का लक्षण है । मानव शरीर की चिकित्सा के लिए गैलिलियो की यह खोज बहुत काम आयी । उन्होंने इसकी जांच के लिए जो यन्त्र बनाया, उसका नाम पल्समीटर था ।
गैलिलियो ने अपनी एक महत्त्वपूर्ण खोज में अरस्तू के उस सिद्धान्त को गलत बताया कि यदि पृथ्वी पर ऊपर से कम भार वाली और अधिक भार वाली वस्तुओं को एक साथ गिराया जाये, तो अधिक भार वाली वस्तु जल्दी गिरेगी । पीसा की मीनार पर चढ़कर उन्होंने अधिक और कम भारवाले गोलों को एक साथ गिराया ।
इस ऐतिहासिक प्रयोग को देखने के लिए धार्मिक नेता, वैज्ञानिक, अध्यापक, बुद्धिजीवी एकत्र थे । लोगों ने स्पष्ट देखा कि दोनों गोले एक साथ नीचे आ गिरे । इस तरह अरस्तु के सिद्धान्त के गलत साबित होने पर लोगों ने उनकी प्रशंसा की बजाय उनकी घोर निन्दा की ।
उन्हें घमण्डी, बुजुर्गों की निन्दा करने वाला बताया दुखी गैलिलियो ने आविष्कार व खोज का रास्ता नहीं छोड़ा । अपनी दूरबीन द्वारा आकाश में होने वाली चमत्कारिक घटनाओं को गैलिलियो ने बताकर खगोल विद्या के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सिद्धान्त प्रतिपादित किये, जिसमें ध्वनि, प्रकाश रंग तथा विश्व की बनावट पर तर्कपूर्ण विचार शामिल थे ।
1611 में दूरबीन के आविष्कार के लिए गैलिलियो को सम्मानित किया गया था । गैलिलियो ने 1585-86 में एक हाइड्रोस्टैटिक बैलेंस तैयार किया । इससे विभिन्न तरल पदार्थो के गुणों का अनुमान लगाना आसान हो गया । 3 वर्ष के पश्चात् उन्होंने ठोस पदार्थो की गति के नियमों का प्रतिपादन किया । उनके आविष्कारों के कारण उन्हें आधुनिक आर्कमिडीज कहा जाने लगा ।
4. उपसंहार:
1632 में गैलिलियो ने जब अपने शोधयथ में सूर्य को ब्रह्माड का केन्द्र बताया, पृथ्वी को नहीं और पृथ्वी को अस्थिर तथा सूर्य को स्थिर बताया, तो उन पर कट्टरपन्धियों द्वारा धर्मविरोधी कहकर आक्षेप लगाये गये । उन्हें 8 वर्षों के लिए नजरबन्द कर दिया गया था । इस दौरान उन्होंने अपना सृजन क्रम जारी रखा । 1637 में वे पूर्णत: नेत्रहीन हो चुके थे ।
8 जनवरी, 1642 को उन्हें बुखार ने जकड़ लिया । इस तरह इस महान् वैज्ञानिक का निधन हो गया । गैलिलियो ने अपने गति सम्बन्धी तथा गुरुत्वाकर्षण सम्बन्धी जो नियम प्रतिपादित किये, उसी को न्यूटन ने आगे बढ़ाया । जीवन के अन्तिम क्षण उनके लिए दुःखदायी रहे ।