पैले । Biography of Pele in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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फुटबाल भी विश्व का प्रमुख लोकप्रिय खेल है । इस खेल में 11-11 खिलाडियों की टीम 45-45 मिनट की सगयावधि में खेला करती हैं । निर्धारित समय पर खेल न खत्म होने पर 15-15 मिनट अतिरिक्त समय दिया जाता है या फिर पेनॉल्टी किक दी जाती है । यह खेल 100 मीटर लम्बे और 73 मीटर चौड़े आयताकार मैदान गे होता है ।

मैदान के हर कोने पर 1 फुट ऊंची झण्डी लगाकर टत लाइनें और गोल लाइनें बनायी जरती हैं । 1 रेफरी के साथ 2 लाइनमैन होते हैं । पैर, सिंग, जांघ व सीने का प्रयोग वैध है । हाथ से बॉल को पकडना फाउल है ।

जबरदस्ती धकेलने, गिराने, गोल करने पर बाधित करने पर येलो, सीन, रेड कार्ड दिखाया जाता है । गोल लाइन में गेंद भेजकर ज्यादा गोल करने वाला विजयी होता है । हमारे देश में फुटबाल का खेल राष्ट्रीय स्तर पर अधिक खेला जाता है । यदि हम फुटबाल के जादूगर की बात करें, तो ब्राजील के उस  उाश्वेत खिलाड़ी कइा नाग उघता है, जिसे पैले कहा जाता है ।

2. प्रारम्भिक जीवन व उपलब्धियां:

एडसन उारांतोरा नेरिसमेंटे डी॰ अर्थात् पैले का जन्म ब्रज्ग्रिल के बाउर नाग के एक छोटे से नगर में 23 अक्टूबर, 1940 को हुआ था । जब ये 10 वर्ष की उावरथा में थे, तभी से इन्होंने फुटबाल खेलना शुरू कर दिया था । इलाके पास फुटबाल खेलने के लिए जूते शी नहीं थे । ये नंगे पाव ही खेल करते थे ।

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11 वर्ष की अवस्था में इन्होंने बाउस क्लब की और से खेलने का मन बनाया । पैले के पिता फुटबाल के पेशेवर खिलाडी थे । 16 वर्ष की अवस्था में इन्होंने “सान्तोस क्लब” से खेलना शुरू कर दिया । ये स्कूल छोड़कर राष्ट्रीय टीम में शामिल हो गये थे । फुटवाल के जादूगर पैले के पैरों में असाधारण रगन्तुलन था । ये दोनों पैरों से समान रूप से खेलते थे ।

इनकी सतार बडी तेज थी । गेंद पर अद्वितीय काबू रखने वाले खिलाडी थे । कठिन-से-कठिन मौके पर भी ये अपना धैर्य नहीं खोते थे । इनके बारे में कुछ ऐसी कहानियां प्रचलित हैं कि ये अपनी पूरी ताकत से फॉल्दा जग्य लगाया करते थे और क्याकी नजर बॉल पर ही टिकी रहती थी ।

इस तरह छकाकर ये गोल मार ही लेते थे । विपक्षी टीम का पूरा ध्यान पैले को घायल करने में लगा रहता था, ताकि पैले के खेल रो बाहर जाते ही विपक्षी टीम की जीत सुनिश्चित हो जाये । पैले हमेशा खिलाड़ी भावना से ही खेलते थे ।

1964 में अर्जेन्टाइना के विरुद्ध खेलते हुए इन्हें विपक्षी टीम का खिलाडी बार-बार किक मारता था । रैफरी ने उस खिलाडी को निकालने की बजाय पैले को निकालकर यह साबित करना चाहा कि लोग उरो पैले को निकालने वाले रैफरी के रूप में पहचानें ।

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पैले में देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी । इनका खेल देखकर इटली के एक क्लब ने इन्हें साल-नुार के लिए 25 लाख रुपये देने का प्र२त्ताव रखा । एक अल्लीयर्स क्लब ने तो इन्हें पेट्रोल और कोयले से पास एक जहाज देने का प्रलोभन भी दिखाया ।

पैले ने 14 वर्षो तक अपने देश का नेतृत्व किया । अपने खेल जीवन में पैले ने 1959 में 126 गोल किये । 1969 को इन्होंने 1 हजार 131 गोल करके फुटबाल से संन्यास लेने की घोषणा की । इनकी इस घोषणा से ब्राजीलवासी फूट-फूटकर रो पड़े थे ।

इनके देश में तो फुटबाल की ऐसी दीवानगी है कि लोग हारने पर आत्महत्या तक कर लेते हैं और जीतने पर नाचते, गाते, हुडदंग, करते सड़क पर नजर आते हैं । फुटबाल तो वहा का राष्ट्रीय खेल है ।  बचपन से निर्धन पैले ने फुटबाल खेलकर अपार धन कमाया ।

इनके दीवाने प्रशंसकों ने इन्हें 1 लाख 12 हजार 500 का मुकुट 1970 में पहनाकर सम्मानित किया । इनके उपस्थित होने मात्र से ही ब्राजील की टीम ने 3 यार विश्व विजेता होने का गौरव हासिल किया । लोकप्रियता का दम्भ इन्हें छू, तक नहीं गया था । सन् 1966 में इन्होंने एक गोरी युवती रोजमेरी डोरा से विवाह कर लिया । सच है कि गुणवान लोगों का कौशल ही देखा जा सकता है ।

3. उपसंहार:

“ब्लैक डायमण्ड”  तथा ”फुटबाल किंग” के नाम से विभूषित किये जाने वाले पैले इतना धन, प्रसिद्धि पाकर भी अत्यन्त विनम्र, सहृदय व सहज हैं । विज्ञापनों, शराब तथा तम्बाकू सेवन से जीवन-भर दूर रहने वाले पैले ने जब संन्यास लिया, तो यूगोस्लोवाकिया के राष्ट्रपति टीटो ने इन्हें राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया ।

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