गायत्री देवी की जीवनी | Gayatri Devi Kee Jeevanee | Biography of Gayatri Devi in Hindi!

1. प्रस्तावना ।

2. उनका व्यक्तित्व एवं कार्य ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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जयपुर की महारानी और राजमाता ”गायत्री देवी” विश्व की 10 सुन्दरियों में अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं । राजस्थान के जयपुर नरेश राजा सवाई मानसिंह की दितीद्य पत्नी श्रीमती गायत्री देवी अपनी अद्वितीय सुन्दरता, समाज सेवा, देश सेवा, आतिथ्य सत्कार के कारण काफी प्रसिद्ध रही हैं । वह अत्यन्त साहसी, दूरदर्शी, दबंग, उदार, राजमाता के रूप में जानी जाती हैं ।

जयपुर नरेश व गायत्री देवी के शानो-शौकत एवं वैभव से अंग्रेज भी ईर्ष्या करते थे । ब्रिटिशकालीन शासन-व्यवस्था में भी उन्होंने अपने रसूख को कायम रखा था । जयपुर के राजसी वैभव की रक्षा करते हुए गायत्री देवी ने अपना जीवन एक आदर्श के साथ जिया है ।

2. उनका व्यक्तित्व एवं कार्य:

राजमाता गायत्री देवी का जन्म आज से 90 वर्ष पूर्व कूच बिहार में हुआ था । अपने जमाने में उच्च शिक्षा प्राप्त गायत्री देवी अपने नैसर्गिक सौन्दर्य एवं गुणों के कारण पूरे राजस्थान में सम्मान की पात्र रही हैं । गुलाम भारत में वह स्त्रियों की शिक्षा एवं उनकी दशा को लेकर काफी चिन्तित रहा करती थीं ।

राजस्थान जैसे पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं में शिक्षा के साथ-साथ जागरूकता लाने के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किये । महारानी गायत्री देवी ने एम॰जी॰डी॰ स्कूल की स्थापना इसीलिए की, ताकि वहां लड्‌कियां आकर पढ़ सकें ।

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इस सर्वसुविधायुक्त स्कूल की भव्य इमारत का वातावरण उन्होंने शिक्षा के सर्वथा उपयुक्त रखा । योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों को बाहर से लाकर यहां अध्यापन कार्य उन्हें सौंपा गया । यह स्कूल आज भी अपनी विशिष्ट अध्यापन शैली के कारण पहचाना जाता है । महारानी गायत्री देवी ने सवाई मानसिंह अस्पताल का भी निर्माण करवाया ।

समाज सेवा, लोककल्याण हेतु अपना आर्थिक योगदान भी दिया । स्वतन्त्रता के बाद इन्दिरा गांधी द्वारा प्रिवीपर्स की समाप्ति के बाद गायत्री देवी की अकूत धन-सम्पदा को राजकीय आधिपत्य में ले लिया गया । गायत्री देवी की राजनीतिक प्रतिद्वन्दी श्रीमती इन्दिरा गांधीजी को माना जाता रहा है ।

कांग्रेस की नीतियों से आहत गायत्री देवी ने विपक्षी जनता पार्टी से चुनाव लड़ा । जनता पार्टी के शासन काल में वह राजस्थान पर्यटन निगम की अध्यक्ष रहीं । 1962, 1967, 1971 में वह स्वतन्त्र पार्टी से लोकसभा की सदस्य भी निर्वाचित हुई हैं ।

जयपुर सीट से लगातार तीसरी बार जीतकर उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए काफी कार्य किये । जयपुर में 1952 में मृतप्राय ब्लू पॉटरी के पुनर्जीवन के लिए उन्होंने सन 1963 में सवाई रामसिंह शिल्पकला की स्थापना करवायी । वह सेवा कार्यों में अपना समय देती रही हैं । अगस्त 2009 को उन्होंने संसार को अलविदा कह दिया ।

3. उपसंहार:

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राजमाता गायत्री देवी ने लोककल्याण एवं समाज सेवा के लिए जो भी कार्य किये हैं, उनके लिए राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा । उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रभावित होकर ही ”डिस्कवरी हिस्ट्री चैनल” ने उन पर कई घण्टों का कार्यक्रम भी तैयार किया है । महारानी गायत्री देवी घुड़सवारी, टेनिस, तैराकी में काफी रुचि रखती थीं । उनका दबंग व्यक्तित्व व मोहक मुसकान सफेद केशों के पीछे से झांकता नजर आता रहा

है ।

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