चीनी की मिठाई का निर्माण कैसे करें? | Are you planning to manufacture sugar candy? Read this article in Hindi to learn about how to manufacture and produce sugar candy.
सुगर केन्डी जिसे स्थानीय भाषा में प्रायः “बुढ़िया के बाल” के नाम से जाना जाता है, बच्चों द्वारा अत्याधिक पसंद की जाती है । प्रत्येक स्कूल के मध्यावकाश में हॉकर्स को स्कूल की सीमा के बाहर सुगर केन्डी बेचते देखा जा सकता है । मेले हाट बाजार, प्रदर्शनियों आदि के समय भी सुगर केन्डी की काफी मात्रा में बिक्री होती है । प्राय: यह रूई जैसे बाल बनाकर बेची जाती है ।
स्थानीय मांग को देखते हुए यह इकाई किसी भी बड़े गाव अथवा कस्बे में स्थापित की जा सकती है । यद्यपि कई बार विभिन्न मेलों/हाटों/प्रदर्शनियों आदि में इस इकाई का स्टाल भी लगाया जा सकता है ।
(जहां से उसी समय मांग के अनुसार तैयार करके यह प्रदाय की जाती है) परंतु घर अथवा दुकान पर भी यह इकाई स्थापित की जा सकती है । तथा इसका उत्पाद स्कूलों/बाजारों आदि में विक्रय किया जा सकता हैं । कम पूंजी निवेश से स्थापित किया जा सकने वाली इस सरल इकाई हेतु प्रत्येक करने में पर्याप्त बाजार उपलब्ध हो सकता है ।
सुगर केन्डी की उत्पादन प्रक्रिया (Production Process for Manufacturing Sugar Candy):
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सुगर केन्डी की उत्पादन प्रक्रिया अत्यंत सरल ओ, इस संदर्भ में शक्कर में खाद्य रंग मिलाकर किसी बर्तन या डिब्बे में रखा जाता है । फिर मशीन चालू करके चीनी को मशीन के मध्यभाग में (निश्चित मात्रा में) थोड़ा थोड़ा डाला जाता है । इससे जालीनुमा केन्डी बनने लगती है । जिसे बांस की तीली में लपेट कर प्लास्टिक बेग में भर दिया जाता है । एक किलो शक्कर से लगभग 500 ग्राम केन्डी बनती है ।
सुगर केन्डी का उत्पादन लक्ष्य (Production Target for Manufacturing Sugar Candy):
अपनी पूर्ण क्षमता पर यह मशीन अनुमानत: 8 घण्टों में 75 किलो शक्कर की खपत करके 37.5 किलो केन्डी (25 ग्राम के 1500 पैकेट) बना सकती है । लगभग 50 प्रतिशत क्षमता का उपयोग करके एक मशीन लगाकर 38 किलो शक्कर से 19 किलो (25 ग्राम के 760 पैकेट) सुगर केन्डी प्रतिदिन बनाई जा सकती है ।
25 ग्राम का एक पैकट बाजार में 1 रूपये से 3 रूपये में बिकता है । इस इकाई में प्रतिवर्ष 228000 पैकेट बनाए जाऐगे जिनकी 2.00 रूपये प्रति पैकेट की दर से बिक्री से वर्ष में कुल 456000 रूपये की प्राप्तियां होगी ।
सुगर केन्डी की इकाई के वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Sugar Candy Manufacturing Entity):
1. इकाई हेतु कार्यस्थल की आवश्यकता (Workplace Requirement for the Unit):
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यह इकाई 200-250 वर्ग फीट निर्मित कार्यस्थल में प्रारंभ की जा सकती है । जिसका प्रतिमाह किराया 1500 रूपये किराया अनुमानित है ।
2. मशीन-उपकरणों की आवश्यकता (Machine-Equipment Requirement):
इस इकाई में लगने वाली प्रमुख मशीनों तथा उपकरण निम्नानुसार है:
3. कच्चे माल की आवश्यकता (प्रतिमाह) (Need of Raw Material (Per Month)):
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सुगर केन्डी में लगने वाला प्रमुख कच्चा माल है- शक्कर, खाद्य रंग, पोलीथीन बैग्स तथा बांस की तीलियां इन वस्तुओं की आवश्यकता तथा लागत निम्नानुसार होगी:
4. कर्मचारियों को वेतन एवं पारिश्रमिक (प्रतिमाह) (Salary and Remuneration for Employees (Per Month)):
इस इकाई के कुशल संचालन तथा विपणन संबंधी गतिविधियों को कुशलता पूर्वक संचालित करने हेतु निम्नानुसार कारीगर/कर्मचारियों की आवश्यकता होगी:
5. विविध खर्चे (प्रतिमाह) (Miscellaneous Expenses (Per Month)):
इकाई से संबंधित प्रस्ताव विविध खर्च निम्नानुसार है:
1. मरम्मत/रखरखाव पर खर्च = 500
2. स्टेशनरी/पोस्टेज पर व्यय = 300
3. परिवहन व्यय = 500
4. यात्रा व्यय = 800
5. बीमा व अन्य खर्चे = 300
कुल योग = 2400
6. उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह) (Expenditure on Utilities (Per Month)):
उपयोगिताओं के संदर्भ में इस इकाई में प्रमुख आवश्यकता विद्युत की है जिस पर प्रतिमाह 300 रूपये का व्यय अनुमानित है । यद्यपि पानी का उपयोग केवल पीने के लिये जायेगा फिर भी इस संदर्भ में रूपये 100 प्रतिमाह का प्रावधान किया गया है । इस प्रकार उपयोगिताओं पर प्रतिमाह 1000 रूपये का व्यय अनुमानित है ।
11. कुल वार्षिक प्राप्तियां:
कुल 228000 पैकेट की 2.50 रुपये प्रति पैकेट की दर से
कुल वार्षिक प्राप्तियां = 570000
12. लाभप्रदता:
क. वार्षिक लाभ = 121919
ख. मासिक लाभ = 10159
13. कच्चा माल स्थानीय बाजार में उपलब्ध है ।