जर्मनी पर निबंध | Essay on Germany in Hindi.
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् जर्मन दो भागों में बँट गया था । इसका पश्चिमी भाग जर्मनी संघीय गणतंत्र कहलाया जबकि पूर्वी भाग जर्मन लोकतंत्रीय गणराज्य । पश्चिमी जर्मनी संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पूँजीवादी मित्र राष्ट्रों के प्रभाव में रहा जबकि पूर्वी जर्मनी रूसी प्रभाव में था । 1990 ई. में जर्मनी के दोनों हिस्से मिल गए तथा अब उनकी राजधानी बर्लिन है ।
यहाँ पश्चिमी यूरोपीय प्रकार (समशीतोष्ण महासागरीय) की जलवायु पाई जाती है, जिसमें जाड़े और गर्मी के तापमान में विशेष अन्तर नहीं पड़ता । पूर्व की ओर बढ़ने पर समुद्री प्रभाव घटता जाता है तथा जाड़े में तापमान 0०C से भी कम पहुँच जाता है ।
जर्मनी के उत्तर-पश्चिम में उत्तर सागर और उत्तर-पूर्व में बाल्टिक सागर है ।
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इन दोनों सागरों को मिलाने के लिए ‘कील नहर’ का निर्माण किया गया है, जो 99 किमी. लम्बी है । जर्मनी की सीमा से लगी दो नदियाँ भी हैं-पश्चिम में राइन कुछ दूरी तक फ्रांस के समानान्तर सीमा बनाती है, जबकि पूर्व में ओडर जर्मनी और पोलैंड की सीमा बनाती हुई बहती है ।
डैन्यूब, राइन, रूर, मेन, हम्स, वेसर, एल्ब और ओडर यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं । इनमें डैन्यूब को छोड़कर शेष सभी नदियाँ उत्तरवाहिनी हैं । इनमें सबसे महत्वपूर्ण ‘राइन’ है । यह यूरोप की सबसे व्यस्त नदी है, जो अन्तःस्थलीय जलमार्ग का कार्य करती है । राइन और रूर के बीच का क्षेत्र कोयला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है ।
जर्मनी का ब्लैक फॉरेस्ट और हॉर्ज पर्वत भ्रंशोत्थ पर्वत के उदाहरण हैं, इन्हीं के बीच राइन नदी की भू-भ्रंश घाटी स्थित है । राइन और रूर के औद्योगिक पेटी में जनसंख्या का मुख्य संकेन्द्रण पाया जाता है । कोयला जर्मनी का सर्वप्रमुख खनिज है, जिसका प्रमुख उत्पादन क्षेत्र ‘रूर बेसिन’ (वेस्टफेलिया) है ।
यहाँ बिटुमिनस कोयला मिलता है । ‘रूर बेसिन’ को ‘जर्मनी का काला प्रदेश’ और यूरोप का ‘औद्योगिक हृदय-स्थल’ भी कहा जाता है । सैक्सोनी में जर्मनी के कोयले का सबसे बड़ा भंडार है । सार बेसिन जर्मनी का अन्य प्रमुख कोयला क्षेत्र है । जर्मनी गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों के विकास पर बल दे रहा है ।
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पवन ऊर्जा के उत्पादन में जर्मनी का विश्व में दूसरा स्थान है । लौह-अयस्क मुख्य रूप से बवेरिया में नूरेनबर्ग के पूर्व, हनोवर के दक्षिण और रूर के दक्षिणी क्षेत्रों में मिलता है । यू.एस.ए. के बाद पोटाश के उत्पादन में जर्मनी का ही स्थान आता है ।
जर्मनी विश्व में राई, आलू और चुकन्दर के बड़े उत्पादक देशों में से एक है । एल्ब नदी की घाटी यूरोप के सबसे उत्तरी क्षेत्र में है, जहाँ अंगूरों की खेती होती है । बॉन व फ्रैंकफर्ट राइन नदी पर तथा हैम्बर्ग, लीपजिग व ड्रेसडेन एल्ब नदी पर बसे हुए नगर हैं । ड्रेसडेन चीनी मिट्टी के बर्तन और लीपजिग ऑप्टिकल इंस्टूमेंट्स का विश्व प्रसिद्ध केन्द्र है ।
म्यूनिख ‘बवेरिया उच्च भूमि’ में अवस्थित कला-संस्कृति केन्द्र है । बाल्टिक सागर पर स्थित रॉस्टोक एक प्रमुख पत्तन है । विश्व के 7 बड़े औद्योगिक देशों के समूह G-7 का 41वाँ वार्षिक सम्मेलन 7-8 जून, 2015 को जर्मनी के बावेरिया आल्प्स (एलमाऊ) में सम्पन्न हुआ ।