फिफा विश्व कप पर निबंध! Here is an essay on ‘FIFA World Cup’ in Hindi language.

खेल चाहे जो भी हो, उसका अपना एक अलग ही रोमांच होता है और रोचक तथ्य यह है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं के दौरान खेलों का रोमांच और भी अधिक बढ़ जाता है । फुटबॉल विश्व कप प्रतियोगिता का आयोजन भी एक ऐसा ही अवसर है, जब पूरी दुनिया पर फुटबॉल खेल का नशा सिर चढ़कर बोलता है ।

ओलम्पिक खेल स्पर्द्धा भले ही दुनिया का सबसे बड़ा खेल आयोजन हो, लेकिन विश्व कप फुटबॉल का एक अलग ही आकर्षण है । ऐसा लगता है मानो फुटबॉल के खेल में ही कुछ खास बात है । वास्तव में, यह एक सरल-सा खेल है, जिसमें टीम भावना और खेल मैदान की रणनीति के अतिरिक्त एक अकेले व्यक्ति की खेल कुशलता, ऊर्जा और उल्लास का उछाल भी देखने को मिलता है ।

इस खेल में मनुष्य की गति, स्फूर्ति, चपलता और दूसरों को छकाने का जो कौशल निहित होता है, वह किसी अन्य खेल में नजर नहीं आता । इसके अतिरिक्त इस खेल का एक सामाजिक पहलू भी है । यह खेल सामाजिक स्तरीकरण के दायरों से परे है । इसका जुनून ही कुछ ऐसा होता है कि इससे अमीर-गरीब, काले-गोरे आदि सारे भेद मिट जाते है ।

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यही कारण है कि लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे अपेक्षाकृत गरीब क्षेत्रों से भी महान् फुटबॉलर निकलते रहे हैं । फुटबॉल का खेल जीवन को भरपूर जीने की आकांक्षा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हर चार साल बाद आने वाले इस महाकुम्भ का हर खेल-प्रेमी को इन्तजार रहता है । फुटबॉल विश्व कप का आयोजन फेडरेशन इण्टरनेशनल डे फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) द्वारा किया जाता है ।

फीफा एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है, जो विश्व कप सहित सभी अन्तर्राष्ट्रीय फुटबॉल खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन की जिम्मेदारी सम्भालती है । फीफा का गठन बेलिजयम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैण्ड, स्पेन, स्वीडन और स्विट्जरलैण्ड के राष्ट्रीय संघों के मध्य होने बाली अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की देख-रेख करने हेतु 21 मई, 1904 में पेरिस में हुआ था ।

इसका मुख्यालय ज्यूरिख (स्विट्‌जरलैण्ड) में स्थित है । 1920 के दशक में तत्कालीन अध्यक्ष जूल रिमे और क्रास के फुटबॉल प्रशंसकों ने दुनिया की बेहतरीन फुटबॉल टीम तय करने के लिए प्रतियोगिता कराने का विचार किया । वर्ष 1929 में फीफा ने एक प्रस्ताव पारित करके विश्व फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला लिया । इस तरह वर्ष 1930 में इसकी शुरूआत हुई ।

तब से लेकर अब तक इसके लिए दीवानगी निरन्तर बढ़ती ही जा रही है । इन परिसंधों के नाम हैं – अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी एवं मध्य अमेरिका, कैरेबियाई तथा ओशिनिया एवं दक्षिण अमेरिका । प्रत्येक सदस्य देश को इन छ परिसघों में से किसी एक का सदस्य होना अनिवार्य है ।

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यद्यपि फीफा खेल के नियमों को नियन्त्रित नहीं करता है, लेकिन फुटबॉल विश्व कप (पुरुष एवं महिला) के आयोजन की जिम्मेदारी इसी की होती है । ‘खेल के लिए, दुनिया के लिए’ को अपना सूत्र वाक्य मानने वाली फीफा संस्था का एकमात्र उद्देश्य फुटबॉल खेल को प्रोत्साहन देना है ।

वर्ष 1994 में फीफा ने जर्मन संगीतकार फ्रांज लैम्बर्ट द्वारा रचित एक गाने को फीफा ‘विश्व कप गान’ के रूप में चुना था, जिसे हाल ही में रोब में और साइमन हिल ने मिलकर संशोधित किया है । इस फीफा गान को फीफा द्वारा आयोजित की जाने वाली विश्व कप खेल प्रतियोगिताओं के आरम्भ में बजाया जाता है । फीफा अपने विश्व स्तरीय भागीदारों-एडिडास, कोका कोला, हुण्डई/किया मोटर्स, गैजप्रोम, अमीरात तथा सोनी की सहायता से अपने कार्यक्रमों का संचालन करता है ।

फीफा विश्व कप का आयोजन इसके सदस्य देशों में ही किया जाता है । इस बार, वर्ष 2014 में इसका आयोजन ब्राजील में किया गया था । इसी के साथ मैक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाद ब्राजील दो बार अन्तर्राष्ट्रीय पुरुष फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी करने बाला पाँचवाँ देश बन गया है ।

प्रथम बार, ब्राजील ने वर्ष 1960 में इस प्रतियोगिता की मेजबानी की थी । वर्ष 2014 में आयोजित किया गया यह बीसवाँ फीफा विश्व कप था, जिसमें 32 सदस्य राष्ट्रीय संघों की टीमों ने भाग लेने की योग्यता प्राप्त की थी । तय कार्यक्रम के अनुसार 12 जून, 2014 को ब्राजील के साओ पाउलो शहर में स्थित एरेना डे साओ पाउलो स्टेडियम में इस प्रतियोगिता का भव्य उद्घाटन हुआ ।

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30 मिनट तक चले विश्व कप के उद्‌घाटन समारोह में मेजबान देश के 660 नर्तकों ने मैदान में स्थित एक ‘लिविंग बॉल’ के साथ प्रदर्शन करते हुए ब्राजील की प्रकृति, उपस्थित लोगों और फुटबॉल को श्रद्धांजलि दी ।

समारोह के अन्त में तीन कलाकारों-क्लौडिया लिटी, जेनिफर लोपेज और पिटबुल ने मिलकर इस खेल प्रतियोगिता का आधिकारिक गाना ‘हम एक है’ (ओले ओला) पेश किया, जिसे इन्हीं तीनों ने मिलकर तैयार किया था । इस उद्‌घाटन समारोह की लागत 18 लाख ब्राजीलियन रीयल (ब्राजील कीं मुद्रा) होने का अनुमान है ।

इस खेल प्रतियोगिता में भाग लेने बाली सभी 32 टीमों को आठ समूहों में विभाजित किया गया था, जिनके बीच पूरी प्रतियोगिता के अन्तर्गत 64 मैच खेले गए । इस विश्व कप प्रतियोगिता में 2.67 गोल प्रति मैच की दर से कुल मिलाकर 171 गोल दागे गए ।

इस बार ब्राजील, जर्मनी, नीदरलैण्ड और अर्जेण्टीना सेमी फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहे, लेकिन फाइनल मैच में पहुँचने का सौभाग्य जर्मनी और अर्जेण्टीना को प्राप्त हुआ । इस विश्व कप प्रतियोगिता में जर्मनी विजेता बनकर उभरा । जर्मनी का यह चौथा विश्व कप है । अर्जेण्टीना, नीदरलैण्ड और ब्राजील को क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान से ही सन्तोष करना पड़ा ।

जर्मनी और अर्जेण्टीना के मध्य हुए फाइनल मैच का आयोजन रियो डि-जेनेरियो में स्थित मैराकाना स्टेडियम में हुआ, जिसे देखने के लिए वहाँ लगभग 74,738 दर्शक उपस्थित थे । इस मैच में प्रयुक्त हुई फुटबॉल गेंद का नाम ‘एडिडास ब्राजुका फाइनल रियो’ था । बहुत स्वाभाविक है कि यह मैच इस खेल आयोजन के अन्य सभी मैचों की अपेक्षा बहुत ही खास था ।

फीफा फुटबॉल कप का जादू कुछ इस कदर चढ़ता है कि कई राजनीतिक हस्तियाँ भी खुद को इससे दूर नहीं रख पाती, इसलिए फाइनल मैच में ब्लादिमीर पुतिन (रूस), जैकब जुमा (दक्षिण अफ्रीका) । विक्टर ऑरबन (हंगरी), अली बोंगो (गैबॉन), गैस्टन ब्राउन (एण्टिगुआ और बारबुडा), जोआचिम एवं एंजेला मार्केल (जर्मनी) सहित कई देशों के राजनेता उपस्थित थे ।

12 जून से आरम्भ होकर 32 दिनों तक चले इस फुटबॉल महाकुम्भ का यह अन्तिम मैच था और इसी के साथ 13 जुलाई 2014 को यह प्रतियोगिता पूर्ण हुई । अन्त में समापन समारोह का आयोजन किया गया, जो उद्‌घाटन समारोह की तरह ही भव्य और आकर्षक था ।

एक घण्टे चालीस मिनट तक चले इस समारोह में सभी टीमों का प्रतिनिधित्व किया गया था । विश्व प्रसिद्ध कलाकारों-शकीरा, कार्लिनयोस ब्राउन, जीन एलेक्जेण्डर पिअर्स, कार्लोस सन्ताना सहित मेजबान देश के अन्य नर्तकों ने मिलकर इस समारोह को अविस्मरणीय बना दिया । इस पूरी प्रतियोगिता में लगभग 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया है ।

इसे अब तक का सबसे महँगा विश्व कप आयोजन माना जा रहा है । अब बात करते हैं इस फुटबॉल विश्व कप की खेल उपलब्धियों एवं पुरस्कारों की, जो सर्वाधिक महत्व का विषय है । इस खेल प्रतियोगिता के लिए फीफा ने कुल इनाम राशि 57,60,00,000 अमेरिकी डॉलर तय की थी । यह वर्ष 2010 की इनामी राशि से 37% अधिक है ।

इस बार के विश्व कप के बारे में कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी बने है, जिन्हें जानना बेहद दिलचस्प होगा । इस बार के ग्रुप मैचों में जहाँ गोलों की भरमार थी, वहीं प्री-क्वार्टर फाइनल सहित बाद के सभी मैच काफी रक्षात्मक रहे । इस बार फुटबॉल विश्व कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि अमेरिका में किसी यूरोप महाद्वीप की टीम ने विश्व कप जीता हो ।

जर्मनी के विश्व विजेता बनते ही यूरोप ऐसा पहला महाद्वीप बन गया है, जिसकी झोली में लगातार तीसरी बार यह उपलब्धि आई है । इससे पूर्व के विश्व कप विजेता स्पेन (2010) और इटली (2006) भी यूरोप महाद्वीप के ही देश थे कुल मिलाकर कहा जाए, तो इस विश्व कप आयोजन में कुछ और रिकॉर्ड बने, जिनसे यह एक यादगार विश्व कप आयोजन बन गया ।

ब्राजील में हुई यह प्रतियोगिता बहुत शानदार थी । पूरी दुनिया ने फीफा विश्व कप का आयोजन देखा और सराहा । भारत में भी फुटबॉल फीवर देखने को मिलता है । यहाँ बेशक क्रिकेट लोगों का जुनून है, लेकिन फीफा कप के दौरान लोग फुटबॉल विश्व कप के प्रति भी अपना आकर्षण जाहिर करते हैं, किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि खेल के इस महाआयोजन में भारतीय फुटबॉल टीम हिस्सा ही नहीं ले पाती है ।

भारत को आज तक केवल एक बार ही (1950 में) फीफा विश्व कप में भाग लेने का अवसर मिला है, परन्तु तब भारतीय टीम इस आयोजन का हिस्सा बनने ब्राजील पहुँची ही नहीं थी । उसके बाद से भारतीय फुटबॉल टीम कभी फीफा कप में भाग लेने के लिए योग्यता ग्रहण ही नहीं कर पाई है ।

इस बार ब्राजील में तो भारत फीफा कप का हिस्सा नहीं बन पाया, लेकिन भारत की खेल-प्रेमी जनता आगामी फीफा विश्व कप, 2018 में रूस की धरती पर भारतीय टीम को भी जरूर खेलते हुए देखना चाहेगी । हम उम्मीद करते हैं अगला कप पूरी दुनिया के साथ-साथ हमारे लिए भी विशेष रूप से उल्लेखनीय होगा और फीफा विश्व कप की लोकप्रियता में वृद्धि होगी ।

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