दूध उत्पादों के लिए विशिष्टता | Read this article in Hindi to learn about the specification for milk products.
1. दही या कर्ड (Dahi or Curd):
दही या कर्ड से अभिप्राय: उस उत्पाद से है जो पास्तुरीकृत या उबले दूध को कृत्रिम या अन्य विधि से हानि रहित लैक्टिक अम्ल या अन्य जीवाणवीय संवर्धन द्वारा अम्लीय करके बनाया जाता है । दही में अतिरिक्त चीनी भी मिली हो सकती है ।
दही में उतना ही वसा तथा वसा रहित ठोस पदार्थ होने चाहिए जितने उस दूध में थे जिससे यह बनाया गया है । जब दही को बिना मानक निर्धारण या मूल दूध की प्रकार बताये बेचा जाता है तो उसे भैंस के दूध में निर्मित दही माना जायेगा । इस उत्पाद को बनाने में दुग्ध ठोस का उपयोग भी किया जा सकता है ।
2. चक्का (Chakka):
चक्का का अर्थ अच्छे गठन, बटन तथा एक समान गाढ़ापन युक्त अर्ध ठोस सफेद से हल्के पीले रंग के पदार्थ से है जो गाय का दूध या भैंस का दूध या स्किम्ड दूध तथा पूर्ण संयोजित दूध या मानकीकृत दूध को लैक्टिक किण्वन द्वारा प्राप्त योगर्ट या दही से व्हे निकाल कर प्राप्त किया गया हो तथा उसे कम से कम पास्तुरीकृत ताप तक का उष्मा उपचार दिया गया हो ।
ADVERTISEMENTS:
इसमें दही या योगार्ट जैसी सुहावनी गन्ध होनी चाहिए । इसमें दूध के अवयवों के अतिरिक्त बाहर का कोई अवयव उपस्थित न हो । यह मोल्ड तथा वसा या पानी या दोनों की उपस्थिति से भी मुक्त होना चाहिए । यह मुलायम हो तथा सुखा दिखाई न दे ।
इसमें बाह्य रंग तथा गन्ध नहीं होनी चाहिए । इसमें कुल ठोस भारानुसार 30% से कम न हो, दुग्ध वसा, शुष्क पदार्थ के आधार पर भारानुसार 33% से कम न हो, दुग्ध प्रोटीन भारानुसार 30% से कम नहीं होनी चाहिए ।
लैक्टिक अम्ल के रूप में अनुमापनीय अम्लता भारानुसार 25% से अधिक न हो तथा शुष्क आधार पर कुल भस्म 3.5% से अधिक नहीं होनी चाहिए । स्किम्ड दूध से बने चक्का में न्यूनतम कुल ठोस 20% जबकि न्यूनतम दुग्ध प्रोटीन शुष्क आधार पर 60% होनी चाहिए ।
जबकि लैक्टिक अम्ल के रूप में अनुमापनीय अम्लता 25% से अधिक नहीं तथा शुष्क आधार पर कुल भस्म की मात्रा 5% से अधिक नहीं होनी चाहिए । जब चक्का बिना विशिष्ट निर्देशन के बेचा जाता है तो उस पर चक्का के मानक लागू होते हैं ।
3. श्रीखण्ड (Shrikhand):
ADVERTISEMENTS:
श्रीखण्ड का अर्थ उस उत्पाद से है जो चक्का या दुग्ध वसा मिश्रित स्किम्ड दूध चक्का से प्राप्त किया गया हो । इसमें फल, मेवा, चीनी, इलायची, केसर तथा अन्य मसाले मिलाये जा सकते हैं । इसमें अतिरिक्त रंगने वाला पदार्थ या कृत्रिम सुगन्ध पैदा करने वाला पदार्थ नहीं मिला होना चाहिए । इसमें नियमानुसार भारानुसार कुल ठोस भार का 58% से कम नहीं होनी चाहिए जबकि भारानुसार दुग्ध वसा तथा दुग्ध प्रोटीन क्रमशः 8.5% तथा 9 से कम नहीं होनी चाहिए ।
शुष्क आधार पर अधिकतम 72.5% चीनी, शुष्क आधार पर कुल भस्म अधिकतम 0.9% तथा लैक्टिक अम्ल के रूप में अनुमापित अम्लता भार का 1.4% से अधिक नहीं होनी चाहिए । फलयुक्त श्रीखंड में शुष्काधार पर भारानुसार न्यूनतम 7.0% दुग्ध वसा तथा शुष्काधार पर ही भारानुसार दुग्ध प्रोटीन की मात्रा 9% से कम नहीं होनी चाहिए ।
4. योगर्ट (Yogurt):
योगर्ट दूध से बना वह दुग्ध पदार्थ है जो टोंड दूध, पास्तुरीकृत दूध या उबले दूध में लैक्टोबेसीलस बल्गेरीकस (Lactobacillus Bulgaricus) डेलब्रुकी उपजाति बल्गेरीकस तथा स्ट्रैप्टोकोकस बल्गेरीकस थर्मोफीलस (Streptococcus Thermophillus) द्वारा लैक्टिक अम्ल किण्वन से प्राप्त किया गया हो ।
इसमें बाईफिडसबैक्टिरीयम बाईफिडस तथा लैक्टोबैसीलस एसीडोफीलस का संवर्धन भी हो सकता है । तथा यदि यह मिलाया गया है तो उसकी घोषणा लेबल पर लिखी होनी चाहिए । उत्पाद का बदन मुलायम तथा कस्टर्ड की तरह का गाढ़ापान होना चाहिए जिसमें से वह व्हे न निकाला गया हो ।
ADVERTISEMENTS:
इसमें निम्नलिखित पदार्थ हो सकते हैं:
(अ) लैक्टैज एन्जाईम से निर्मित पदार्थ तथा पास्तुरीकृत उत्पाद से निर्मित जल विलेय प्रोटीन, कैसीनेट, व्हे प्रोटीन, स्किम्ड दुग्ध चूर्ण तथा दुग्ध चूर्ण ।
(ब) चीनी, कोर्न शर्बत या ग्लूकोज शर्बत-केवल फल योगर्ट तथा मीठा सुगन्धित योगर्ट में ।
(स) केवल फल योगर्ट तथा सुगन्धित योगर्ट में फल, फलों का गुदा, जैम, फल शर्बत फलों का रस आदि ।
(द) केवल सुगन्धित तथा फल योगर्ट में अनुमति प्राप्त रंग तथा सुगन्ध पैदा करने वाले पदार्थ । इनमें भारानुसार अधिकतम 0.5% तक अनुमति प्राप्त स्थायीकारक भी मिलाये जा सकते हैं ।
योगर्ट को निम्नलिखित मानक पूरे करने चाहिए:
(i) इसमें न्यूनतम 3.0% वसा, न्यूनतम 8.5% वसा रहित दुग्ध ठोस तथा न्यूनतम 3.2% दुग्ध प्रोटीन होनी चाहिए ।
(ii) फल, योगर्ट में दुग्ध वसा, दुग्ध वसा रहित ठोस, दुग्ध प्रोटीन तथा चीनी का न्यूनतम स्तर क्रमश: 1.5%, 8.5%, 2.6% तथा 6.0% होना चाहिए ।
लैक्टिक अम्ल के रूप में भारानुसार उत्पाद की अनुमापनीय अम्लता से 0.8 से 1.2% तक हो सकती है । उत्पाद में विशिष्ट लैक्टिक अम्ल जीवाणुवीय गणना 10,00,000 प्रति ग्राम से कम नहीं होनी चाहिए तथा उत्पाद में ई. कोलाई अनुपस्थित रहना चाहिए ।
5. क्रीम (Cream):
निर्जर्मीकृत क्रीम को सम्मिलित करते हुए क्रीम का अर्थ गाय या भैंस या उनके मिश्रित दूध से प्राप्त उत्पाद से है । ये स्टार्च एवं दूध अवयवों के अतिरिक्त अन्य अवयवों से मुक्त होनी चाहिए ।
पतली क्रीम में भार के आधार पर 25% दुग्ध वसा, मध्यम क्रीम में 40% दुग्ध वसा तथा गाढ़ी क्रीम में न्यूनतम 60% या अधिक दुग्ध वसा पायी जाती है । जब क्रीम को बिना मानक अंकित किये विक्रय किया जाता है तो उस उच्च वसा युक्त (गाढ़ी) क्रीम माना जाता है ।
6. देशी या कूकिंग बटर [Deshi (Cooking) Butter]:
देशी या कूकिंग बटर वह दुग्ध उत्पाद है जो गाय या भैंस या इनके मिश्रित दूध से प्राप्त दही से परीरक्षी के रूप में साधारण नमक या रंगने वाले पदार्थ तथा सुगन्धित पदार्थ को मिलाकर या इनके बिना मिलाये प्राप्त किया गया हो । यह अन्य पशु वसा, मोम तथा खनिज तेल, वनस्पति तेल तथा वसा से मुक्त होना चाहिए ।
इसमें भारानुसार कम से कम 76.0% दुग्ध वसा होना चाहिए । जब मक्खन को लेबल पर बिना सूचना दर्शाये कि यह टेबल बटर है या देशी बटर बेचा जाता है । तो उस पर टेबल बटर के मानक लागू होंगे ।
7. टेबल बटर [Table (Creamery) Butter]:
टेबल बटर का अर्थ उस उत्पाद से है जो के दूध या भैंस के दूध या इनके मिश्रण या क्रीम या दही जो गाय या भैंस या इनके मिश्रित दूध से बनी हो, से सादा नमक या अन्नाटो या कैरोटीन (रंगने वाले पदार्थ के रूप में) मिलाकर या बिना मिलाये प्राप्त किया गया हो ।
यह पदार्थ पशु वसा (चर्बी), मोम तथा खनिज तेल, वानस्पतिक वसा अर्थात दुग्ध वसा से अतिरिक्त किसी अन्य वसा से मुक्त होना चाहिए । साधारण नमक के अतिरिक्त अन्य परिरक्षी, रंगने के लिए अन्नाटो या कैरोटीन के अतिरिक्त अन्य पदार्थ न मिलाया गया हो ।
इसमें भारानुसार अधिकतम 16% नमी, न्यूनतम 80.0% दुग्ध वसा, अधिकतम 1.5% वसा रहित दुग्ध ठोस तथा अधिकतम 3% साधारण नमक होना चाहिए । गन्धीय अभिकारक के रूप में डाईएसीटाईल मिलाया गया है तो इसकी मात्रा 40 पी.पी.एम. से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
कैल्शियम हाइड्रोक्साईड, सोडियम बाईकार्बोनेट सोडियम पोलीफोस्फेट (लीनियर फोस्फोस्फेट के रूप में) को अन्तिम उत्पाद में हाईड्रोजन आयन सान्द्रता, पी.एच.नियमन के लिए अधिकतम भारानुसार पूर्ण मक्खन में 0.2% तक मिलाया जा सकता है ।
8. घी (Ghee):
घी का अर्थ है शुद्ध स्वच्छीकृत वसा जो केवल दूध या दही या देशी या कूकिंग या व्यवसायिक मक्खन या क्रीम से प्राप्त किया गया हो तथा उसमें कोई रंगने वाला पदार्थ या परिरक्षी न मिलाया गया हो ।
9. खोआ (Khoya):
खोआ देश में पिंडी, दानेदार या धाप के नाम से उपलब्ध है खोआ का तात्पर्य उस उत्पाद से है जो गाय के दूध या भैंस के दूध या बकरी या भेड़ के दूध या दुग्ध ठोस या इन्हें मिलाकर मिश्रण का तीव्र शुष्कन करके बनाया गया हो ।
अन्तिम उत्पादन में भारानुसार न्यूनतम 30% वसा होना चाहिए । इसमें भारानुसार 0.1% तक सिट्रिक अम्ल मिलाया जा सकता है । खोआ स्टार्च, मिलायी गयी शर्करा तथा रंगने वाले पदार्थों से मुक्त होना चाहिए ।
10. छैना या पनीर (Chhana or Paneer):
छैना या पनीर वह पदार्थ है जो गाय या भैंस या इनके मिश्रित दूध से उसे खट्टा दूध, दुग्धाम्ल या सिट्रिक अम्ल मिलाकर निर्मित किया जाता है । इसमें 70% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए । वसा की मात्रा शुष्क पदार्थ के आधार पर 50% से कम नहीं होना चाहिए । लो फैट छैना में दुग्ध वसा, शुष्क पदार्थ का अधिकतम 15.0% तक होना चाहिए ।
11. चीज [Cheese (Hard)]:
चीज का तात्पर्य उस उत्पाद से है जो दूध को हानि रहित जीवाणवीय जामन के प्रभाव में हानि रहित दुग्ध स्कन्दन अभिकरण (रैनेट) द्वारा स्कन्दित करके व्हे को निकालकर तैयार किया जाता है ।
इसमें स्कन्दन अभिकरण, सोडियम क्लोराईड, कैल्शियम क्लोराइड (अजलीय लवण) जो भार के अनुसार 0.02% से अधिक न हो, अन्नाटो तथा कैरोटीन रंग तथा इम्लसीफर व स्थाईकारक, जैसे- सिट्रिक अम्ल, सोडियम साइट्रेट या ओर्थोफोस्फोरिक अम्ल का सोडियम लवण, तथा पालीफोस्फोरिक अम्ल (लीनियर फोस्फेट के रूप में) जो भार के अनुसार 0.2% से अधिक न हो, के अतिरिक्त ऐसा कोई अवयव उपस्थित न हो जो दूध में न पाया जाता हो ।
बाह्य सतह को ढकने के लिए प्रयोग किये जाने वाले मोम में स्वास्थ्य के लिए कोई हानिकारक पदार्थ न हो । मोम को रंगने के लिए केवल अनुमोदित रंगों का ही प्रयोग किया जाये ।
कठोर चीज में अधिकतम 43% नमी तथा शुष्क पदार्थ का न्यूनतम 42% वसा हो (कठोर चीज में 3,000 पी.पी.एम. तक सोर्बिक अम्ल या इसके सोडियम, पोटेशियम या कैल्शियम लवण तथा या 12.5 पी.पी.एम. नियासिन अकेला या संयोग के रूप में उपस्थित हो सकता है ।)
12. प्रसंस्करित चीज (Processed Cheese):
प्रसंस्करित चीज का अर्थ उस उत्पाद से है जो एक या अधिक प्रकार की कठोर चीज को साईट्रिक अम्ल, सोडियम साइट्रेट, अर्थोफास्फोरिक अम्ल के सोडियम लवण या लीनियर पोली फोस्फेट के रूप में पोलीफोसफारिक अम्ल के साथ मसाले तथा अम्लकारक अभिकरण, जैसे- सिरका, लैक्टिक अम्ल, ऐसिटिक अम्ल, सिट्रिक अम्ल तथा फोस्फोरिक अम्ल के साथ काट कर, पीस कर तथा गर्म करके तैयार किया जाता है ।
प्रसंस्करित चीज में 4% तक अजलीय अनुमोदित इम्लसीफर तथा या स्थायीकारक इस शर्त के साथ मिलाये जाते हैं कि अन्तिम उत्पाद में इनकी मात्रा या अकार्बनिक अभिकारकों की मात्रा 3% से अधिक न हो । इसमें 47% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए । वसा की मात्रा शुष्क पदार्थ के आधार पर 40% से कम न हो ।
प्रसंस्करित चीज़ में सोर्बिक अम्ल या इसके सोडियम, पाटेशियम या कैल्शियम लवण (सोर्बिक अम्ल के रूप में आगणित) की मात्रा 3,000 पी.पी.एम. तक हो सकती है । नियासिन की मात्रा अकेले या संयोग के रूप में 124 पी.पी.एम. तक हो सकती है ।
इसमें भार के आधार पर 0.02% तक कैल्शियम क्लोराईड भी हो सकती है । इस प्रकार की चीज़ को टिन के अतिरिक्त अन्य प्रकार के पैकेज में बेचने हेतु नमी की मात्रा अधिकतम 50% निर्धारित है ।
13. आईस्क्रिम, कुल्फी या चोकलेट आईस्क्रिम (Ice Cream, Kulfi and Chocolate Ice Cream):
आईस्क्रिम, सीफ्टी आईस्क्रिम, कुल्फी या चोकलेट आईस्क्रिम से अभिप्राय उस हिमीकृत पदार्थ से है जो गाय के दूध या भैंस के दूध या इनके संयोग या क्रीम तथा अन्य दुग्ध उत्पाद से चीनी मिलाकर या बिना मिलाये (डैक्सट्रोज, तरल ग्लूकोज तथा शुष्क ग्लूकोज या माल्टो डैक्सट्रिन), अंडा, फल, फलों का रस, परिरक्षित फल, मेवा, चोकलेट, खाने योग्य सुगन्ध तथा अनुमति प्राप्त खाद्य रंग मिलाकर तैयार किया जाता है ।
इसमें भार के अनुसार 0.5% अनुमति प्राप्त स्थायी कारक या इमल्सीफर होते हैं । हिमीकरण से पूर्व मिश्रण को उपयुक्त रूप में गर्म किया गया हो । उत्पाद में कम से कम 10% दुग्ध वसा, 3.5% प्रोटीन तथा 36% कुल ठोस होने चाहिए ।
स्टार्च अधिकतम 5% तक मिलाया जा सकता है जो लेबल पर अंकित होना चाहिए, यह नियम 43 के उपनियम 2 में निर्दिष्ट है । आईस्क्रिम के मानक सोफ्ट आईस्क्रिम पर भी लागू होंगे ।
ऐसी आईस्क्रिम जहां चोकलेट या लपेटने वाले पदार्थ अलग परत के रूप में प्रयोग किये गये हों, आईस्क्रीम के मानक केवल आईस्कीम भाग पर ही लागू होंगे । एक लीटर आईस्क्रीम का भार न्यूनतम 525 ग्राम होना चाहिए । मध्यम वसा आईस्क्रीम में कम से कम 30% कुल ठोस, 5-10% दुग्ध वसा, 3.5% प्रोटीन होनी चाहिए ।
इसका एक लीटर का भार न्यूनतम ग्राम निर्धारित है । न्यून नमा आईस्क्रीम में कम से कम 26% कुल ठोस, 2.5% दुग्ध वसा, दुग्ध प्रोटीन तथा 475 ग्राम भार प्रति लीटर निर्धारित है ।
14. Evaporated or Unsweetened Condensed Milk (वाष्पित दूध वह पदार्थ):
वाष्पित दूध वह पदार्थ है जो गाय या भैंस का दूध या दोनों के मिश्रित दूध या मानकीकृत दूध में से पानी के आंशिक वाष्पीकरण द्वारा प्राप्त किया जाता है । इसमें बहार से मिलाये गये पदार्थों में कैल्शियम क्लोराईड, साईट्रिक अम्ल, सोडियम साइट्रेट, ओर्थोफोस्फेट या पोली फोस्फेट के सोडियम लवण (लीनियर फोस्फेट के रूप में) भारानुसार अन्तिम उत्पाद में अधिकतम 0.3% तक उपस्थित है ।
इन मिलाये गये पदार्थों को लेबल पर लिखना आवश्यक नहीं है । फीके संघनित दूध में न्यूनतम 8.0% दुग्ध वसा तथा न्यूनतम 26% दुग्ध ठोस होने चाहिए । फीके स्किम संघनित दूध (वाष्पित स्किम्ड दूध) में दुग्ध वसा अधिकतम 0.5% तथा दुग्ध ठोस न्यूनतम 20% होने चाहिए ।
15. Sweetened Condensed Milk (मीठा संघनित दूध):
मीठा संघनित दूध से तात्पर्य उस दूध से है जो गाय के दूध या भैंस के दूध या इनके मिश्रण या मानकीकृत से पानी के आंशिक वाष्पीकरण द्वारा तथा इसमें चीनी मिलाकर तैयार किया जाता है ।
बाहर से मिलाये गये पदार्थों में विशुद्ध लैक्टोज, कैल्शियम क्लोराइड, साईट्रिक अम्ल, सोडियम साईट्रेट, ओर्थोफोस्फोरिक या पोलीफोस्फोरिक अम्ल के सोडियम लवण (लीनियर फोस्फेट के रूप में) भार के अनुसार अन्तिम उत्पाद में 0.3% से अधिक न हो । इस तरह के योग की लेबल पर दर्शाने की आवश्यकता नहीं है ।
मीठे संघनित दूध में न्यूनतम 9% दुग्ध वसा तथा न्यूनतम 31% कुल दुग्ध ठोस तथा चीनी न्यूनतम 40% होनी चाहिए । कुल अम्लता, लैक्टिक अम्ल के रूप में 0.35% से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
मीठा स्किम संघनित दूध में अधिकतम 0.5% दुग्ध वसा तथा न्यूनतम 26% कुल दुग्ध ठोस होने चाहिए जबकि आंशिक स्किम्ड मीठा संघनित दूध में भारानुसार न्यूनतम 3% व अधिकतम 9% तक दुग्ध वसा तथा न्यूनतम 28% कुल दुग्ध ठोस होने चाहिए ।
16. Milk Power (दुग्धचूर्ण):
दुग्धचूर्ण से आशय उस उत्पाद से है जो गाय के दूध या भैंस के दूध या इनके मिश्रण को फुव्वारा शुष्कन विधि से सुखाकर तैयार किया गया हो । इस अन्तिम उत्पाद में भारानुसार 0.3% तक अतिरिक्त रूप से मिलाये गये पदार्थों में कैल्शियम क्लोराईड, सिट्रिक अम्ल, सोडियम साईट्रेट, ओथोंफोस्फोरिक या पोली फोस्फोरिक अम्ल (सीनियर फोस्फेट के रूप में) के सोडियम लवण हो सकते हैं ।
भारानुसार 0.01% तक ब्यूटाईरेट हाइड्रोक्सी ऐनीसोल (बी.एच.ए.) भी मिलाया जा सकता है । इस तरह के योग को लेबल पर दर्शाने की आवश्यकता नहीं है । नियम 42 के अनुसार लेबल पर दर्शाते हुए इसमें घुलनशीलता में सुधार के लिए 0.5% तक लैसीथिन भी मिलाया जा सकता है ।
दुग्ध चूर्ण में अधिकतम 4% तक नमी, न्यूनतम 26% दुग्ध वसा, न्यूनतम 96% कुल ठोस, न्यूनतम 34% दुग्ध प्रोटीन तथा शुष्क पदार्थ के आधार पर अधिकतम 7.3% तक कुल भस्म होनी चाहिए । लैक्टिम अम्ल के रूप में प्रदर्शित कुल अम्लता अधिकतम 1.8% तक हो ।
इसका प्लेट गणना अधिकतम 40,000 प्रति ग्राम, कोलीफार्म गणना तथा कोयगुलोज धनात्मक स्टैफाईलोकोकस ऐरस 0.1 ग्राम दुग्ध चूर्ण नमूने में अनुपस्थित होने चाहिए । सालमोनेला तथा शीगेला 25 ग्राम दुग्ध चूर्ण में अनुपस्थित होने चाहिए । इसकी घुलनशीलता सूचक 2.0 मि.ली. से अधिक नहीं होना चाहिए । घुलनशीलता प्रतिशत 99% से कम नहीं होना चाहिए ।
17. Skimmed Milk Powder (स्किम्ड दुग्ध चूर्ण):
स्किम्ड दुग्ध चूर्ण का तात्पर्य उस उत्पाद से है जो गाय के दूध या भैंस के दूध या इनके मिश्रण से प्राप्त सप्रेटा दूध में से पानी को निकाल दिया गया हो । अन्तिम उत्पाद में भारानुसार अधिकतम 0.3% तक बाहर से मिलाया हुआ कैल्शियम क्लोराईड, सिट्रिक अम्ल, सोडियम साईट्रेट, आर्थोफोस्फेट या पोलीफोस्फोरिक अम्ल (लीनियर पोलीफोस्फेट के रूप में) के सोडियम लवण हो सकते हैं ।
इस योग को लेबल पर दर्शाने की आवश्यकता नहीं है । स्किम्ड दुग्ध चूर्ण में 1.5% से अधिक दुग्ध बसा, न्यूनतम 34% दुग्ध प्रोटीन तथा 5% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए । लैक्टिक अम्ल के रूप में प्रदर्शित कुल अम्लता 1.8% से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
कुल प्लेट गणना अधिकतम 50,000 प्रति ग्राम तथा 0.1 ग्राम चूर्ण में प्रति ग्राम कोलीफोर्म अनुपस्थित होने चाहिए । अघुलनशीलता सूचक अधिकतम 15.0 मि.ली. रोलर शुष्कन चूर्ण के लिए तथा 1.5 मि.मी. फव्वार शुष्कन चूर्ण के लिए होना चाहिए ।
कुल ठोस न्यूनतम 95% तथा शुष्क पदार्थ पर आधारित कुल अम्ल 8.2% से अधिक नहीं होनी चाहिए । इसका घुलनशीलता प्रतिशत 99% से कम नहीं होने चाहिए ।
18. Partially Skimmed Milk Powder (आंशिक स्किम्ड दुग्ध चूर्ण):
आंशिक स्किम्ड दुग्ध चूर्ण का आशय उस पदार्थ से है जो गाय के दूध, भैंस के दूध या इनके मिश्रण का आंशिक पृथक्कीकरण तथा जल वाष्पीकरण द्वारा तैयार किया गया हो । अन्तिम उत्पाद में भारानुसार 0.3% तक कैल्शियम क्लोराईड, सिट्रिक अम्ल, सोडियम साईट्रेट, ओर्थोफोस्फोरिक या पोलीफोस्फोरिक अम्ल (लीनियर फोस्फेट के रूप में) के सोडियम लवण मिलाये जा सकते हैं ।
इन मिलाये गये पदार्थों को लेबल पर दर्शाना आवश्यक नहीं है । आंशिक स्किम्ड दुग्ध चूर्ण में अधिकतम 5% नमी होनी चाहिए । वसा प्रतिशत 1.5% से अधिक तथा 26% से कम होनी चाहिए । अन्तिम उत्पाद में भारानुसार अधिकतम 0.01% तक ब्यूटाईलेटिड हाइड्रोक्सी एनीसोल (बी.एच.ए.) मिलाया जा सकता है ।
वसा की ठीक मात्रा को लेबल पर दर्शाया जाना चाहिए । अधिकतम अघुलनशील सूचक रोलर शुष्कन चूर्ण के लिए 15.0 मि.ली. तथा स्प्रे शुष्कन दूध चूर्ण के लिए 1.5 मि.ली. होनी चाहिए । कुल ठोस 95% से कम तथा कुल भस्म की मात्रा 8.2% से अधिक नहीं होनी चाहिए । लैक्टिक अम्ल के रूप में अम्लता प्रतिशत 1.5% से अधिक नहीं होनी चाहिए । इसकी न्यूनतम घुलनशीलता 99% होनी चाहिए ।
(i) Agmark Standards:
पी.एफ.ए. के मानकों, जो ऊपर वर्णित किये गये हैं, के साथ-साथ घी तथा मक्खन के लिए एग्मार्क मानक भी निर्धारित है । ये मानक भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा कृषि उत्पाद श्रेणीयन एवं विपणन एक्ट 1937 के अन्तर्गत निर्धारित है ।
ये DMI (Directorate of Marketing and Inspection) द्वारा निर्धारित किये जाते हैं । मानक मानने बाह्यकारी नहीं हैं । अर्थात् घी तथा मक्खन का उत्पादक या विक्रेता इन्हें अपने उत्पाद के लिए लागू कर भी सकता है तथा नहीं भी । ये गुणवत्ता मानक है तथा उत्पाद पर यदि एग्मार्क की मोहर लगी है तो उत्पाद को लाभ मिलता है । ये मानक पी.एफ.ए. मानकों से उच्च श्रेणी के हैं ।
(ii) BIS Standards:
घी, मक्खन तथा कुछ तरल दुग्ध उत्पादों के अतिरिक्त अन्य दुग्ध उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित आई.एस.आई. मानक है । ये मानक भी गुणवत्ता मानक हैं तथा पी.एफ.ए. मानकों से उच्च श्रेणी के है । यदि कोई उत्पादक, अपने उत्पाद पर आई.एस.आई. मोहर लगवाना चाहता है तो उसके उत्पाद द्वारा आई.एस.आई. द्वारा निर्धारित मानक पूरे किये जाने चाहिए ।
कुछ दुग्ध पदार्थ जैसे- दुग्ध-चूर्ण (पूर्ण तथा स्किम्ड), संघनित दूध तथा अन्न आधारित वीनिंग खाद्य उत्पादन के लिए बी.आई.एस. द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है । BIS प्रसंस्करित खाद्य पदार्थों के लिए मानक निर्धारित करता है ।
(iii) International Standards:
कोडेक्स एलीमैप्टेरियस द्वारा दूध एवं दुग्ध उत्पादों को सम्मिलित करते हुए खाद्य एवं खाद्य पदार्थों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक निर्धारित किये हैं । ये मानक WTO द्वारा मान्यता प्राप्त हैं ।