Read this essay in Hindi to learn about the effects of globalization on Indian society.
भारत में वैश्वीकरण को 1990 के दशक में प्रोत्साहन मिला । वर्ष 1991 में भारत में (i) उदारीकरण, (ii) वैश्वीकरण एवं; (iii) निजीकरण की आर्थिक नीति अपनाई । वैश्वीकरण के लिये भारत में आयात शुल्क घटाया तथा निर्यात से पाबन्दी हटाई । विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देने के लिये बहुत-सी पाबंदियों पर छूट दी ।
विदेशी प्रौद्योगिकी एवं दक्षता (Skill) को पाबंदियों से मुक्त किया । सरकार के लाइसेंस तन्त्र (Licensing System) में उदारीकरण आरम्भ किया । रसायनिक खाद एवं कृषि उत्पादनों से रियायत छूट (Subsidies) को समाप्त किया । गरीबी उन्मूलन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के लिये दी जाने वाली धन राशि में भारी कटौती की गई ।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य का निजीकरण (Privatization) किया गया तथा निजी कंपनियों को बैंकों तथा बीमा के मैदान में भारत में अपना कारोबार करने की अनुमति दी ।
वैश्वीकरण का भारत के लोगों मजदूरों परिवारों तथा पूरे समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है ।
वैश्वीकरण के भारतीय समाज पर अनुकूल तथा प्रतिकूल प्रभावों को संक्षिप्त में नीचे दिया गया है:
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1. वैश्वीकरण का रोजगार के अवसरों, मजदूरों के परिवारों, कर्मशालाओं के माहौल, आमदनी (आय), सुरक्षा पहचान (Identity), रीति-रिवाजों तथा सांस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है ।
2. सरकारी नौकरियों में रोजगार के अवसरों में कमी आई है तथा निजी क्षेत्र (Private Sector) में रोजगार के अवसर बड़े हैं । यह और बात है कि निजी सेक्टर में मजदूरों और काम करने वालों का शोषण होता है । प्राइवेट कंपनियां मनमाने ढंग से लोगों की नियुक्ति करते हैं और जब चाहते हैं उनको नौकरियों से निकाल देते हैं । (In fact, the private sectors “Hire and fire the workers at will”)
3. प्राइवेट सैक्टरों (Private Sectors) में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बहुत मंहगी हैं ।
4. निजी सैक्टर में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्द्धा (Competition) से बेरोजगारी को बढ़ावा मिलता हैं क्योंकि नौकरियों से मजदूरों की छटनी होती रहती है । वास्तव में निजी सैक्टर में नौकरी कम सुरक्षित होती है।
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5. यन्त्रीकरण, स्वचलीकरण (Automation) तथा नई टेक्नोलॉजी (New Technology) से हुनरमंद कारीगरों, कुशल एवं अकुशल मजदूरों के रोजगार के अवसरों में समय के साथ-साथ कमी होती जाती है । कुशल मजदूरों को भी नई मशीनों पर काम करने के लिये ट्रेनिंग की आवश्यकता पड़ती है ।
6. विदेशी रेशमी कपड़े (चीन तथा कोरिया का रेशम) ने बिहार के भागलपुर नगर के बुनकरों को बेरोजगार कर दिया है । भारत में चीन के रेशम की मांग इसलिये बड़ी हुई है क्योंकि यह सस्ता एवं चमकीला है ।
7. वैश्वीकरण के कारण 24 से 54 वर्ष के स्त्री आयु वर्ग में स्त्रियों को कोमल उद्योगों (Soft Industries) में काफी रोजगार मिले हैं । कोमल उद्योगों में सिले-सिलाये कपडे, जूते, खिलौने, कम्प्यूटर तथा सेमी कण्डकटर उद्योग सम्मिलित हैं । इन कोमल उद्योगों (Soft Industries) में 40 प्रतिशत रोजगार स्त्रियों के पास हैं ।
8. वैश्वीकरण के फलस्वरूप दरिद्रता रेखा (Below Poverty Line) के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है ।
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9. किसानों की आय पर वैश्वीकरण का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । बहुत-से किसान कर्जे और महंगाई के कारण आत्महत्या करने लगे हैं ।
10. गाँव से भारी संख्या में श्रमिक बड़े नगरों की ओर रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं, जिससे नगरों में झुग्गी-झोंपड़ी (Slums) बस्तियों में वृद्धि हो रही है ।
11. अनाज (Cereal) तथा नकदी फसलों (Cash Crops) का अधिक उत्पादन करने के लिये, रसायनिक खाद एवं कीटाणुनाशक दवाईयों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है जिससे जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गई है तथा मृदा का रासायनिक समीकरण बदल गया है ।
12. मछलियों के निर्यात के लिये सागरों एवं महासागरों से भारी मात्रा में मछली पकड़ी जाती है, जिससे सागरों में मछलियों की संख्या घट रही है ।
13. पेप्सी एवं कोका कोला जैसे मृदु पेय (Soft Drinks) में हानिकारण कीटाणु-नाशक (Insecticides and Pesticides) के तत्व पाये गये हैं । केरल में मृदु पेय की 90 फैक्टरी लगाने से भूगर्त जल में भारी कमी आई है । इन फैक्टरियों से निकलने वाले जहरीला कूडा-करकट (Toxic Wastes) से पर्यावरण का भारी ह्रास हुआ है ।
14. अंग्रेज लोगों की सामान्य भाषा (Linqua-Franca) का अवधारण करती जा रही है । जगह-जगह अंग्रजी माध्यम में स्कूल खोले जा रहे हैं, जिससे राष्ट्र भाषा को हानि पहुंच रही है ।
15. नगरीय तथा ग्रामीण समाजों में सांस्कृतिक प्रदूषण खतरनाक रूप धारण कर रहा है । सामाजिक मूल्य, मान्यताएं एवं परम्पराएं तेजी से बदल रही हैं ।
16. वैश्वीकरण का जीवन शैली, तौर तरीकों (Manners and Etiquettes) के अतिरिक्त, कला, साहित्य, चित्रकला, नाच, गाने तथा मूर्तिकला (Sculpture) पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है ।