अमिताभ बच्चन की जीवनी । Biography of Amitabh Bachchan in Hindi Language!
हिन्दी फिल्म जगत् में ”सुपर रटार”, ”फिल्मों के शहंशाह”, ‘एंग्री यंगमैन’ तथा ‘बिग बी” के नाम से विख्यात अमिताभ बच्चन एक ऐसे सितारे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय ही नहीं, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है ।
इस महान् सितारे का मोम से बना हुआ पुतला लंदन के म्यूजियम में बनाया जाना ही इनकी लोकप्रियता की चरम सीमा का परिचायक है । इन्होंने अभिनय जागत को नयी ऊचाइया और नया आयाम दिया ।
रोबदार मरदानी आवाज, अभिनय में रावाद अदायगी की उत्कृष्ट शैली, साथ ही भावप्रवण अभिनय ने इन्हें हिन्दी फिल्मों का बेताज बादशाह बना दिया । आज भी इन्होंने फिल्मी जगत् को अपने अभिनय-कौशल रो समृद्ध कर रखा है । जीवन वृत-अमिताया बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर, 1942 को इलाहाबाद में हुआ था ।
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इनके पिता श्री हरिवंशराय बच्चन हालावाद के सर्वश्रेष्ठ कवि थे । इनकी गाता तेजी बच्चन आधुनिक विचारों वाली एक विदुषी महिला थीं । इनकी पत्नी जया एक कुशल अभिनेत्री हैं । इनके भाई अजिताभ बच्चन एक कुशल व्यवसायी हैं । इनकी एकमात्र पुत्री श्वेता तथा एकमात्र पुत्र अभिषेक बच्चन हैं ।
अमिताभ बच्चन जब फिल्मों में आये, तो इनकी लम्बी-लम्बी पतली टांगें, छरहरा बदन, धंसी हुई आखें देखकर इन्हें फिल्मों के नाकाबिल समझकर अपमानित किया गया । किसी ने इन्हें ताड़ का पेड़, बोतल कहकर इनके साथ काम करने से भी मना कर दिया था । 1969 में इन्हें निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास ने अपनी फिल्म ”सात हिन्दुस्तानी” में पहला ब्रेक दिया । फिल्म तो असफल रही ।
इसके बाद 1970 में आनन्द, 1973 में नमकहराम फिल्म में सुपर स्टार राजेश खन्ना के साथ इन्होंने काम किया । जंजीर भी 1973 में बनी थी, जो प्रकाश मेहरा की निर्देशित फिल्म थी । इस फिल्म में जया भादुड़ी, प्राण उघैर अजीत के साथ कारा करते हुए इन्होंने एंग्री यंगमैन की उपाधि प्राप्त की । यह फिल्म जोरदार हिट रही । बस फिर क्या था, सफलता का सफर प्रारम्भ हो गया ।
शोले, दीवार, परवरिश, सून पसीना, लावारिस, दोस्ताना, मुकद्दर का सिकन्दर, अमर अकबर अथोनी, नसीब, शक्ति, अभिमान, मिली, मि॰ नटवरलाल, सिलसिला, सुहाग, दो अनजाने, त्रिशूल, डॉन, परवरिश, अग्निपथ, मर्द आदि हिट फिल्मों का अम्बार ही लग गया । अमिताभ बच्चन फिल्म जगत् के सर्वाधिक पारिश्रमिक लेने वाले ”सुपर रटार” बन गये ।
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पिछले चार दशक से तो अमिताभ जैसी लोकप्रियता रखने वाला कोई भी कलाकार फिल्म जगत् में नहीं रहा । अपनी सफलता और प्रसिद्धि का अभिमान इन्हें छू तक नहीं गया । ये अभी भी निरन्तर फिल्मों के साथ-साथ विज्ञापनों में सक्रिय भूमिका में नजर आते हैं । कुली फिल्म के दौरान जब इन्हें गम्भीर चोट लगी, तो इनके प्रशंसक स्तम्र होकर इनके स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थनाएं करने लगे थे ।
अमिताभ बच्चन का सम्बन्ध नेहरू परिवार से बड़ा ही गहरा रहा है । कहा जाता है कि सोनिया गांधी की भारतीय बनने की पाठशाला इनका घर ही था । अमिताभ ने इन्दिरा गांधी की मृत्यु के पश्चात् राजीव गांधी की इच्छा पर राजनीति में पदार्पण किया, किन्तु राजनीति इन्हें रास नहीं आयी ।
फिर ये अभिनय की दुनिया में लौट आये । इन्होंने अभिनय की ए॰बी॰सी॰ कम्पनी खोली थी, जिससे इन्हें करोड़ों की क्षति हुई । इन्होंने वर्तमान स्थिति में भी बागबान, विरुद्ध, सरकार, ब्लैक जैसी फिल्मों में काम करना जारी रखा है ।
कुछ महीनों पूर्व जब ये अस्वस्थ हुए, तो इनके लाखों प्रशंसक इनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए तथा अस्पताल के बाहर इनकी एक झलक पाने के लिए घण्टों खड़े रहते थे । 63 वर्ष की अवस्था में भी ये उतनी ही लगन के साथ कार्य करते हैं, जितने कि पहले किया करते थे ।
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गायन तथा कविता पठन में भी गहरी अभिरुचि रही है । सामाजिक कार्यो में भी ये रुचि लेते रहे हैं । अन्य अभिनेताओं की तरह ये सफलता के नशे से काफी दूर रहे । हालीवुड की फिल्मों की ओर इन्होंने राख इसीलिए नहीं किया; क्योंकि ये भारतीय फिल्मों में ही अपना योगदान देकर सन्तुष्ट हैं ।
अमिताभ बच्चन हिन्दी फिल्म जगत् के एक ऐसे प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिन्हें न जाने कितने पुररकार मिले होंगे । इन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया । ये बी॰बी॰सी॰ के एक विशेष मेहमान रहे हैं । विश्व में इनकी लोकप्रियता इतनी है कि लोग इनकी एक झलक पाने के लिए घण्टों खड़े रहते हैं । समस्त देश तथा फिल्म जगत् को इन पर नाज है । इन्होंने स्टार प्लस के टी॰वी॰ गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में एंकर की भूमिका में अपने प्रस्तुतिकरण एवं शैली का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया ।