भूकंप: मुकाबला करने के लिए भविष्यवाणियां और रणनीतियां | Read this article in Hindi to learn about the prediction and strategy to combat earthquake disasters.

भूकंपों के संबंध में भविष्यवाणी (Prediction on Earthquake Disasters):

भूकंपों के बारे में विश्वसनीय भविष्यवाणी करना अभी तक संभव नहीं हो सका है । भूकंपों के विशेषज्ञ इस दिशा में विशेष प्रयास कर रहे हैं । भूकंप भविष्यवाणी करने के लिये प्रत्येक प्लेट की सीमा का अध्ययन किया जा रहा है । इस प्रकार की जानकारी तथा कड़ी की सहायता से भविष्यवाणी करने में सहायता मिल सकती है ।

ऐसे क्षेत्र जहाँ बहुत समय से भूकंप नहीं आये सीसमिक-गैप कहलाते हैं । ऐसे क्षेत्रों के भूपटल के निचले भागो में ऊर्जा एकत्रित होती रहती है और जब अधिक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है तो भूकंप की संभावना बढ़ जाती है ।

चीन के भूकंप विज्ञान के विशेषज्ञों ने पशुओं के व्यवहार के आधार पर भूकंपों के बारे में भविष्यवाणी करने में किसी हद तक सफलता पाई है । इस प्रकार की भविष्यवाणी करने में बड़ी सफलता 1975 के हैचांग भूकंप के बारे में मिली थी । इस भूकंप के आने से पहले मछलियाँ पानी से बाहर उछलने लगी थीं, सर्प अपने बिलों से बाहर निकलकर रेंगने लगे थे ।

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गाय, भैंसें और घोड़े शोर मचाने लगे, कुत्ते निरंतर भौंक रहे थे और कुओं का पानी कई मीटर ऊँचा उठ गया था । इन चिह्नों एवं लक्षणों भूकंप से एक दिन पहले भविष्यवाणी कर दी गई जो सही सिद्ध हुई और बहुत-से लोगों की जान बच गई परंतु एक वर्ष बाद 1976 में टाँगशान नगर भूकंप से पूर्णरूप से ध्वस्त/नष्ट हो गया, जिसके बारे में कोई भी भविष्यवाणी नहीं की गई थी । टांगशान के इस भूकंप में 750,000 लोगों की मृत्यु हुई थी ।

भूकंप आपदाओं का प्रबंध एवं समाघात (Strategy to Combat Earthquake Disasters):

भूकंप अचानक आते हैं । यह अंतर्जात बलों का परिणाम होते हैं जिनके बारे में विश्वसनीय भविष्यवाणी करना अभी तक लगभग असंभव है । अन्य प्राकृतिक आपदा की भांति भूकंपों से जान-माल को भारी हानि होती है । भूकंपों से रेलमार्ग, सड़कों, पुलों तथा संचार तंत्र को भी भारी नुकसान पहुँचाता है । चूंकि भूकंपों को रोकना मानव के लिये विशेष उपायों पर बल देने की आवश्यकता है ।

इस दिशा में निम्न उपाय भूकंप से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं:

1. भूकंप की देश के विभिन्न भागों में स्थापना की जाए ताकि भूकंपों के बारे में लोगों में जागरूकता उत्पन्न की जा सके ।

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2. भूकंपों की तीव्रता के आधार पर भूकंप मानचित्र बनाये जाएँ ताकि अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जा सके ।

3. मकानों, भवनों एवं इमारतों को भूकंपरोधी बनाया जाये । बहुमंजिली इमारतों पर रोक लगाई जाये ।

4. मकानों के निर्माण में हल्का, परंतु मजबूत सामान का इस्तेमाल किया जाये ।

5. भूपटल में पाये जाने वाला हॉट-स्पॉट का गूढ़ अध्ययन किया जाये । इनकी भौतिक एवं रासायनिक विशेषताओं के लिये टोमोग्राफी का उपयोग किया जाये ।

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6. भूकंप-आपदा से निपटने के लिये उपयुक्त तैयारी करना ।

7. बचाव कार्य सतर्कता के साथ करना ।

8. भूकंप आने पर सहायता कार्य तेजी से करना ।

9. प्रभावित जनसंख्या को मानसिक, सामाजिक एवं वित्तीय सहायता पहुँचाने में तेजी लाना ।

10. प्रभावित लोगों के पुनर्वास का प्रबंध करना ।

11. भूमिगत जल को घनी आबादी के क्षेत्रों में घुसने से रोकना ।

12. तीव्रगति के भूकंपीय क्षेत्रों में नगरीकरण पर प्रतिबंध लगाना ।

13. वनों के काटने तथा चरागाहों में अधिक चरवाही पर रोक लगाना ।

14. बड़े बाँध तथा बहुउद्देशीय योजनाओं की बजाय छोटे बाँध बनाना ।

15. भूकंप आने पर Panic होने की आवश्यकता नहीं । धैर्य रखिये तथा विवेक से काम लीजिए । मेज के नीचे शरण लीजिए । शीशे लगी खिड़कियों से दूर रहिये, मोमबत्ती न जलायें । यदि आप कार से यात्रा कर रहे हैं तो वाहन को रोक दीजिए । बैट्री का उपयोग कीजिए । बिजली के तारों से दूर रहें तथा किसी ऐसी धातु की वस्तु को हाथ न लगायें जिसका संपर्क बिजली के तारों से हो ।

16. भूकंप के दौरान यदि कहीं पर आग हो तो उसको बुझा दे और आप न बुझा सकते हों तो दमकल को बुलायें ।

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