चेन्ना-आधारित मिठाई की सूची | Here is a list of chhena based sweets in Hindi language.

1. रसगोला (Rasogola):

वैधानिक स्तर (BIS) के अनुसार रसगोला में अधिकतम 55% नमी, 45% शर्करा तथा न्यूनतम 5% वसा व 5% प्रोटीन होनी चाहिए । इस पदार्थ का उद्भव पूर्वी क्षेत्रों में हुआ है अत: यह बंगाली मिठाइयों की श्रेणी में आता है । ये मार्बल-सफेद रंग के स्पंजी बदन युक्त व मुलायम गठन के मना के बने गोले होते हैं ।

निर्माण विधि:

छैना को मुलायम पेस्ट बनने तक गूंथते हैं । हाथ द्वारा 6 ग्राम गूथे छैना के गोले बनाये जाते हैं । इन गोलों को 60%, शर्करा युक्त उबलते शर्बत में 20 मिनट तक पकाते हैं । बाद में इन्हें 40% शर्करा युक्त शर्बत में 60°C ताप पर अन्दर रस भरने के लिए रखते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

भैंस के दूध से रसगोला बनाने के लिए प्राप्त छैना में 6% अरारोट, 2% सेमोलिना तथा 0.6% खाने का सोडा मिला कर छैना को गूँथ कर पेस्ट बनाते हैं । 6 ग्राम भार के गोले बनाकर 50% शर्करा के शर्बत में 25 मिनट के लिए उबालते हैं ।

पके रसगोला को 40% शर्करा शर्बत में 60°C ताप पर डाल कर सामान्य ताप पर रख दिया जाता है । गाय के 100 ग्राम छैना से 254 gm तथा भैंस के 100 ग्राम छैना से 342 gm रसगोला बनते हैं ।

2. सन्देश (Sandesh):

ये क्यूबाकार मिठाई पूर्वी राज्यों में रिश्तेदारों या दोस्तों को अच्छे समाचार के साथ भेजी जाती है । इसी कारण इसे सन्देश नाम दिया गया है । यह दुग्ध वसा तथा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है । सन्देश बनाने के लिए गाय के दूध से बना छैना अधिक उपर्युक्त है क्योंकि इसे मुलायम पदार्थ बनता है ।

यह बाजार में तीन रूपों में मिलता है:

ADVERTISEMENTS:

1. मुलायम-नरम पाक (Medium Moisture Sandesh),

2. कड़ा-कड़ा पाक (Low Moisture Sandesh),

3. कच्चा गोला (High Moisture Grade Sandesh) ।

निर्माण विधि (Method of Preparation):

ADVERTISEMENTS:

1. गाय के दूध से:

गाय के 4% वसा युक्त दूध से 80°C ताप पर 2% सिट्रिक अम्ल विलयन प्रयोग करके छैना बनाते हैं । प्राप्त छैना को अच्छी प्रकार से गूंथ कर दो भागों में बाँट लेते हैं । एक भाग में 30% महीन शर्करा मिलाते हैं ।

इस मिश्रण को कड़ाही को खुरचते हुए धीरे-धीरे गर्म करते हैं तापमान 75°C पर जाने पर जब छैना जमने की स्थिति (Patting Stage) आ जाये तो दूसरा लोट प्रथम लोट में मिला दिया जाता है ।

गर्म करते हुए खुरचना चलाते रहते हैं जब तक कि तापमान 60°C स्तर तक पहुंचे । मिश्रण को 37°C ताप पर ठण्डा करके इच्छित आकार तथा स्वरूप में बना लिया जाता है ।

2. भैंस के दूध से:

भैंस के 4% वसा युक्त दूध को उबाल कर उसमें दूध के आयतन का 30% पानी मिलाते है । 70° ताप पर 0.5% सिट्रिक अम्ल के विलयन द्वारा दूध का स्कन्दन किया जाता है । व्हे निकाल कर छैना को गूंथते तथा दो भागों में बांटते हैं । तत्पश्चात उपरोक्त विधि द्वारा सन्देश बना लिया जाता है ।

सन्देश का संगठन तथा उत्पादन:

गाय के दूध से लगभग 16% तथा भैंस के दूध से लगभग 21% सन्देश बनता है ।

इसका रासायनिक संगठन निम्नानुसार होता है:

3. रसमलाई (Rasmalai):

रसमलाई, रसगोला को मीठे संघनित दूध में डूबो कर तैयार की जाती है । इस मिठाई को विकास पूर्वी प्रदेशों में हुआ । वहीं से यह भारत में फैली । ये स्पंजी, सफेद-मर्वाल छैना के गोले गाढ़े दूध में डुबो कर खाये जाते हैं ।

उत्पादन विधि:

शुद्ध 1 कि.ग्रा. दूध को कड़ाही में लेकर वाष्पन द्वारा उसकी आधी मात्रा कर लेते हैं । 500 ग्राम रहने पर मूल दूध का 4% चीनी (40 ग्राम) मिलाते हैं । धीमी आँच पर 350 ग्राम रहने तक गर्म किया जाता है । चीनी मिला कर गर्म करने से पदार्थ में सुहावनी गन्ध तथा अच्छा स्वाद उत्पन्न हो जाता है ।

चपटे आकार के रसगोले बना कर गर्म मीठे गाढ़े दूध में डाल कर 2-5 मिनट तक गर्म करने हैं । बर्तन को आग से उतार कर कमरे के ताप पर ठंडा होने के लिए रख देते हैं । तत्पश्चात इसे रैफ्रीजिरेशन ताप पर ठण्डा करके संग्रह किया जाता है ।

अवशीतित होने पर पदार्थ अधिक सफ़ेद दिखाई देने लगता है । इस पदार्थ का संग्रह आयु मात्रा 3 से 5 दिन तक होती है । परोसने से पूर्व छैना के गोली पर मेवा (Dry Fruits) भी लगायी जाती है ।

4. छैना मुर्की (Chhena-Murki):

पूर्वी क्षेत्रों की यह प्रसिद्ध मिठाई है । यह छोटे क्यूब के आकार में बनाये जाते हैं ये कठोर बदन व सघन गठन (Close Knite Texture) युक्त शर्करा से लिपटे छैना के क्यूबाकार टुकड़े होते हैं । यह उत्तरी भारत में भी खूब प्रचलित है ।

इस मिठाई के निर्माण के लिए भैंस का दूध अधिक पसन्द किया जाता है । इसकी उत्पादन तकनीक का मानकीकरण न होने के कारण इसके भौतिक, रासायनिक, सूक्ष्म जैविक तथा संवेदी गुणों में काफी विभिन्नता पायी जाती है ।

छैना मुर्की की उत्पादन विधि:

छैना को गूंथ कर छोटे क्यूब के आकार में काट लिया जाता है । इन क्यूबाकार छैना के टुकड़ों को पर्याप्त कड़े होने तक उबलते शर्करा शर्बत में उबालते हैं । तैयार क्यूबों को निकाल कर उथले बर्तन में ठंडा हो के लिए फैलाते हैं तत्पश्चात क्यूब के ऊपर सुगन्धी (Essence) तथा रंग लगाया जाता है ।

200 ग्राम छैना से यह मिठाई बनाने के लिए 125 ग्राम चीनी, 45 ग्राम पानी एवं कुछ बुँदे फ्लेवर (केवड़ा) की आवश्यकता होती है । चीनी की तीन तार की चाशनी में 1cm2 आकर के छैना टुकड़े शर्बत में 5 मिनट पकाते हैं ।

 

पकाने समय इसे धीरे-धीरे हिलाते रहते हैं । बर्तन को आग से उतार कर ठण्डा होने के लिए रखते हैं इम समय भी खुरचने सै चलाते रहते हैं । जब पूरा शर्बत छैना के टुकड़े पर आ जाये तो उस पर केवड़ा गन्ध छिड़क कर चलाते हैं ।

रंग बिरंगी मिठाई निर्माण हेतु खाने के रंग भी मिलाये जा सकते हैं । छैना मुर्की में 13.3% नमी, वसा 17.4%, प्रोटीन 11.6%, शर्करा 56.1% तथा भस्म 1.6% होती है ।

5. चम-चम (Cham-Cham):

चमचम भी छैना में बनने वाली मिठाई है । इसके बनाने की विधि रसगोले के समान है । इस मिठाई के बनाने में छैना के गोले बेलनाकार बनाते हैं तथा शर्बत अवशोषण उपरान्त इन पर खोआ या नारियल चूर्ण लपेटा जाता है । इसका संगठन, उपज तथा संग्रह आयु रसगोले के समान है ।

6. पेन्टुआ (Pantooa):

पूर्वी क्षेत्रों में बनाये बाने वाला यह पदार्थ गुलाब जामुन के समान है । छैना में मैदा का सुजी मिला कर गुलाब जामुन की विधि से पेन्टुआ तैयार करते हैं ।

Home››Dairy Products››Sweets››