मारुति वैन का व्यावसायीकरण कैसे करें? | Are you planning to commercialize a Maruti Van? Read this article in Hindi to learn about the work process and financial aspects involved in commercializing a Maruti Van.

वर्तमान समय में भारतीय मध्यवर्गीय समाज की रुचियों में निरंतर हो रहे परिवर्तन आम भारतीय के जीवन स्तर में हो रहे सुधार उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि तथा आवागमन के शासकीय/पारंपरिक साधनों की जानी-पहचानी कार्य (अ) कुशलता के कारण निजी कंपनियों/व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे आवागमन के साधन विशेष कर टैक्सियां/जीपें/कारें/मेटाडोर आदि आवागमन के महत्वपूर्ण साधन के रूप में अपना स्थान बना रहे है ।

ऐसे अनेकों अवसर हैं जब इस प्रकार की टैक्सियों/गाड़ियों की आवश्यकता हो सकती है यथा-किसी संबंधी/रिश्तेदार के पास जाने हेतु, किसी धार्मिक/दर्शनीय स्थल पर जाने हेतु भ्रमण आदि के लिये जाने हेतु, व्यवसायिक कार्य हेतु एक शहर से दूसरे शहर तक जाने हेतु अथवा ट्रेवलिंग के दौरान एक शहर से दूसरे शहर तक जाने हेतु शादी-विवाह से संबंधित विभिन्न कार्यों हेतु आदि ।

उपरोक्त कार्यों तथा अवसरों पर किराये पर लिये जाने वाले विभिन्न वाहनों में से एक प्रमुख वाहन जिसे वर्तमान में उपभोक्ताओं द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है, वह है-मारूति वेन । मारूति वेन में यात्रा न केवल आरामदायक होती है बल्कि यह मध्यमवर्गीय भारतीय समाज के लिये ”स्ट्रेटस सिम्बल” का प्रतीक भी है ।

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अतः इस श्रेणी के अधिकांश यात्रियों/पर्यटकों/ग्राहकों द्वारा विशेष रूप से यात्रा हेतु मारुति वेन की ही मांग की जाती है । व्यवसाय हेतु अत्यधिक उपयुक्त पाये जाने वाले इस वाहन को खरीद कर किराये पर चलाना उन युवाओं के लिये काफी लाभकारी व्यवसाय हो सकता है जिनकी इस प्रकार में रुचि हो । संक्षेप में मारुति वैन लेकर किराए पर चलाना काफी लाभकारी व्यवसाय है ।

मारुति वेन के सेवा कार्य की प्रक्रिया (Service Work Process for Commercializing a Maruti Van):

मारुति वेन निम्नानुसार किराये पर दी जा सकती है:

1. किसी कार्यालय के साथ मासिक आधार पर ‘अटेच’ करके

2. स्थानीय भ्रमणों (लोकल टूर) हेतु किराये पर देना

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3. बाहर के भ्रमणों (आउटडोर टूर) हेतु किराये पर देना

उपरोक्त संदर्भों में यद्यपि कार्यालयों के साथ अटैच करने पर मासिक आधार पर एक निश्चित आय मिलती है परन्तु स्थानीय तथा बाहर के भ्रमणों हेतु गाड़ी किराये पर देने पर मुख्यतया तीन प्रकार से किराये का निर्धारण किया जा सकता है:

क. प्रति किलोमीटर की दर से किराया

ख. प्रतिदिन एक न्यूनतम मात्रा में (चाहे गाड़ी कितनी भी चले) न्यूनतम (मीनिमम) चार्ज

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ग. रात्रि को बाहर रूकने (स्टे करने) का नाइट चार्ज

प्रस्तुत इकाई में स्थानीय तथा बाहर के भ्रमणों हेतु गाड़ी किराये पर दिये जाने का विचार है । गाड़ी की बुकिंग हेतु ट्रेवल एजेंसियों तथा मोटर गाड़ी यूनियनों का सहयोग भी लिया जा सकता है तथा ग्राहकों से सीधे संपर्क करके भी बुकिंग की जा सकती है । कुछ ग्राहक स्वयं आकर भी बुकिंग करवा सकते हैं ।

मारुति वेन इकाई से अपेक्षित प्राप्तियां (प्रतिवर्ष) (Receipts Expected from the Unit (Maruti Van) Per Year):

वर्ष भर में यह गाड़ी 72000 किलोमीटर चलेगी जिसका 8 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से किराया लेने से कुल 576000 लाख रुपये की प्राप्तियां होंगी । इसके साथ-साथ नाइट हाट तथा मिनिमम चार्जेस से वर्ष में 36000 रुपये की अतिरिक्त प्राप्तियां होंगी । कुल मिलाकर इस इकाई से वर्षभर में कुल 612000 लाख रुपये की प्राप्तियां होनी अनुमानित हैं ।

मारुति वेन इकाई के वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Maruti Van Entity):

1. कार्यस्थल की आवश्यकता:

इस इकाई की स्थापना के लिए किसी विशेष कार्यस्थल की आवश्यकता होगी क्योंकि या तो वेन किसी कार्यालय के साथ अटैच कर दी जाती है अथवा किसी ट्रेवल एजेंसी के माध्यम से इसकी बुकिंग हो जाती है । इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं से संपर्क करके भी बुकिंग की जा सकती है तथा उपभोक्ता स्वयं घर पर आकर भी बुकिंग हेतु अनुरोध कर सकते हैं । अतः कार्यस्थल की व्यवस्था पर किसी प्रकार के अतिरिक्त खर्च का प्रावधान इस इकाई में नहीं किया गया है ।

2. इकाई में होने वाली स्थायी लागत का अनुमान:

 

इस इकाई की स्थापना पर निम्नानुसार स्थाई लागत आने का अनुमान है:

3. कार्यशील पूंजी की आवश्यकता:

इस इकाई में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख कार्यशील पूंजी है- पेट्रोल रखरखाव ड़ाईवर का वेतन आदि जिन पर निम्नानुसार लागत आने का अनुमान है:

क. कच्चे माल की लागत (प्रतिमाह):

इस इकाई में लगने वाला प्रमुख कच्चा माल है- पेट्रोल । ऐसा अनुमान है कि वेन प्रतिमाह 6000 किलो मीटर चलेगी । 25 रुपये प्रति लीटर की दर से महीने भर में पेट्रोल तथा आयल आदि पर कुल 6500 रुपये की लागत आयेगी ।

. कर्मचारी तथा कारीगर (प्रतिमाह):

मारुति वेन की इकाई के संचालन के लिये दो व्यक्तियों की आवश्यकता होगी । एक व्यक्ति प्रबंधक का कार्य करेगा । बुकिंग आदि देखेगा तथा दूसरा व्यक्ति वेन चलाने का कार्य करेगा । क्योंकि यह इकाई दो व्यक्तियों द्वारा पार्टनरशिप इकाई के रूप में स्थापित की जायेगी अतः एक पार्टनर बुकिंग का कार्य देख सकता है जबकि दूसरा पार्टनर ड्राइविंग का कार्य कर सकता है ।

यदि इन दोनों कार्यों हेतु दो व्यक्तियों को वैतनिक आधार पर रखा जाये तो इन्हें प्रतिमाह 5000 रुपये वेतन रूप में दिया जाना होगा परन्तु क्योंकि इस इकाई में दोनों कार्य पार्टनर्स द्वारा ही देखे जायेंगे, अतः प्रस्तुत इकाई में इस पद पर कोई खर्चे न किए जाने का प्रस्ताव है ।

 

ग. विविध खर्चे (प्रतिमाह):

 

इस इकाई में होने वाले विविध खर्चो का अनुमान निम्नानुसार है:

4. वार्षिक खर्चे:

उपरोक्त खर्चों के साथ-साथ इस प्रकार की इकाइयों में समय-समय पर निम्नलिखित खर्च भी होते हैं:

(1) गाड़ी की सर्विसिंग पर खर्च:

प्रायः 10000 किलोमीटर तक चलने के उपरांत गाड़ी की सर्विसिंग की जाना अपेक्षित होती है । वर्ष में लगभग 5 बार गाड़ी की सर्विसिंग करवाई जाना प्रस्तावित है जिस पर अनुमानतः 1000 रुपये प्रति सर्विसिंग की दर से वर्ष में 5000 रुपये की लागत आने का अनुमान है ।

(2) समय-समय पर की जाने वाली रीपेयरिंग पर खर्च:

यद्यपि प्रारंभ में नयी गाड़ी होने पर रीपेयरिंग पर कोई विशेष खर्च नहीं होता, परन्तु जैसे-जैसे गाड़ी पुरानी होती जाती है रिपेयरिंग पर होने वाला खर्च बढ़ता जाता है । इस प्रकार रिपेयरिंग तथा पंचर आदि बनवाने पर वर्ष भर में लगभग 5000 रुपये का व्यय अनुमानित है ।

(3) टायर/ट्‌यूब पर खर्च:

यद्यपि प्रारंभ में टायर/ट्यूब नये होने के कारण इस मद पर कोई खर्च नहीं होता परन्तु लगभग एक वर्ष तक गाड़ी चलने के उपरांत टायर/ट्यूब बदलने पड़ते हैं । इस प्रकार वर्ष भर में लगभग 10000 रु. की लागत का प्रावधान इस मद पर रखा जाना प्रस्तावित है । क्योंकि मद क्रमांक 1, 2 तथा 3 पर होने वाले व्यय गाड़ी खरीदने के प्रथम तीन महीने में नहीं होंगे, अतः इकाई की परियोजना लागत में इन खर्चों की गणना नहीं की गयी है ।

5. कुल परियोजना लागत:

6. इकाई की स्थापना हेतु प्रस्तावित वित्तीय स्त्रोत:

प्रधानमंत्री रोजगार योजनान्तर्गत यह इकाई दो युवाओं द्वारा पार्टनरशिप इकाई के रूप में स्थापित की जा सकती है ।

ऐसी स्थिति में इकाई की स्थापना हेतु प्रस्तावित वित्तीय स्त्रोत निम्नानुसार होंगे:

8. इकाई की लाभप्रदता:

क. वार्षिक लाभ = 163122/-

ख. मासिक लाभ = 13593/-

नोट:

1. प्रधानमंत्री रोजगार योजनान्तर्गत मारुति वैन लेने के इच्छुक दो पार्टनर्स में से कम से कम एक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना आवश्यक है ।

2. वर्तमान में नयी मारुति वेन खरीदने के लिये बुकिंग के उपरांत 4-5 महीने की ”वेटिंग” है । उद्यमियों द्वारा इस तथ्य को ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी चाहिये ।