वन आग पर निबंध | Essay on Forest Fires in Hindi.

वन आग पर निबंध | Essay on Forest Fires


Essay Contents:

  1. वन अग्निकांड का अर्थ (Meaning of Forest Fires)
  2. वन अग्निकांड के कारण (Causes of Forest Fires)
  3. वन अग्निकांड के परिणाम (Consequences of Forest Fires)
  4. भारत में वन  अग्निकांड (Forest Fires in India)
  5. वन  अग्निकांड अथवा वनों में लगी आग की रोकथाम (Prevention of Forest Fires)

Essay # 1.

वन अग्निकांड का अर्थ (Meaning of Forest Fires):

प्राकृतिक रूप से वनों में लगी आग से पारिस्थितिकी पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । अग्निकांड को वाइल्ड-फायर, बुश-फायर, पहाड़ी आग भी कहते हैं । अग्निकांड की घटनाएँ आस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया इत्यादि में प्रायः होती रहती हैं । अग्निकांड से पारिस्थितिकी तंत्रों को भारी हानि होती है और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।

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अग्निकांड (Forest Fires) की विशेषताएँ:

अग्निकांड की मुख्य विशेषताएं निम्न प्रकार हैं:

1. अग्निकांड वनों झाड़ियों, घास के मैदानों आदि से लगती है ।

2. अग्निकांड वृक्षों को जलाती है तथा मौसम को प्रभावित करती है ।

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3. अग्निकांड किसी छोटे अथवा बड़े क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है ।


Essay # 2.

वन अग्निकांड के कारण (Causes of Forest Fire):

अग्निकांड के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

(i) बिजली चमकना,

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(ii) ज्वालामुखीय उदगार,

(iii) गिरती चट्टानों की रगड़ से उत्पन्न होने वाली चिंगारियाँ

(iv) कोयले की परत में आग लगना,

(v) अकस्मात् आग का लगना तथा

(vi) मानवीय कारण जैसे सिगरेट-बीड़ी के टुर्रा तथा पावर लाइन इत्यादि से ।

विश्व के जिन भागों में शिफ्टिंग कृषि की जाती है वहाँ जंगलों को काटकर जलाया जाता है, उससे भी आस-पास के बहुत-से जंगल जल जाते हैं ।


Essay # 3.

वन अग्निकांड के परिणाम (Consequences of Forest Fires):

अग्निकांड का पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण पर निम्न प्रकार से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है:

(i) पारिस्थितिकी पर प्रभाव (Effect on Ecology):

ऊष्ण आर्द्र जलवायु के प्रदेशों में प्रायः अग्निकांड से प्रायः जंगलों में आग लग जाती है । इस प्रकार से पारिस्थितिकी तंत्रों को भारी हानि होती है, देशज वृक्षों की बहुत-सी किस्में नष्ट हो जाती हैं । ऐसे में अग्नि-सहन करने वाले वृक्षों तथा खरपतवार को बढ़ावा मिलता है । अमेजन बेसिन में टिंबर के लिए लकड़ी काटने, पशुफार्मों तथा झूमिंग प्रकार की खेती से भी भारी नुकसान होता है । जंगलों में लगी आग से उत्पन्न होने वाली राख से भी पारिस्थिनिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है ।

(ii) पर्यावरण प्रदूषण (Atmosphere Pollution):

अग्निकांड से पर्यावरण प्रदूषित होता है, जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । अग्निकांड से निकलने वाले ध्रुवों से दम घुटने लगता है । इंडोनेशिया में 1977 की वनों में लगी आग से लगभग 2.83 बिलियन टन कार्बन-डाइ-आक्साइड CO2 वायुमंडल में प्रवेश कर गया था जो विश्व में निकलने वाले कुल धुएँ का 30 से 40% था । इस प्रकार से वायुमंडल में पहुँचने वाले धुएँ से सूर्य से आने वाली ऊर्जा, ऊष्मा एवं प्रकाश में बाधा पडती है ।


Essay # 4.

भारत में वन  अग्निकांड (Forest Fire in India):

भारत सरकार के वन सर्वेक्षण के अनुसार भारत का 19.27% क्षेत्रफल वनों के अंतर्गत है । भारत के वनों पर बढ़ती जनसंख्या का भारी दबाव है । भारत के लगभग 33 प्रतिशत जंगल प्रतिवर्ष आग के मामले में संवेदनशील माने जाते हैं । भारत के वनों में लगने वाली आग में 90 प्रतिशत आग का कारण मानव को माना जाता है । भारत के वनों में आग प्रायः फरवरी से जून के महीनों में लगती है ।

भारत के वन सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भारत के 50 प्रतिशत वन आग के बारे में संवेदनशील हैं, जिसमें से 6.17 प्रतिशत वन अति संवेदनशील माने जाते हैं । एक अनुमान के अनुसार भारत के 3.73 मिलियन हेक्टेयर वनों का क्षेत्रफल आग से प्रति वर्ष प्रभावित होता है ।


Essay # 5.

वन  अग्निकांड अथवा वनों में लगी आग की रोकथाम (Prevention of Forest Fires):

वनों में लगने वाली आग के मद्‌देनजर सभी विकसित एवं विकासशील देशों में आग पर नियंत्रण पाने और रोक-थाम के उपाय किए जा रहे हैं ।

निम्न उपायों के द्वारा वनों में लगने वाली आग पर बहुत सीमा तक नियंत्रण पाया जा सकता है:

(i) वनों के कूड़े-कचरे को समय-समय पर जलाते रहना चाहिए ।

(ii) काटे गये वृक्षों की ढुलाई के उपयुक्त साधन होने चाहिए ।

(iii) ईंधन को वनों में एकत्रित नहीं होने देना चाहिए ।

(iv) वनों में लगी आग पर नियंत्रण लगाने का प्रयास करना चाहिए ।

(v) वनों में बनाये जाने वाले मकान आग-रोधी होने चाहिए ।

(vi) वनों के अग्नि संवेदनशील क्षेत्रों की देखभाल कुशल कर्मचारियों के द्वारा की जानी चाहिए ।

(vii) वन्य कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

(viii) पर्यटकों को अनुशासित पर्यटन के लाभ से अवगत कराया जाना चाहिए ।

यदि उपरोक्त सुझाव का पालन किया जाये तो जंगलों को आग से होने वाले नुकसान को बहुत सीमा तक कम किया जा सकता है ।


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