रोबोट पर निबंध! Here is an essay on ‘Robot’ in Hindi language.
मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से अपने लिए विभिन्न प्रकार के यन्त्र बनाए । कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन, बर्तन धोने के लिए डिश वॉश, फर्श साफ करने के लिए मशीन इत्यादि के रूप में आज मनुष्य ने अपने आस-पास यन्त्रों की एक पूरी फौज तैयार कर ली है ।
इसके बाद भी उसे एक ऐसे यन्त्र की कमी महसूस हुई, जो मनुष्य की तरह उसकी सेबा कर सके । इसी कमी को दूर करने के लिए उसने मनुष्य की भाँति कार्य कर सकने वाले यन्त्र का निर्माण किया । इसी यन्त्र को रोबोट या यन्त्र-मानव कहा जाता है ।
यन्त्र-मानव का इतिहास काफ़ी पुराना है और निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि सबसे पहले किसने यन्त्र-मानव के निर्माण पर कार्य करना प्रारम्भ किया था । 15वीं शताब्दी के महान वैज्ञानिक एवं चित्रकार लियोनार्दो द विंची ने भी एक ऐसे यन्त्र-मानव की यान्त्रिकी का चित्रण अपनी पुस्तकों में किया था, जो बैठ सकता था तथा अपनी बाईं, सिर व जबड़ा भी हिला सकता था ।
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इसके बाद जापान के कुछ वैज्ञानिकों ने यन्त्र-मानव के विकास हेतु कार्य करना प्रारम्भ किया । वर्ष 1920 में कैरेल कैपेक ने अपने काल्पनिक नाटक ‘रोसम्स यूनिवर्सल रोबोट्स’ में नाटक के पात्रों ‘यन्त्र-मानवों’ के लिए ‘रोबोट’ शब्द का प्रयोग किया था ।
इसके बाद से आधुनिक यन्त्र-मानवों के लिए रोबोट शब्द का प्रयोग होने लगा । रोबोट का शाब्दिक अर्थ होता हैं- बंधुआ मजदूर । वास्तव में, देखा जाए तो रोबोट मनुष्य के लिए बंधुआ मजदूर की भाँति ही कार्य करते हैं ।
जापान की कुछ कम्पनियाँ अच्छे एवं प्रसिद्ध रोबोटों का निर्माण करती है । ‘एसिमो’ भी एक ऐसा ही रोबोट है । ‘गैनोइड’ एक ऐसा रोबोट है, जो एक स्त्री की तरह दिखता है एवं जो लोगों का अभिवादन करने एवं उन्हें दिलासा देने में सक्षम है ।
तकनीक एवं रचना के दृष्टिकोण से रोबोट जई प्रकार के होते हैं । आजकल सॉफ्ट एवं स्वॉर्म रोबोट अधिक प्रसिद्ध है । सॉफ्ट रोबोट को कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित किया जा है । स्वॉर्म रोबोट चींटी एवं मधुमक्खियों से प्रेरित होकर बनाया गया है, ऐसे रोबोटों का अत्यधिक संख्या में निर्माण कर रोबोटों के एक झुण्ड का रूप दिया जाता है ।
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आधुनिक रोबोट को कम्प्यूटर तकनीक से इस प्रकार बनाया जाता है कि वह विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकने में सक्षम हो सके । आधुनिक रोबोट, बातचीत कर सकता है, मनुष्य के ढ़ेर दबा सकता है, उसके लिए खाना बना सकता है एवं उसके खर्चे का लेखा-जोखा भी रख सकता है ।
कुछ ऐसे रोबोटों का भी निर्माण किया गया, जो कार एवं ट्रेन चलाने में भी सक्षम हैं इसके अतिरिक्त, एक मनुष्य की भाँति व्यक्ति के अकेलेपन को दूर करने के लिए भी रोबोट का निर्माण किया जा रहा है घरेलू कार्यों को सम्पन्न करने में रोबोट की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो सकती है । इस तरह देखा जाए, तो रोबोट मनुष्य के लिए काफी लाभप्रद साबित हो सकते हैं ।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति श्री जॉर्ज डब्लू बुश ने एक बार कहा था कि आने बाले दस वर्षों में मंगल ग्रह पर पहुँचने में हमें सफलता मिल जाएगी । उनकी इस बात पर महान् वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने कटाक्ष करते हुए कहा था- ”यह मूर्खतापूर्ण है! रोबोट बेहतर कार्य करते हैं और इस कार्य हेतु रोबोटों का प्रयोग किया जाना काफी सस्ता भी होगा क्योंकि उन्हें वापस लाने की आवश्यकता भी नहीं होगी ।” सचमुच आज कई स्थानों पर रोबोट की मदद से ऐमे कार्य किए जा रहे हैं, जो मनुष्य के लिए सम्भव नहीं है ।
गन्दे स्थानों पर काम करना मनुष्य के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही नहीं होता । यहाँ रोबोट मनुष्य की मदद करते हैं । विकसित देशों में अत्यधिक गन्दे एवं खतरनाक स्थानों पर कार्य करने के लिए रोबोट की मदद ली जाती है । इसके अतिरिक्त, अन्तरिक्ष से सम्बन्धित कुछ खोज, प्रयोगशाला एवं हथियारों के निर्माण में रोबोट सहायक साबित होते हैं ।
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आजकल कुछ ऐसे रोबोट भी प्रचलन में है, जो मनुष्य की सर्जरी करने में सक्षम हैं । कुछ रोबोट तो ऐसे भी हैं, जो गाकर एवं नाचकर मनुष्य का मनोरंजन भी कर सकते हैं । इस समय कृत्रिम बुद्धि से सम्पन्न रोबोट के निर्माण के प्रयास किए जा रहे है ऐसे रोबोट अपने आस-पास के वातावरण को समझ सकते है और चीजों में फेर-बदल भी कर सकते है ।
आवश्यकता पडने पर विभिन्न प्रकार के लोगों में सम्पर्क भी साध सकते हैं । ये रोबोट कम्यूटर सॉफ्टबेयर के माध्यम में निर्देशित तथा संचालित होते हैं एवं मनुष्य की सेवा मनुष्य की तरह ही करते हैं । वास्तव में, रोबोट यदि मनुष्य के लिए सहायक साबित हो सकते हैं, तो इनके अत्यधिक उपयोग अथवा दुरुपयोग से कुछ गलत परिणाम भी सम्भव हैं ।
रोबोट का प्रयोग हर कार्य के लिए नहीं किया जा सकता एवं प्रौद्योगिकी में अत्यधिक प्रगति के बाद भी ये मनुष्य का विकल्प नहीं बन सकते । रोबोट पर अत्यधिक निर्भरता मनुष्य को आलसी और कामचोर बना सकती है, हालाँकि रोबोट खरीदना आम आदमी के लिए सम्भव नहीं है, किन्तु ऐसे अमीर आदमी जो रोबोट खरीदेंगे, वे रोबोट के माध्यम से अपने प्रत्येक काम को अंजाम देना चाहेंगे, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ेगी ।
रोबोट व्यक्ति का मनोरंजन कर सकता है और उसकी सहायता भी कर सकता है, पर वह मनुष्य की भाँति उसके सुख-दुख का साथी नहीं हो सकता । रोबोट पर निर्भरता के कारण व्यक्ति का दूसरे व्यक्तियों से सम्पर्क कम होने लगेगा, जिसके परिणामस्वरूप बह स्वाभाविक जीवन नहीं जी पाएगा ।
रोबोट सैनिकों का निर्माण होने से मानवता के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा । कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि रोबोट-निर्माण के क्षेत्र में जिस तरह से प्रगति हो रही है, वह प्रगति दर यदि अगले कुछ दशकों तक जारी रही, तो मनुष्य ऐसे रोबोट का निर्माण करने में सक्षम हो जाएगा, जो मनुष्य की तरह बुद्धिमान होंगे ।
इसका कुपरिणाम यह भी हो सकता है कि वैसे रोबोट मनुष्य को अपना गुलाम बनाने का प्रयास करें । यदि रोबोट आपराधिक प्रवृति के लोगों के हाथ लग गए, तो वे इनका दुरुपयोग करेंगे । किसी भी चीज का दुरुपयोग बुरा होता है यदि रोबोट का दुरुपयोग किया गया, तो इसके परिणाम निश्चित तौर पर बुरे होंगे, किन्तु यदि इसका उपयोग मनुष्य की भलाई के लिए! किया गया, तो ये विज्ञान प्रदत्त बरदान साबित होंगे ।
आज रोबोटों का प्रयोग अनुसन्धान से लेकर चिकित्सा तक के क्षेत्रों में किया जाता है, किन्तु इनका प्रयोग मनुष्य के बिना सम्भव नहीं । रोबोट का प्रयोग भले ही बढे, लेकिन मनुष्य को यह ध्यान रखना चाहिए कि रोबोट को अपना गुलाम बनाने के क्रम में मनुष्यता पर कोई आँच नहीं आए । आखिर रोबोट का आविष्कार भी मनुष्य की भलाई के लिए ही हुआ है यदि इससे मानवता को खतरा पहुँचता है, तो वैसी स्थिति में रोबोट के विकास में अगला कदम उठाने से पहले उसे अच्छी तरह सोच-विचार करना होगा ।