जीवों के बीच पारिस्थितिक संबंध | Ecological Relationship between Organisms!

आहार-श्रृंखला के अध्ययन से है कि कौन क्या खाता है तथा कहाँ से खाता है । आहार-श्रृंखला तथा पारिस्थितिकी पिरामिड का चित्र 1.17 में दिखाया गया है । पारिस्थितिकी पिरामिड का उदाहरण दो विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र के द्वारा समझा जा सकता है ।

यह उदाहरण निम्न दो विभिन्न बायोमास का प्रतिनिधित्व करते हैं:

(i) शीतोष्ण कटिबंध के मैदान (Temperate Grasslands) तथा

ADVERTISEMENTS:

(ii) शीतोष्ण कटिबंध बायोमास (Temperate Forest Biomass)

चित्र 1.17 के अध्ययन से विदित है कि आहार-श्रृंखला के प्रत्येक अनुक्रमिक स्तर पर जैविकों की संख्या में कमी होती जाती है । शीतोष्ण कटिबंधीय वनों की पारिस्थितिकी पिरामिड का आधार संकीर्ण है, क्योंकि इन वनों में अधिकतर उत्पादक बडे ऊँचे वृक्ष तथा झाड़ियाँ हैं ।

दूसरे शब्दों में, उत्पादकों की तुलना में उपभोक्ताओं की संख्या कम है । इसके विपरीत शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों में पारिस्थितिकी पिरामिड का आधार चौडा है जो ऊपर के स्तरों पर जाते हुए अनुक्रमिक रूप में संकीर्ण होता जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

आहार-श्रृंखला तथा ऊर्जा संचार के प्रतिरूपों का चित्र 1.18 में दिखाया गया है । इस चित्र से विदित है कि सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को पेड-पौधे प्रकाश को प्रकाश-संश्लेषण के द्वारा रासायनिक ऊर्जा में तब्दील कर देती है । घास-फूस, पेड-पौधों को उपभोक्ता उपयोग करते हैं, कुछ ऊर्जा साँस प्रक्रिया में समाप्त हो जाती है तथा कुछ गल-सड़कर मृत भक्षियों का आहार बन जाता है ।

उपभोक्ता स्वयं मांसाहारी प्राणियों का भोजन बनते हैं इस प्रक्रिया में भी कुछ ऊर्जा का हास होता है । अंततः मांसाहारी उपभोक्ता को सर्वभक्षी अथवा बडे मासाहारी खा जाते हैं । यह आहार-श्रृंखला एवं ऊर्जा संचार सभी प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्रों में देखा जा सकता है ।

Home››Ecology››Organisms››