Read this article in Hindi to learn about the six methods used for preserving food.
भोजन संरक्षण (Food Preservation) के लिए कई विधियाँ (Methods) अपनाई जाती है ।
इनको निम्न प्रकार से वर्णित किया जा सकता है:
(1) ऊष्मा उपचार (Heat Treatment)
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(2) कम ताप पर उपचार (Low Temperature Treatment)
(3) डीहाइड्रेशन (Dehydration)
(4) ओस्मेटिक प्रेशर ट्रीटमेन्ट (Osmotic Pressure Treatment)
(5) रासायनिक उपचार (Chemical Treatment)
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(6) विकिरण द्वारा उपचार (Treatment by Radiation)
Method # 1. ऊष्मा उपचार (Heat Treatment):
उच्च ताप पर भोजन संरक्षण सुरक्षित रहता है ।
इस उपचार (Treatment) तीन भागों में बाँटा गया है:
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(A) पाश्चुरीकरण (Pasteurization):
पाश्चुरीकरण के उपयोग का उद्देश्य रोगजनक जीवाणु को मारना है । Organisms Spoilage वाले ताप के प्रति Resistant होते है परन्तु अधिक ताप पर नहीं होते है । Pasteurization से सभी Organisms मरते नहीं है । Food Products को कम ताप पर Store किया जाता है । इसके लिए दो विधियों का उपयोग किया जाता है ।
उच्च तापमान कम समय (High Temperature Short Time HTST), दूसरी विधि कम ताप पर लम्बे समय (Low Temperature Long Time LTLT) विधि कम ताप का उपचार बाजार में बिकने वाला दूध (Market Milk) को 62.8०C पर 30 मिनिट के लिए व 71.7०C पर 15 Seconds के लिए करते है । ग्रेप वाइन (Grape Wines) को 1 मिनिट के लिए 81०C से 85०C पर Pasteurized करते है और Grape Juice को 76.7०C पर 30 मिनिट के लिए Pasteurize करते है ।
(B) वाद्य दबाव के अन्तर्गत डिब्बा बंदी [Steam under Pressure (Canning)]:
दबाव के अन्तर्गत भाप में भोजन जैसे प्रेशर कुकर (Pressure Cooker) बहुत प्रभावित विधि है । इसमें सभी Vegetative Cell और Spore मर जाते है । Steam Injection के द्वारा उच्च ताप पर गर्म करने के बाद तेजी से ठंडा करते है ।
पूरे Canning Process में:
(i) सफाई करना (Canning),
(ii) रासायनिक क्रिया द्वार भोजन सफेद रंग करना (Blanching),
(iii) डिब्बों में भरना (Filling of Cans), बंद करना (Sealing),
(iv) Autoclaving और ठंडा करना आदि आते है ।
(i) सफाई करना (Cleaning):
ताजी सब्जियाँ (Fresh Vegetables) फल (Fruits) या माँस (Meat) को Selected करके सफाई की जाती है । अर्थात खराब भाग को अलग किया जाता है तथा धोकर अच्छी तरह से Bacteria या खराब पत्तियों दागदार फलों को अलग करके फिर अच्छे भाग को Preserve किया जाता है ।
(ii) रासायनिक किया द्वारा भोजन को सफेद या पूर्व रंग करना (Blanching):
साफ भोजन (Cleaned Food) को गर्म पानी या वाष्प द्वार उपचारित किया जाता है । जिससे भोजन के सफेद करना जिसमें जलाकर, उबालकर किया जाता है । फिर उत्पादों को प्राकृतिक रंग में स्थिर किया जाता है । उत्पादों से हवा को निकालने के लिए फैलाव विधि का उपयोग करते है । इसमें Autoclaving का उपयोग अधिक प्रभावशील रहता है । इससे Autolytic Enzymes की क्रिया रुक जाती है ।
(iii) जार या केन में भरना (Filling of Cans or Jars):
गर्म भोजन को जार या डिब्बों में भरा जाता है तथा पुनः गर्म Food फैला कर हवा या Gas को निकाल देना चाहिए । भोजन में Steam पूरी जगह में नहीं पाया जाता है । इसके बाद Container में भर कर Sealed करते है ।
(iv) आटोक्लेविंग (Autoclaving):
डिब्बों को भरकर व बद करके उन्हें गर्म उपचार दबाव (Heat Treatment Pressure) के अन्तर्गत भाप से उपचारित किया जाता है । अम्लीय खाद्य पदार्थ के लिए यह आवश्यक है कि इन्हें केवल उबलते हुए पानी में रखा जाए, जबकि गैर अम्लीय खाद्य पदार्थ को 15 lb दाब पर (116०C-121०C) की आवश्यकता होती है, जिसे 1-2 घंटे तक रखते है । माँस (Meat) में अधिक समय तक रख सकते हैं, ये Auto Clave के भार पर निर्भर करता है, अधिक भार Autoclave में अधिक समय लेता है ।
Method # 2. कम ताप पर उपचार (Low Temperature Treatment):
कम तापमान 0०C पर सूक्ष्मजीवों को Metabolic Activities से वृद्धि अधिक होती है । वर्तमान समय में प्रशीतन (Refrigeration) और Freezing Equipment भोजन (Food) को लम्बे समय तक रखने के लिए उपलब्ध रहते है । ये (Refrigerated Trucks) ट्रक, रेल्वे (Railway), कार (Car), शिप (Ships), Storage Vaults आदि में जा सकते है ।
इसी प्रकार घरों में Refrigerator और Freezer भी मनुष्य Diet और भोजन की Variety को बढा सकते है जिससे अच्छा भोजन provide कर सकते है । कम तापमान पर Food Preservation करने के लिए विभिन्न विधियाँ जिससे न्यूनतम तापमान पर सूक्ष्मजीव नहीं बढने है और ना ही उनकी एन्जाइम क्रिया बढती है ।
(i) शीतलन या ठंडा (Cooling)
(ii) अति ठंडा (Chilling)
(iii) बर्फ में ठंडा (Freezing)
(i) शीतलन या ठंडा करना (Cooling):
Autoclaving के तुरंत बाद Container ठंडा होने के लिए रखना पड़ता है । इसके बाद Cooking के बाद कुछ Test में Change और Flavour में Changes आते है, तो Product को Checked करना चाहिए । Thermophilic Bacteria गर्म उपचार के बाद Surving कर जाते है परन्तु Germinate नहीं होते है ।
Spore forming Bacteria खतरनाक (Dangerous) हो जाते है । जैसे Clostridium Bolutinum यह उपचार (Treatment) के बाद भी Survive कर जाता है ।
(ii) अति ठंडा (Chilling):
परिरक्षित भोजन में माँस (Meat), अंडे (Eggs), मछली (Fish), सब्जियाँ (Vegetables) आदि को कुछ दिनों के लिए 4०C से 70०C तापमान पर रख सकते है । यह भोजन लम्बे समय तक के लिए रख सकते हैं परन्तु एन्जाइम और Psychrophilic Organisms जैसे Pseudomonas Fluorescence और कुछ Micrococcus Sp. के कारण खराब हो सकता है ।
(iii) बर्फ में ठण्डा करना (Freezing):
इस प्रक्रिया का उपयोग Food (Plant और Animal Products) के लम्बे समय तक एक सप्ताह या दो माह तक रखने के लिए करते हैं । भोजन को संचित करने से पहले Trimmed, Washed और Blanched किया जाता है । Blanching में भोजन को उबलते पानी (Boiling Water) में तथा कुछ मिनट के लिए वाष्प (Steam) में रखा जाता है ।
Blanching में बहुत से Microorganism और Inactivates Enzymes खत्म होते है । इसलिए भोजन को कम तापमान पर रखा जाता है । इसके बाद भोजन को तुरंत बद कर ठंडा करते है और तेज Freezing उसके बाद Slow Freezing में कम से कम 30 मिनिट के रखते हैं ।
यह तापमान -18०C से 34०C पर रखते है । इसके अतिरिक्त Quick Freezing में Ice Crystals और छोटे भोजन के ऊत्तकों को रखते है । Slow Freezing में बड़े क्रिस्टल बर्फ के और छोटे टुकड़े भोजन के रखते है ।
Frozen Fruits को -1०C और -18०C के बीच संचित करते है तथा कुछ छोटे परिवर्तन भी कर सकते हैं । अधिक Frozen Foods Storage के समय Decreases हो जाते है । परन्तु कुछ Organisms जिसमें रोगजनक भी होते है ।
जैसे Salmonella Spp. ये लम्बे समय के लिए -9 और -17०C पर भी Survive कर जाते हैं और Multiply करते है । Frozen Food को नहीं लेना चाहिए क्योंकि Nutritional Value होती है । स्वाद और भोजन की खुशबू कम होती है । ये भण्डारण के समय पर निर्भर करती है ।
Method # 3. डीहाइड्रेशन (Dehydration):
सूखे भोजन (Dry Fruits) का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है । बल्कि इनका उपयोग पूरे विश्व में होता है । इनमें से जल का निकालना धूप में सुखाना (Sun Light) और हवा (Air) में सुखा कर तथा Heat के द्वारा गर्म होता है जिसे Dehydration कहते हैं भोजन उत्पाद में 10% या उससे कम Free Moisture रहता है ।
इससे Micro Organisms के द्वारा Spoilage नहीं होता है । परन्तु फिर भी Moisture रहता है । Preservative का प्रभाव Dehydration पर पड़ता है जिसे Microbistasis कहते है । Micro Organisms आवश्यक रूप से मर जाते है । नमी को Environment के अनुसार कम करने से बचा सकते है ।
Dehydrated Food को Air-Tight Containers में रखते हैं । Atmosphere की Humidity Contents के Fluctuations से बचा कर रखना चाहिए । यदि थोडी सी Moisture Contents बढ़ता है तो Micro Organisms की वृद्धि हो जाती है । जैसे Molds और Yeasts इसके बाद Bacteria वैसे Dry Foods का Micro Organisms के द्वारा Contaminate नहीं होता है ।
Method # 4. ओस्मोटिक प्रेशर ट्रीटमेंट (Osmotic Pressure Treatment):
उच्च ओस्मोटिक दाब भोजन में विलेयता को बढाता है परन्तु सूक्ष्मजीवों की संख्या कम रहती है, जिससे Plasmolysed होकर और अंत में मर जाते है ।
नमक (Salt) को अधिकतर भोजन के Preserve करने के लिए उपयोग में लाते हैं । उदाहरण के लिए Salting और Bringing Fish, Corning of Beef और Bringing of Green Olives में उच्च Salt का उपयोग करते है । इससे Micro Organisms का Multiplication नहीं होता है । Salt का Concentration 25% होता है ।
जैली (Jellies), जेम (James), Maple Syrup और शहद में उच्च Sugar का Concentration रहता है । Jellies की Surface पर सतह पर Mold Growth होती है जो नमी के कारण उत्पन्न होती है । Jellies की सतह पर यदि Sugar की Layer होती है । तो Jellies सुरक्षित रहती है ।
Osmophilic Yeasts, Honey पर Growth करती है और CO2 को Produced करती है, जिससे जार फट (Burst) हो जाने की स्थिति हो जाती है । Food को Salts या Sugars के द्वारा Preserved किया जाता है और Air Tight Containers में रखकर ठंडे में रखते है, जिससे Food सुरक्षित रहता है और Yeasts के और मोल्ड (Molds) जैसे सूक्ष्मजीवी ओस्मोटिक प्रेशर को सहन कर लेते है ।
Method # 5. रासायनिक उपचार (Chemical Treatment):
भोजन को विघटित तथा खराब होने से बचाने के लिए उनमें Food Additives मिलाये जाते हैं, जिन्हें रासायनिक परिरक्षण (Chemical Preservative) कहा जाता है । भोजन का खराब होना, सूक्ष्मजीवों के कारण, Food Enzyme के कारण या रासायनिक अभिक्रियाओं के कारण हो सकता है ।
वृद्धि का संदमन तथा सूक्ष्मजीवों की क्रियाएँ Microbes की कोशिका झिल्ली, या उनके Genetic Mechanism में हस्तक्षेप करके उनका संदमन कर सकती है । सोडियम एवं कैल्शियम प्रोपियोनेट का उपयोग मोल्ड वृद्धि को रोकने तथा Baked Foods, Cheese Foods इत्यादि में Rope Development को रोकने के लिए किया जाता है । ये मोल्ड यीष्ट एवं बैक्टीरिया के लिए प्रतिरोधी है ।
सोडियम क्लोराइड का उपयोग बाइन्स में किया जाता है जो सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकता है । शर्कराएँ जैसे – ग्लूकोज या सुक्रीज परिरक्षण (Preservative) के रूप में अपनी प्रभाविता दिखाती है जिनमें जीवों के लिए जल अनुपलब्ध कर देने की क्षमता होती है तथा इनका परासरण दाब भी इसमें योगदान देता है ।
परिरक्षत के रूप में सर्वाधिक उपयोग किये जाने वाले रसायन है – बोरिक एसिड, बेरेटस् सल्फाइट, सल्फर डाई ऑक्साइड, सल्फ्यूरिक एसिड, सोडियम नाइट्रेड तथा सोडियम नाइट्राइट ।
Method # 6. विकिरण दारा उपचार (Treatment by Radiation):
सूर्य के प्रकार में सुखाकर कुछ भोज्य पदार्थों को परिरक्षीत करने की प्राचीन विधि की सफलता पराबैंगनी विकिरणों के कारण होती है । यद्यपि इस विधि द्वारा फूड की सतह निजमीकृत हुई मानी जा सकती है । फूड प्रोसेसिंग प्लान्ट्स के कोल्ड स्टोरेज रूप में जर्मीसायडल लैम्प होते है इससे लंबी अवधि तक सडन उत्पन्न हुए बिना स्टोरेज किया जा सकता है ।
सूक्ष्मजीवों का विकिरण प्रतिरोध तापीय प्रतिरोध के संगत नहीं होता । क्लॉस्ट्रीडियम बोटुलिनम के स्पोर्स सभी सूक्ष्मजीवों में सर्वाधिक विकिरणों प्रतिरोधी होते है । इस कारण विकिरण स्टेरेलाइज्ड उत्पाद जीवों से मुक्त होना चाहिए ।