मुख्यमंत्री पर निबंध | Essay on Chief Minister in Hindi!

मुख्यमंत्री पर निबंध | Essay on Chief Minister


Essay # 1. मुख्यमंत्री की नियुक्ति (Appointment of Chief Minister):

i. राज्य की मंत्रिपरिषद के प्रधान को मुख्यमंत्री कहा जाता है ।

ii. अनुच्छेद 164(1) के अनुसार राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करेगा और उसके परामर्श से अन्य मंत्रियों जो राज्यपाल की कृपा तक ही पद पर बने रहेंगे ।

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iii. राज्यपाल विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को सामान्यत: मुख्यमंत्री नियुक्ति करता है ।

iv. यदि किसी भी दल को आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो राज्यपाल स्व-विवेक से किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता है और उस व्यक्ति को एक निश्चित समयावधि में अपना बहुमत साबित करने को कह सकता है ।

v. सामान्य परिस्थितियों में तो मुख्यमंत्री की नियुक्ति विधानसभा के सदस्यों में से ही होती है । परन्तु यदि विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल किसी ऐसे व्यक्ति को अपना नेता चुनता है जो विधानसभा सदस्य नहीं है तो राज्यपाल उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता है । किन्तु कोई भी व्यक्ति विधानसभा की सदस्यता प्राप्त किए बगैर 6 महीने से अधिक मुख्यमंत्री नहीं रह सकता है ।


Essay # 2.

मुख्यमंत्री के कार्य और शक्तियां (Chief Minister’s Functions and Powers):

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कार्यपालिका का संवैधानिक प्रधान राज्यपाल होता है लेकिन वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है । मुख्यमंत्री को व्यवहार में वे सभी शक्तियां प्राप्त है, जो मंत्रिपरिषद को संवैधानिक तौर पर हासिल हैं ।

a. वह मंत्रिपरिषद का निर्माण राज्यपाल को परामर्श देकर करवाता है ।

b. मंत्रिगण उसकी इच्छा तक ही पद पर बने रहते हैं ।

c. मंत्रियों के मध्य विभागों और कार्यों का बंटवारा करता है ।

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d. मंत्रियों और अन्य उच्च पदाधिकारियों के मध्य समन्वय करता है ।

e. मंत्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है और उसके निर्णयों पर अंतिम मुहर उसकी ही लगती है ।

f. राज्य के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों, जैसे- महाधिवक्ता, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष/सदस्यगण आदि की नियुक्ति में उसकी इच्छा ही सर्वोपरि होती है ।

g. राज्य की प्रमुख नीतियों का निर्धारण मुख्यमंत्री ही करता है ।

h. वह प्रशासन को निरन्तर निर्देश भेजकर उस पर नियन्त्रण रखता है ।

i. वह जनता से सम्पर्क रखता है, उसकी समस्याओं के हल के निर्देश देता है ।

j. विधानसभा का नेता होता है और उसका समर्थन बनाए रखने का प्रयास करता है ।

k. राज्य का प्रमुख प्रवक्ता होता है ।

l. संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य है कि वह राज्यपाल को मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों और व्यवस्थापन के प्रस्तावों की सूचना समय-समय पर दे । यदि किसी विषय पर राज्यपाल मुख्यमंत्री से सूचना मांगता है तो मुख्यमंत्री ऐसा करने के लिए बाध्य होता है ।

m. मुख्यमंत्री का यह भी दायित्व है कि मंत्रिपरिषद के किसी सदस्य ने यदि व्यक्तिगत रूप से कोई निर्णय ले लिया है, तो राज्यपाल के आदेश पर उस विषय को मंत्रिपरिषद के सामने विचार के लिए रखे ।


Essay # 3.

मुख्यमंत्री की संवैधानिक स्थिति (Constitutional Status of Chief Minister):

1. संवैधानिक रूप से मुख्यमंत्री राज्य का वास्तविक कार्यपालक है ।

2. संवैधानिक रूप से ही राज्य में शक्तियों का दो प्रकार से विभाजन है ।

3. राज्यपाल जो अपनी स्वविवेकीय शक्तियों के संदर्भ में अंतिम निर्णयकर्ता है ।

4. मुख्यमंत्री जो शेष सभी मामलों में अंतिम निर्णयकर्ता है ।

5. मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है ।

6. लेकिन मंत्रिपरिषद का निर्माण, विघटन, विभाग आवंटन आदि मुख्यमंत्री में निहित है ।


Essay # 4.

मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद (Chief Minister and Council of Ministers):

i. मंत्रिपरिषद का निर्माण और विघटन दोनों मुख्यमंत्री पर निर्भर है । राज्यपाल इस संदर्भ में मुख्यमंत्री के परामर्श के अधीन है ।

ii. मंत्रियों को विभाग आवंटन, उनमें फेरबदल आदि भी मुख्यमंत्री का क्षेत्राधिकार है ।

iii. प्रत्येक मंत्री मुख्यमंत्री की इच्छापर्यंत पद पर रहता है । मुख्यमंत्री उससे कभी भी इस्तीफा मांग सकता है या उसे राज्यपाल द्वारा बर्खास्त करवा सकता है ।

iv. मंत्रिपरिषद की बैठक की तिथि, स्थान मुख्यमंत्री तय करता है ।

v. मुख्यमंत्री ही मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है ।

vi. मंत्रिपरिषद के निर्णयों पर अंतिम स्वीकृति या अस्वीकृति मुख्यमंत्री की इच्छा पर निर्भर करती है ।

vii. उसका इस्तीफा, संपूर्ण मंत्रिपरिषद का इस्तीफा माना जाता है ।


Essay # 5.

मुख्यमंत्री और राज्यपाल (Chief Minister and Governor):

1. मुख्यमंत्री वास्तविक जबकि राज्यपाल संवैधानिक प्रधान है ।

2. मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद और राज्यपाल के मध्य संवाद की मुख्य कड़ी है ।

3. मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन इसके पीछे उसके पास विधानमंडल में बहुमत की शक्ति होती है ।

4. त्रिशंकु विधानसभा या अस्पष्ट बहुमत के समय राज्यपाल मुख्यमंत्री चयन में स्वविवेक का इस्तेमाल कर सकता है ।

5. अनुच्छेद 167(1) के तहत मुख्यमंत्री के लिये अनिवार्य है कि वह राज्य कार्य संबंधी सूचनाएं राज्यपाल को सूचित करें ।

6. अनुच्छेद 167(2) के तहत राज्यपाल द्वारा मांगे जाने पर मुख्यमंत्री को तत्संबंधी सूचना देना आवश्यक है ।

7. अनुच्छेद 167(3) के अनुसार ऐसे विषय जिस पर मंत्री ने निर्णय कर लिया है लेकिन मंत्रिपरिषद ने विचार नहीं किया है राज्यपाल के निर्देश पर मुख्यमंत्री उसे मंत्रिपरिषद के विचार-निर्णय हेतु रखेगा ।


Essay # 6.

मुख्यमंत्री और राज्य विधायिका (Chief Minister and Central Executive):

a. मुख्यमंत्री विधानसभा में बहुमत का नेता होता है ।

b. वह सदन का नेता होता है ।

c. वह राज्यपाल को विधानमंडल का सत्र बुलाने और सत्रावसान करने की सलाह देता है ।

d. वह विधानसभा में अपना बहुमत रहते हुए राज्यपाल को कभी भी विधानसभा भंग करने की सलाह दे सकता है ।

e. वह सरकार की नीतियों की घोषणा विधायिका में करता है ।

f. वह विश्वास प्रस्ताव या अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार की और से पक्ष रखता है या इसके लिये अपने किसी मंत्री को नियुक्त कर सकता है ।


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