सुनामी पर निबंध | Essay on Tsunami in Hindi.
सुनामी पर निबंध | Essay on Tsunami
Essay Contents:
- सुनामी का अर्थ (Meaning of Tsunami)
- सुनामी की उत्पत्ति (Origin of Tsunami)
- सुनामी लहरों की विशेषताएँ (Characteristics of Tsunami Waves)
- सुनामी चेतावनी (Tsunami Warning)
- भारत में सुनामी की चेतावनी देने वाला तंत्र (Tsunami Warning System in India)
Essay # 1. सुनामी का अर्थ (Meaning of Tsunami):
सुनामी जापानी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ तसु (बंदरगाह) तथा नामी (लहर) से है । यह शब्द एकवचन तथा बहुवचन के तौर पर इस्तेमाल पर किया जाता है । सुनामी की उत्पत्ति भूपटल की किसी प्लेट के भ्रंस के स्थान पर लंबवत खिसकने से आये भूकंप के कारण होती है ।
सुनामी को इसीलिए भूकंपी लहरें भी कहते हैं । ध्यान रहे कि सभी भूकंपी लहरें सुनामी होती हैं, परंतु सभी सुनामी भूकंपों के कारण उत्पन्न नहीं होती ।
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सुनामी लहरों की उत्पत्ति के मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं:
1. महासागरों में अधिक गहराई के फोक्स वाले तीव्र गति के भूकंपों के कारण सुनामी उत्पन्न हो जाती है ।
2. भूपटल की प्लेटों के अभिसारी अथवा अपसारी गति के कारण सुनामी उत्पन्न हो सकती है ।
3. सागरों एवं महासागरी में ज्वालामुखी के उदगार से भी सुनामी उत्पन्न हो जाती है ।
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4. महासागरों के महाद्वीपीय शेल्फ तथा महाद्वीपीय ढलान पर भूस्खलन के कारण भी सुनामी आ सकती है ।
Essay # 2.
सुनामी की उत्पत्ति (Origin of Tsunami):
महासागरों के तल पर पाये जाने वाले भ्रंशों के सहारे भूपटल की प्लेटों के खिसकने से सुनामी उत्पन्न हो जाती हैं में अलूशियन द्वीप समूह में आने गया है । भूकंप की प्लेटों के दोलायमान प्रक्रिया को दिखाया गया है । पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति किसी प्लेट को नीचे की ओर खिचती है जिसके फलस्वरूप सागर में भूकंपीय लहरें उत्पन्न वाली लहरें चारों ओर फैलने लगती हैं ।
सुनामी की लहरें दीर्घ लंबाई वाली होती हैं । गहरे महासागरों में सुनामी लहरों की ऊँचाई कम होती है, परंतु यह लहरें जब उथले तटों के पास पहुँचती हैं तो उनकी ऊंचाई बहुत बढ जाती है । तटों के निकट इन लहरो की गति अपेक्षाकृत कमजोर पड़ जाती है और कम गहरे सागरों में इनकी ऊँचाई 15 से 20 मीटर तक हो जाती है ।
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सुनामी लहरों की ऊँचाई का अनुमान 1 अप्रैल, 1946 में अलुशियन ट्रेंच के भूकंप से लगाया जा सकता है । इस भूकंप से उत्पन्न होने वाली सुनामी से यूनीमार्क द्वीप पर बने स्कौच केप लाइट हाउस जिसकी ऊँचाई सागर स्तर से 36 मीटर थी, पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था और पाँच कोस्ट गार्ड जो इस लाइट हाउस पर अपना कार्यभार सँभाले हुये थे उनकी मृत्यु हो गई थी ।
लगभग पाँच घंटे के पश्चात् ये सुनामी लहरें हवाई द्वीप पहुँची । हवाई द्वीप समूह तक पहुंचते-पहुंचते यद्यपि कमजोर पड गई थी । वहाँ सुनामी लहरों की ऊँचाई नौ मीटर थी जिनसे 150 लोगों की मृत्यु हो गई थी ।
Essay # 3.
सुनामी लहरों की विशेषताएँ (Characteristics of Tsunami Waves):
सुनामी लहरें, ज्वार-भाटे से भिन्न होती हैं । एक बार जब सुनामी लहरे उत्पन्न हो जाती हैं तो उनकी ऊंचाई (लहर की लंबाई एवं ऊँचाई का अनुपात) बहुत कम होती है । गहरे सागरों में कम ऊँचाई की लहरों का अनुभव तक नहीं हो पाता । दूसरे इन लहरों की फूँक लंबाई बहुत होती है और लहर लगभग 15 से 20 मिनट के बाद उठती है इसलिये पानी के जहाजों का चलाने वाले नाविक तक इनको महसूस नहीं कर पाते ।
इस प्रकार गहरे सागरों में यदि सुनामी लहर 15-20 मिनट के पश्चात आती है और उसकी ऊँचाई भी कम होती है तो जहाज के नाविक उसको महसूस नहीं कर पाते और समझते हैं कि महासागरों में लहरें तो स्थाई पवनों के कारण उठती ही रहती हैं ।
परंतु सुनामी की लहरें जैसे ही सागरीय तट की ओर बढ़ती हैं, तो सागर की कम गहराई के कारण तथा लहरों की ऊपर उठने की अवधि निरंतर एकसमान रहती है, साथ-ही-साथ लहर की गति में कमी आती है, जिसके कारण लहरों की ऊँचाई बढ़ जाती है । बंद सागरों एवं खाड़ियों इत्यादि में इन लहरों की ऊँचाई 30 मीटर अथवा 100 फीट तक हो जाती है । फलस्वरूप सागरों के तटीय भाग, नगर ग्रामीण बस्तियाँ जलमग्न हो जाती है ।
Essay # 4.
सुनामी चेतावनी (Tsunami Warning):
वर्ष 1948 से प्रशांत महासागर के तटों पर सुनामी की भविष्यवाणी करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क कार्य कर रहा है । सुनामी की भविष्यवाणी के पश्चात् उसकी सूचना तीव्रगति से संभावित प्रभाव पड़ने वाले देशों को देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि सुनामी की लहरें बहुत तेज गति के साथ चलती हैं ।
वर्ष 2011 (11 मार्च) के टोहोकू भूकंप से उठा वाली सुनामी लहरो की सूचना समय से मिलने के कारण बहुत से लोगों की जानें बच गई थी, फिर भी तीस हजार से अधिक लोग इसकी लपेट में आकर मर गये थे । जापान के वर्ष 1993 की सुनामी के बारे में समय से जानकारी मिलने के कारण बहुत-से लोगों की जाने बचा ली गई थीं ।
Essay # 5.
भारत में सुनामी की चेतावनी देने वाला तंत्र (Tsunami Warning System in India):
भारत में सुनामी-चेतावनी देने वाला तंत्र अभी तक व्यापक रूप से स्थापित नहीं किया जा सका है । वर्ष 2001 के भुज-भूकंप के पश्चात भारत सरकार ने कुछ कदम उठाये थे, जो पर्याप्त नहीं हैं । यद्यपि, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के तटों पर कुछ यंत्र लगाये गये हैं, परंतु इस दिशा में अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ।
इस दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में यदि सुनामी आये तो जान-माल व पारिस्थितिकी-तंत्रों को कम-से-कम हानि हो और तटीय भागों में रहने वालों की चिंता कम हो ।