मावा का निर्माण कैसे करें? | Are you planning to manufacture mawa? Read this article in Hindi to learn how to manufacture and produce mawa.
दूध तथा दूध से निर्मित विभिन्न उत्पाद जैसे घी, मावा आदि प्रत्येक भारतीय परिवार में काफी अधिक मात्रा में प्रयुक्त किये जाते है । घरों के साथ-साथ विभिन्न होटलों, मिठाइयों की दुकानों आदि में भी इनकी माँग काफी रहती है । विशेषकर त्यौहारों के समय तो मावे की माँग इसकी सप्लाई से कहीं अधिक होती है ।
मावा न केवल निरंतर तथा पर्याप्त मांग की वस्तु है बल्कि यह एक लाभकारी उत्पाद भी है । दूध की अपेक्षा मावा बनाकर बेचने से उसके ”वेल्यू एडीशन” होता है तथा दूध की अपेक्षा मावा बनाकर बेचना काफी अधिक लाभकारी होता है ।
इसके साथ-साथ ऐसे स्थानों पर जहां से दूध का ट्रांसपोर्टेशन आसान न हो, दूध का मावा बनाकर बेचने से न केवल अधिक लाभ कमाया जा सकता है बल्कि दूध के खराब होने अथवा ट्रांसपोर्टेशन की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है । मावे की उपयोगिता पर्याप्त बाजार और लाभ-प्रदता को देखते हुए मावा निर्माण की इकाइयां गांव गाव में स्थापित की जा सकती है ।
मावे की उत्पादन प्रक्रिया (Production Process of Mawa):
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प्रस्तुत योजना में दूध से मावा बनाने हेतु प्रयुक्त की जाने वाली प्रक्रिया काफी आसान है । इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम शुद्ध कच्चे दूध को छान करके मावा मशीन में डाला जाता है । तथा मशीन में चला दिया जाता है । लगभग 35 मिनट तक मशीन चलने के उपरांत मावा बन जाता है । जिसे निकाल कर रख लिया जाता है ।
तदुपरांत मशीन को साफ करके इसमें पुन: दूध डाल दिया जाता है । तथा मशीन चला दी जाती हैं । इस प्रकार मावा बनाने की प्रक्रिया निरन्तर चलती जाती है । वांछित मात्रा में मावा इकट्ठा हो जाने पर इसे विपणन हेतु प्रस्तुत कर दिया जाता है । यदि उत्पादन चक्र शीघ्रता से सम्पूर्ण करना हो तो फिटकरी का उपयोग भी किया जा सकता है ।
प्रस्तावित इकाई की उत्पादन क्षमता (प्रतिवर्ष) (Production Capacity of the Mawa Manufacturing Unit (Per Annum)):
प्रस्तुत इकाई में प्रयुक्त की जाने वाली मशीन से 35 मिनट में एक उत्पादन चक्र (Production Cycle) सम्पूर्ण हो जाता है । मशीन एक बार (एक बैच) में 10 लीटर दूध को प्रक्रिया कृत कर सकती है, जिससे 25 किग्रा. मावा तैयार हो सकता है ।
इस प्रकार इस मशीन में प्रतिदिन 125 लीटर तथा वर्ष में 37500 कि.ग्रा. दूध प्रक्रियाकृत किया जाएगा जिसमें से 9375 कि.ग्रा. मावा उत्पादित होगा । इस मावे की 50रू प्रति कि.ग्रा. की दर से बिक्री से वर्ष में कुल 468750रू की प्राप्तियां होगी ।
इकाई के वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Mawa Manufacturing Entity):
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इकाई की योजना हेतु कार्यस्थल की आवश्यकता (Workplace Requirement for Unit Planning):
इस इकाई की स्थापना हेतु लगभग 200 वर्गफीट के कार्यस्थल की आवश्यकता होगी जोकि 1000 रू. प्रतिमाह के किराये पर लिया जा सकता है ।
3. कच्चे माल की लागत (प्रतिमाह) (Cost of Raw Materials (Per Month)):
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इस इकाई में लगने वाला प्रमुख कच्चा माल है – दूध, जिसकी व्यवस्था पर प्रतिमाह निम्नानुसार लागत आएगी:
4. वेतन तथा पारिश्रमिक (प्रतिमाह) (Salary & Remuneration (Monthly)):
इकाई के संचालन हेतु लगने वाले कर्मचारियों/श्रमिकों की आवश्यकता तथा उनको दिए जाने वाले वेतन/पारिश्रमिक का विवरण निम्नानुसार लागत आएगी:
5. उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह) (Expenditure on Utilities (Per Month)):
इकाई में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख उपयोगिताएँ विद्युत तथा करोसिन/डीजल की है । इकाई के संचालन हेतु 0.5 हा. पा. विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होगी । इसके साथ-साथ लाइटिंग आदि पर भी व्यय होगा । विद्युत पर प्रतिमाह लगभग 300रू के व्यय का अनुमान है ।
इस प्रकार भट्टी के संचालन हेतु प्रतिमाह लगभग 750 लीटर केरोसिन की आवश्यकता होगी । जिसकी प्रतिमाह लागत 3000 रू आएगी । कुल मिलाकर उपयोगिताओं पर प्रतिमाह लगभग 3300रू की लागत आने का अनुमान है ।
6. विविध खर्चे (प्रतिमाह) (Miscellaneous Expenses (Per Month)):
इकाई में निम्नानुसार विविध खर्चे होना भी प्रस्तावित है:
11. इकाई से कुल वार्षिक प्राप्तियां:
इकाई में उत्पादित होने वाले 9375 कि.ग्रा. मावे की 80रू प्रति कि.ग्रा. की से बिक्री से वर्ष में कुल 750000 की प्राप्तियां होगी ।
12. इकाई की लाभप्रदता:
वार्षिक लाभ = (कुल प्राप्तियां-उत्पादन लागत) = 102974
मासिक लाभ = 8581
14. कच्चे माल के प्रदायकर्ता:
कच्चा माल स्थानीय दुग्ध उत्पादकों से एकत्रित किया जाएगा ।