एशिया पर निबंध | Essay on Asia in Hindi.
यह पृथ्वी पर सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो यह विश्व के लगभग 30% क्षेत्रफल पर विस्तृत है, ये आकार और जनसंख्या दोनों की दृष्टि से यह विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है । इसका क्षेत्रफल 4,45,79,000 वर्ग किमी. है ।
पौराणिक रूप से एशिया के विभिन्न भागों के कुछ और नाम भी है जैसे- जम्बूद्वीप-मध्यभूमि (भारतीयउपमहाद्वीप), पुष्कर द्वीप उत्तर-पूर्वी प्रदेश (लाओस, कम्बोडिया आदि), शाकद्वीपदक्षिण-पूर्वी द्वीप समूह । कुछ दक्षिणी द्वीपों को छोड़कर प्रायः उत्तरी गोलार्द्ध में ही स्थित है, जिससे होकर तीन प्रमुख अक्षांशीय वृत्त विषुवत, कर्क और आर्कटिक गुजरते हैं ।
एशिया के दक्षिण में हिन्द महासागर, उत्तर में आर्कटिक महासागर और पूर्व में प्रशान्त महासागर हैं । पश्चिम में यूराल पर्वत, कैस्पियन सागर, काला सागर व भूमध्यसागर एशिया और यूरोप की सीमा बनाती है । लाल सागर और स्वेज नहर एशिया को अफ्रीका से अलग करती है । बेरिंग जलसंधि द्वारा यह उत्तर अमेरिका से अलग होती है ।
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मंगोलिया, नेपाल, भूटान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिजस्तान, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, लाओस आदि देश स्थलरूद्ध देश हैं, अर्थात् उनकी सीमा समुद्र को नहीं छूती है ।
स्थलरूद्ध देशों में कजाकिस्तान सबसे बड़ा जबकि मंगोलिया दूसरा सबसे बड़ा देश है । एशिया महाद्वीप में अति प्राचीन युग के स्थलखंड अंगारालैंड (रूस व चीन) और गोंडवानालैंड (प्रायद्वीपीय भारत) स्थित हैं ।
एशिया महाद्वीप में तीन प्रमुख प्रायद्वीप हैं- अरब का प्रायद्वीप, दक्कन का प्रायद्वीप व इंडोचीन का प्रायद्वीप । अरब प्रायद्वीप विश्व का सबसे बड़ा प्रायद्वीप है । इंडोनेशिया और उसके आस-पास के द्वीप ‘पूर्वी द्वीपसमूह’ (East Indies) कहलाते हैं । दक्षिणी-पूर्वी और पूर्वी एशिया के ये द्वीपसमूह धनुषाकार आकृति में फैले हुए हैं ।
इनमें अंडमान-निकोबार, इंडोनेशिया, फिलीपींस और जापान के द्वीप समूह प्रमुख हैं । फिलीपींस द्वीपसमूह के पास विश्व का सबसे गहरा सागरीय गर्त मैरियाना गर्त (11034 मी.) है, जो प्रशान्त महासागर में स्थित है । मध्य एशिया में स्थित पामीर गाँठ को ‘विश्व की छत’ कहते हैं । इससे विभिन्न दिशाओं में कई पर्वत श्रेणियाँ निकलती हैं ।
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इसके पश्चिम में हिन्दुकुश और जाग्रोस पर्वत हैं जबकि पूर्व में हिमालय, काराकोरम, क्युनलुन और तिएनशान (थ्यानशान) पर्वत की अवस्थिति है । हिमालय और क्युनलुन के बीच विश्व का सबसे ऊँचा पठार ‘तिब्बत का पठार’ अवस्थित हैं ।
ईरान के पठार को एलबुर्ज और जाग्रोस पर्वत शृंखलाएँ घेरे हुए हैं । अनातोलिया का पठार (टर्की) पॉण्टिक और टॉरस पर्वत श्रेणियों के मध्य स्थित है ।
गोबी का पठार विशाल ठंडा मरूस्थल है । रूस के एशियाई भाग को ‘साइबेरिया’ कहा जाता हैं । ओब, येनेसी और लीना जैसी प्रमुख नदियाँ बहती हैं । ये तीनों नदियाँ आर्कटिक महासागर में गिरती हैं । विश्व की सबसे गहरी झील बैकाल (गहराई-1741 मीटर) एवं सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर (क्षेत्रफल-3,71,800 वर्ग किमी.) भी साइबेरिया में ही स्थित हैं ।
एशिया में भारी वर्षा के तीन क्षेत्र हैं- भारत से हिन्दचीन तक के भू-भाग, दक्षिणी चीन के भू-भाग और पूर्वी द्वीपसमूह व जापान । इसमें पहला ग्रीष्मकालीन, दूसरा विषुवतीय एवं तीसरा शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन मानसूनी वर्षा का क्षेत्र है । एशिया की 90% वर्षा ग्रीष्म काल में होती है । जापान और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ भागों में शीतकालीन वर्षा होती है ।
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विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र भारत के मेघालय राज्य की खासी पहाड़ियों में स्थित ‘मासिनराम’ है । इससे पहले चेरापूंजी (नया नाम- सोहरा) विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र माना जाता था । मध्य एवं दक्षिण-पश्चिम एशिया में सबसे कम वर्षा होती है ।
एशिया का सबसे गर्म स्थान ‘जैकोबाबाद’ (पाकिस्तान) एवं सबसे ठंडा स्थान ‘बर्खोयांस्क’ (साइबेरिया) है, जहाँ तापमान क्रमशः 57०C और -69०C मिलता है । बर्खोयांस्क को ‘पृथ्वी का शीत ध्रुव’ भी कहते हैं ।
एशिया में खाद्यान्न की प्रमुख फसलें धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार-बाजरा और रागी हैं, जबकि प्रमुख नकदी फसलों के अंतर्गत चाय, गन्ना, जूट, कपास, रबर और तंबाकू आते हैं । विश्व का 92% चावल एशिया में ही उपजाया जाता है । चीन, भारत, बांग्लादेश, जापान और दक्षिण-पूर्व एशियाई देश चावल के प्रमुख उत्पादक हैं ।
गेहूँ की खेती साइबेरिया, चीन, भारत के उत्तरी मैदान, पाकिस्तान और दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों में होती है । एशिया में चाय की खेती मुख्यतः भारत, श्रीलंका, चीन, जापान और इंडोनेशिया के पर्वतीय ढालों पर की जाती है । गन्ने की खेती भारत, चीन, फिलीपींस, थाईलैंड, पाकिस्तान और इंडोनेशिया में की जाती है ।
जूट (पटसन) उत्पादन का एकाधिकार गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा प्रदेश (बांग्लादेश और भारत) को है । कपास के प्रमुख उत्पादक देश चीन, भारत और पाकिस्तान हैं । रबड़ उत्पादन में थाईलैंड विश्व में प्रथम स्थान रखता है । रबड़ की खेती इसके अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया और भारत (नीलगिरि क्षेत्र) में होती है । एशिया में तंबाकू के प्रमुख उत्पादक देश चीन, भारत, जापान और टर्की हैं ।
एशिया की नदियों को ‘सभ्यता का पालना’ एवं एशिया महाद्वीप को ‘सभी धर्मों की आद्यभूमि’ कहा जाता है । यहाँ की दजला-फरात नदियों की घाटी में मेसोपोटामिया की सभ्यता एवं सिंधु नदी घाटी क्षेत्र में हड़प्पा सभ्यता का जन्म हुआ था । हिन्दू, बौद्ध, जैन, मुस्लिम, ईसाई, यहूदी, पारसी, जरथ्रुष्ट, कन्फ्यूशियन, शिन्टो आदि सभी धर्मों की उद्भव भूमि एशिया ही है ।
एशिया में यातायात मार्गों का जाल सा बिछा हुआ है । विश्व की सबसे ऊँची रेलवे लाइन का निर्माण चीन में किया गया है । उत्तर-पश्चिम चीन के छिंगहाए प्रांत से शुरू होकर तिब्बत के ल्हासा तक फैली इस रेलवे लाइन की ऊँचाई 4,500 मी. है । एशिया में ही विश्व का सबसे लंबा (1,300 मी.) प्लेटफार्म गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) तथा सबसे लंबा (9,232 मी.) रेलमार्ग ट्रांस-साइबेरियन रेलमार्ग स्थित है ।