बायोस्फीयर पर निबंध | Essay on Biosphere in Hindi!

Read this essay in Hindi to learn about the meaning and components of biosphere.

1. जीवमण्डल का अर्थ (Meaning of Biosphere):

जीवमण्डल (Biosphere) सामान्यत: पृथ्वी की सतह के चारों ओर एक आवरण है, जिसके अंतर्गत वनस्पति तथा प्राणी जीवन सम्भव होता है । पृथ्वी के सभी जीवित जीव (Living Organism) तथा पर्यावरण, जिनसे इन जीवों की पारस्परिक क्रिया होती है ।

जीवमण्डल का विस्तार सागर स्तर से लगभग आठ किलोमीटर ऊँचाई तक होता है । जीवमण्डल के अध्ययन करने वाले विज्ञान को जीव भूगोल कहते हैं । जीवमण्डल को ईकोस्फीयर (Ecosphere) भी कहते हैं । सौरमण्डल में केवल पृथ्वी पर ही जीव मण्डल पाया जाता है ।

2. जीवमण्डल के संघटक (Components of Biosphere):

ADVERTISEMENTS:

जीवमण्डल के घटकों में जैविक एवं अजैविक घटक सम्मिलित हैं । उदाहरण के लिये प्रकाश तापमान, जल, जलवाष्प, वायु, जलवायु, चट्टानें इत्यादि अजैविक घटक हैं, जबकि वनस्पति, पशु-पक्षी, सूक्ष्म प्राणी तथा मानव प्राणी घटक हैं ।

पारिस्थितिकी तन्त्र (Ecosystem):

वनस्पति जीव-जन्तुओं तथा अजैविक भौतिक एवं रसायनिक पर्यावरण के स्वयं नियंत्रित संगठन को परिस्थितिकी तन्त्र कहते हैं ।

पारिस्थितिकी अनुक्रम (Ecological Succession):

ADVERTISEMENTS:

वह प्रक्रिया, जिसमें सामान्यत: पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं की जटिल प्रजातियां, पुरानी एवं सरल प्रजातियों द्वारा विस्थापित कर दी जाती हैं । यह परिवर्तन अधिकतर परिपक्व दशाओं में होता है ।

ईकोटोन (Ecotone):

सम्बद्ध पारिस्थितिकी तन्त्र में सीमावर्ती संक्रमण क्षेत्र, जिसकी चौड़ाई (विस्तार) अलग-अलग हो सकती है ।

उत्पादक एवं उपभोक्ता (Producer & Consumer):

ADVERTISEMENTS:

वे जीव, जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाने में सक्षम होते हैं, उत्पादक कहलाते हैं । अन्य जीव, जो इस भोजन का उपयोग करते हैं, उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं । इन्हें बहुभोजी जीव भी कहा जाता है । उत्पादकों से ऊर्जा का प्रवाह पारिस्थितिकी तन्त्र में होता है ।

शाकाहारी (Herbivore):

खाद्य-श्रृंखला के प्राथमिक उपभोक्ता जो कि उत्पादकों द्वारा तैयार किये गये पौधों के उत्पादों को खाते हैं ।

मांसाहारी (Carnivore):

द्वितीयक उपभोक्ता, जो मुख्यतया अपने भोजन के रूप में मांस खाते हैं । खाद्य श्रृंखला में सर्वोच्च मांसाहारियों को तृतीयक उपभोक्ता भी माना जाता है ।

सर्वाहारी (Omnivore):

वे जीव जो मांसाहारी तथा शाकाहारी दोनों प्रकार का भोजन करते है।

अपघटक (Decomposer):

अत्यन्त सूक्ष्म जीव, जो कार्बन पदार्थों का पाचन करके उसका पुन:चक्रण करते हैं तथा इसे वातावरण में छोड़ देते हैं । इसमें जीवाणु, कवक, कीट आदि सम्मिलित हैं ।

आहार श्रृंखला (Food Chain):

वह श्रृंखला, जिसमें उत्पादकों से ऊर्जा का प्रवाह होता है जो कि अपना भोजन स्वयं बनाते है । यह ऊर्जा उपभोक्ताओं के द्वारा प्रयुक्त की जाती है । अपघटक इस श्रृंखला की अंतिम कड़ी होते हैं  ।

आहार जाल (Food-Web):

जीवों का एक समुद्र, जो आहार सम्बंधों की एक जटिल श्रृंखला से एक-दूसरे से सम्बंधित होते हैं । ये खाद्य ऊर्जा का प्रवाह करते हैं, जो प्राथमिक उपभोक्ताओं से होकर अन्य उपभोक्ताओं तक पहुंचती है ।

गर्त (Niche):

एक अधिवास में किसी जीव की भूमिका या उसका कार्य ।

पारिस्थितिकीय सम्बद्धता (Ecological Relationship):

आहार श्रृंखला तथा आहार जाल का अध्ययन पारिस्थितिकी सम्बद्धता में किया जाता है (Fig. 5.2) । Fig. 5.2 के अध्ययन से पता चलता है किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र में सबसे अधिक संख्या मांसाहारियों की होती है । इसको पारिस्थितिकी पिरामिड (Ecological Pyramids) कहते हैं ।

यूट्रोफिकेशन (Eutrophication):

भौतिक रसायनिक एवं जैविक परिवर्तन की एक श्रृंखला, जो तब होता है जब जल में अत्यधिक पोषक तत्व छोड़ दिये जाते हैं । इस प्रक्रिया से जलाशयों, झीलों इत्यादि की कम हो जाती है ।

जीवन क्षेत्र (Life Zone):

विभिन्न समुदाय के जीवों के लिये आवास का एक विशिष्ट क्षेत्र । प्रत्येक जीवन क्षेत्र का एक नियत तापमान होता है तथा उस स्थान विशेष की वर्षा की मात्रा से भी उसका गहरा सम्बंध होता है ।

जैव-समूह (Biomass):

पृथ्वी के किसी क्षेत्र में सकल जैविक जीवों का कुल भार या किसी क्षेत्रीय इकाई में किसी जाति का कुल भार ।

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