मोटरसाइकिलों के लिए क्लच और गियर तारों का निर्माण कैसे करें | Read this article in Hindi to learn about how to manufacture and produce clutch and gear wires for scooters and motor cycles.
स्कूटर, मोटर साईकिल तथा मोपेड आज लगभग प्रत्येक मध्यमवर्गीय परिवार की अनिवार्य आवश्यकता की वस्तु बन चुके है । मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की खरीद शक्ति (पचेजिग पावर) में हो रहे सुधार भारतीय बाजारों में अनेकों तरह के स्कूटर्स तथा मोटर साइकिलों की प्रस्तुति तथा शासकीय एवं अर्धशासकीय विभागों द्वारा अपने कर्मचारियों को वाहन खरीदी हेतु दी जाने वाली ऋण सुविधाओं के कारण इन वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है ।
स्कूटरों तथा मोटर साइकिलों में प्रयुक्त होने वाले अनिवार्य भाग है क्लच तथा गीयर, जिनके बिना वाहन का चलाना संभव नहीं होता । प्रायः क्लच एवं गीयर वायर्स की आयु (लाइफ) छ: माह से अधिक नहीं होती तथा बार मार टूटने के कारण इनका रीप्लेसमैंट बाजार काफी व्यापक है ।
इस संदर्भ में दिल्ली स्थित किन्हीं उत्पादकों जैसे जग्गी, टीनू, घई, एस.एस.के., वायरेक्स आदि द्वारा ये उत्पाद बाजार में प्रस्तुत किये जा रहे है जिन्हें इनके लिए काफी बड़ा बाजार प्राप्त हो रहा है । क्योंकि इन उत्पादों में कोई ब्रांड नाम प्रचलित नहीं है इनका उत्पादन करना काफी आसान है तथा इनका रीप्लेसमैंट बाजार काफी व्यापक है अतः यदि इन वस्तुओं का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही किया जाए तो इनके के लिए वहां काफी बड़ा बाजार प्राप्त हो सकता है ।
क्लच वायर तथा गीयर वायर की उत्पादन प्रक्रिया (Production Process for Manufacturing Clutch and Gear Wires):
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क्लच वायर तथा गीयर वायर की निर्माण प्रक्रिया में जितनी तारों को (12 अथवा 18 तार) बांटना (ट्वीस्टिंग करना) हो, उतने स्पिडल वाली (12 अथवा 18 स्पिडल वाली) वायर ट्वीस्टिंग मशीन पर एक साथ एम.एस.वायर के 12 अथवा 18 तार चढ़ा दिये जाते है तथा मशीन को चला दिया जाता है ।
वायर्स के ट्वीस्ट हो जाने पर इस ट्वीस्ट किए हुए तार को निकाल लिया जाता है तथा वांछित साइज के अनुसार काट लिया जाता है । प्रायः स्कूटर्स में लगने वाले क्लच तथा गीयर वायर्स की लंबाई 5 फीट तक होती है जबकि रीयर इंजन में लगने वाले वायर्स की लबाई 8 फीट तक होती है ।
इसके उपरांत इस ट्वीस्ट की हुए तार के कोने में धुडी अथवा बटन (जिसे मक्खी भी कहते है) फिट कर दी जाती है । इस तार के दूसरे हिस्से को शार्प करने के उपरांत इन्हें पौलीथीन में पैक करने विपणन हेतु प्रस्तुत कर दिया जाता है ।
क्लच वायर तथा गीयर वायर की उत्पादन क्षमता (Production Capability for Manufacturing Clutch and Gear Wires):
प्रस्तुत इकाई में वर्ष भर में कुल 15000 दर्जन क्लच व गीयर वायर्स का उत्पादन किया जायेगा जिनकी रुपये प्रति दर्जन की दर से बिक्री से वर्ष भर में कुल 780000 रुपये की प्राप्तियां होगी ।
क्लच वायर तथा गीयर वायर के इकाई की वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Clutch and Gear Wire Manufacturing Entity):
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1. कार्यस्थल की आवश्यकता (Workplace Requirement):
इस इकाई की स्थापना हेतु 800 वर्गफीट का कार्यस्थल पर्याप्त होगा जिसका प्रतिमाह 1 रुपये किराया देय होगा ।
2. मशीनरी तथा उपकरणों की आवश्यकता (Machinery and Equipment Requirement):
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इस इकाई में लगने वाले प्रमुख मशीनरी तथा उपकरण निम्नानुसार होंगे:
3. कच्चे माल की आवश्यकता (प्रतिमाह) (Need of Raw Material (Per Month)):
इस इकाई में लगने वाले प्रमुख कच्चे माल पर निम्नानुसार लागत आने का अनुमान है:
4. उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह):
इस इकाई में प्रयुक्त होने वाली प्रमुख उपयोगिता विद्युत की है जिस पर प्रतिमाह 2000 प्रति माह के व्यय का अनुमान ।
5. वेतन तथा पारिश्रमिक (प्रतिमाह):
इकाई के संचालन हेतु आवश्यक कर्मचारी तथा श्रमिक तथा उनको प्रतिमाह
देय वेतन/पारिश्रमिक का विवरण निम्नानुसार है:
12. कच्चे माल के प्रदायकर्ता (Raw Material Supplier):
इकाई में लगने वाला प्रमुख माल (जैसे एम.एस.वायर्स) स्थानीय बाजार से उपलब्ध है तथा घुंडी/बटन (मक्खी) आदि दिल्ली के बाजारों से निम्नलिखित पतों से प्राप्त की सकती है ।