स्कीम दूध कैसे बनाया जाता है? (11 कदम) | Read this article in Hindi to learn about the eleven main steps involved in the production of skim milk.
Step # 1. दुग्ध प्राप्ति (Receiving of Milk):
दूध प्राप्ति के समय इसका तापमान 10°C से अधिक नहीं होना चाहिए । दूध साफ, मीठा अपसुवास तथा बाह्य पदार्थों से रहित होना चाहिए । दूध प्राप्ति के समय विभिन्न प्लेटफार्म परीक्षण करने चाहिए ।
संघनित दुग्ध उत्पादन के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्म परीक्षण उपयुक्त हैं:
A. एल्कोहल (इथेनोल) परीक्षण (Alcohol (Ethanol) Test):
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इस परीक्षण के लिए 5ml दूध परखनली में लेकर उतनी ही मात्रा में 68% का एल्कोहल मिलाते हैं । मिश्रित करने पर यदि दूध स्कन्दित हो जाए तो वह गर्म करने पर फट जायेगा । अत: Alcohol Positive दूध को संघनन या वाष्पीकरण के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
B. एल्कोहल सूचकांक (Alcohol Index):
बीकर में 10ml दूध लेकर, ब्यूरेट द्वारा बूंद-बूंद करके उसमें Absolute Alcohol डाल कर तब तक मिलाते हैं जब तक कि दूध फट न जाए । दूध फटने में जितने मि.मी. एल्कोहल उपयोग होता है वह उस दूध का एल्कोहल सूचकांक कहलाता है ।
यदि यह सूचकांक 10 या अधिक आता है तो दूध अच्छा माना जाता है । परन्तु तीन से कम एल्कोहल सूचकांक होने पर दूध संघनन या वाष्पीकरण के लिए उपयुक्त नहीं होता है । यह गर्म करने पर स्कन्दित हो सकता है ।
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C. एल्कोहल-ऐलिजेरिन परीक्षण (Alcohol-Alizarin Test):
यह परीक्षण दूध की उष्मा के प्रति स्थिरता (Heat Stability) के साथ-साथ उसके pH को भी सूचित करता है । नमूने का pH 5.6 से कम होने पर दूध इस परीक्षण में स्कन्दित हो जाता है ।
D. उबालने पर स्कन्दन परीक्षण (Colt-on-Boiling Test):
5 मि.ली. दूध परखनली में लेकर Water Bath पर 5 मिनट तक उबालते हैं । यदि इस समय में दूध में स्कन्दन या अवक्षेपण (Coagulation or Precipitation) होता है तो दूध का नमूना C.O.B. धनात्मक होगा तथा इस प्रकार का दूध डेरी संयन्त्र में प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त नहीं होता है ।
Step # 2. दूध का पूर्वतापन (Preheation of Milk):
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दूध को छानने से पहले छानने की क्षमता व दक्षता वृद्धि हेतु उसे 35-40°C ताप पर गर्म करते हैं । इस ताप पर दुग्ध वसा तरलीकृत (Liquefied) होकर वसा कण छनने (Filter) में से आसानी पूर्वक निकल जाते है ।
Step # 3. छानना/स्वच्छीकरण (Filtration/Clarification):
दूध को प्रसंस्करण पूर्ण साफ व स्वच्छ करने के लिए उसे छानते हैं । छानने के साथ-साथ अधिक स्वच्छता के लिए उसका स्वच्छीकरण या निर्मलीकरण (Clarification) भी किया जा सकता है ।
इस प्रक्रिया में दूध से धूल सहित अन्य सभी बाह्यपदार्थ (Non-Milk Constituents) को निकाला जाता है । इसके तुरन्त बाद दूध को प्रसंस्करण प्रारम्भ होने तक 4°C ताप पर जीवाणुवृद्धि दर न्यूनतम रखने के उद्देश्य से ठण्डा करके रखा जाता है ।
Step # 4. मानकीकरण (Standardization):
संघनित दुग्ध उत्पादन के लिए प्रयुक्त कच्चे दूध में वसा तथा वसा रहित ठोस का अनुपात 1:2.44 रखा जाता है । मानकीकरण के लिए कच्चे दूध में आवश्यकतानुसार क्रीम या स्प्रेटा दूध मिलाते हैं ।
Step # 5. पूर्वतापन (Forwarming):
इस चरण का उद्देश्य दूध को जीवाणुरहित करने के साथ-साथ संघनित दूध में संग्रह काल के दौरान उत्पन्न होने वाली कमी (Age Thickening) से बचाव करना है । इसके लिए दूध को संघनन पूर्व 82°C से 93°C ताप पर 5 से 15 मिनट तक गर्म करते हैं ।
वर्तमान में 115°C से 118°C ताप तक दूध को बिना धारण किये गर्म करने का प्रचलन है । इसका उद्देश्य दुग्ध एन्जाईमो को अक्रियाशील बनाना तथा हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करना है ।
Step # 6. चीनी मिलाना (Addition of Sugar):
संघनित दूध को निर्जमीकृत (Sterilize) किये बिना संरक्षित (Preserve) करने के उद्देश्य से उसमें इतनी चीनी मिलाते हैं कि संग्रह काल के दौरान पदार्थ में जीवाणु वृद्धि न करें । यह मात्रा कच्चे दूध की 18-20% या संघनित दुग्ध पदार्थ की 40-45% तक रखी जानी है । संघनित दूध में उपस्थित जल में चीनी की प्रतिशत मात्रा (Sugar Ratio) 62.5 से 64.5% रखी जाती है । यह अनुपात दूध की सुरक्षा की दृष्टि से सर्वोप्युक्त है ।
संघनित दूध का Sugar Ratio निम्नांकित सूत्र द्वारा निकाला जा सकता है:
Sugar Ratio (%) = Percent Sugar in Condensed Milk/100- Percent Total Milk Solids in C.M. × 100
या
= Percent Sugar in Condensed Milk/Percent Sugar + Percent Water × 100
चीनी संघनन प्रक्रिया की अन्तिम अवस्था में मिलायी जाती है । चीनी का पहले शर्बत तैयार करते हैं । तब यह शर्बत दूध में मिलाया जाता है । संघनन पूर्व चीनी मिलाने से वाष्पीकरण में समस्या आती है ।
Step # 7. संघनन (Condensing):
सामान्य दाब पर दूध 100.17°C ताप पर उबलता है । इस ताप व दाब पर वाष्पीकरण में सर्वाधिक ऊर्जा व्यय होती है । साथ ही पोषण तत्वों की हानि भी अधिक होती है । इस अपव्यय को रोकने के लिए संघनन क्रिया कम दाब व ताप पर की जाती है ।
निर्वात में दूध 54-60°C ताप पर उबलने लगता है । अत: कम ताप पर वाष्पीकरण के लिए निर्वात पात्र (Vacuum Pan) का उपयोग किया जाता है । इन पात्रों में भाप के वितरण के लिए वाष्प नलिकाएं प्रयोग की जाती हैं । निर्वात पात्र में मानकीकृत दूध को इतना भरते हैं कि पात्र में लगी वाष्प नलिकाएं दूध से ढक जाए ।
पात्र में दूध भर कर उसे बन्द करके नलिकाओं में वाष्प प्रवाहित करते हैं । दूध 54-60°C ताप तक गर्म होकर उबलने लगता है । दूध के वाष्पीकरण के लिए बहुप्रभावी वाष्पित्र (Multiple Effect Evaporator) अधिक आर्थिक रहते हैं । इस प्रणाली में एक से अधिक वाष्पित्र क्रम में लगाये जाते हैं ।
भाप प्रथम वाष्पित्र में दूध को गर्म करके द्वितीय में प्रवेश करती है । इसी क्रम में सभी वाष्पित्रों से होती हुई अन्तिम वाष्पित्र से भाप संघनक (Condenser) में चली जोती है । वाष्पित्रों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रति कि.ग्रा. पानी को भाप में परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त भाप की आवश्यक मात्रा में कमी आती चली जाती है ।
एक कि.ग्रा. पानी को वाष्पित करने के लिए भाप की आवश्यक मात्रा वाष्पित्रों की संख्यानुसार निमवत् है:
तुलनात्मक रूप से प्रथम वाष्पित्र में तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहता है । इसके बाद कम होता जाता है । दूध के संघनन के लिए कार्य तथा आर्थिक दृष्टि से दोहरा प्रभावी (Double Effect) वाष्पित्र सर्वोत्तम रहता है । संघनन क्रिया लगभग पूर्ण होने पर उसमें चीनी शर्बत के रूप में मिलायी जाती है ।
संघनन पूर्ण होने की पहचान:
संघनन की अन्तिम अवस्था में दूध पात्र की पेंदी में जोर-जोर से उबलता है । इस समय संघनित दूध के नमूने का Baum’s Hydrometer की सहायता से घनत्व ज्ञात किया जाता है । इसका पाठ्यांक 120°F ताप पर 30’-37’ Be होना चाहिए ।
नमूने का तापमान कम या अधिक होने पर प्रति एक डिग्री फारेनहाईट (1°F) ताप पर पाठ्यांक में से 0.03’ Be क्रमशः घटाते या जोड़ते हैं । इस प्रकार पाठ्यांक को 120°F ताप पर शुद्धीकृत कर लिया जाता है । उचित Baume Reading आने पर संघनन क्रिया बन्द करके संघनित दूध का वसा के लिए अन्तिम मानकीकरण किया जाता है ।
Step # 8. समांगीकरण (Homogenization):
संघनित दूध में संग्रहण काल के दौरान वसा का वितरण समान रखने के लिए संघनित दूध का विशिष्ट समांगित्र यंत्र की सहायता से समांगीकरण किया जाता है । समांगीकरण की प्रथम अवस्था में 2000 PSI दाब तथा द्वितीय अवस्था में 500 PSI दाब रखा जाता है । संघनित दूध को कम समय तक संग्रहण करने की अवस्था में समानीकरण न भी करें तो विशेष हानि नहीं होती है ।
Step # 9. ठण्डा करना, लैक्टोज मिलाना तथा स्फ्टन (Cooling, Seeding with Lactose and Crystallization):
समांगीकृत दूध को 30°C तापमान तक तुरन्त ठण्डा कर देना चाहिए इससे भंडारण के समय उत्पन्न होने वाले दोष (Age Thickening and Discolouration) काफी हद तक कम हो जाते हैं । 30°C ताप पर ठण्डा करके उसमें महीन चूर्ण के रूप में लैक्टोज मिलाया जाता है जिसमें संग्रहण के समय चीनी का पृथकीकरण (Separation) नहीं होता है ।
लैक्टोज के कणों का आकार जितना छोटा होगा, संघनित दूध का बदन व गठन उतना ही अच्छा बनता है । एक धन से.मी. में 400,000 कण होने पर सर्वोत्तम गठन, 300,000 कण होने पर अच्छा गठन 150,000 कणों की उपस्थिति में लेपी (Pasty) गठन तथा 50,000 कण बारीक रेतीला (Fine Sandy) गठन बनाते हैं ।
30°C तापक्रम पर स्फ्टन (Crystallization) क्रिया अधिकतम होती है । लगभग 375-500 ग्राम प्रति 1000 कि.ग्रा. ताजा कच्चा दूध या 0.1 से 0.3 kg प्रति 100 कि.ग्रा. संघनित दूध की दर से 30°C तापक्रम पर लैक्टोज चूर्ण को थोड़े से संघनित दूध में मिला कर पूर्ण बैच में मिला देना चाहिए ।
इसके बाद संघनित दूध को एक घण्टे तक जोर से हिलाएं (Vigorous Stirring) तथा धीरे-धीरे ठण्डा करें । एक घण्टे बाद इसका तापमान लगभग 24°C होना चाहिए । तत्पश्चात 150°C ताप तक ठण्डा करें । दूध का पैकिंग होने तक हिलाना जारी रखें ।
Step # 10. पैकिंग करना (Packaging):
संघनित दूध को बैरल, डूम, टिन के डिब्बों या पोलीथीन की थैलियों में पैक किया जाता है । पैकिंग मशीन स्वचालित होनी चाहिए जिसमें कैपिंग व सीलिंग की व्यवस्था भी स्वचालित ही हो ।
Step # 11. संग्रहण (Storage):
संघनित दूध का संग्रहण 10°C ताप व 50% आपेक्षिक आर्द्रता पर उत्तम रहता है । कम ताप पर संग्रहण से पदार्थों में रेतीलापन (Sandiness) तथा चीनी पृथक्कीकरण (Sugar Separation) का अवगुण उत्पन्न हो जाता है ।