Read this article in Hindi to learn about the desirable properties of refrigerants.
कृत्रिम प्रशीतन में रासायनिक पदार्थों को प्रशीतक के रूप में प्रयोग किया जाता है । प्रशीतक वे पदार्थ हैं जो समीप के वातावरण से ऊष्मा ग्रहण करके, वातावरण का ताप कम करने की क्षमता रखते हैं । इस प्रकार प्रशीतन क्रिया करते हैं ।
कृत्रिम प्रशीतन विधि में प्रयोग होने वाले मुख्य प्रशीतक अमोनिया गैस (NH3), फ्रीओन-12 (Freon-2), मिथाईल क्लोराईड (CH3CI), सल्फरडाई-आक्साईड (SO2) तथा कार्बनडाईआक्साईड (CO2) आदि है । ये सभी कम उबलांक (Boiling Point) वाले पदार्थ है । डेरी उद्योग में आमतौर पर NH3 ही प्रशीतक के रूप में सर्वाधिक प्रयोग की जाती है । प्रशीतन क्रिया को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक है कि प्रशीतक पदार्थ उत्तम गुणों युक्त होना चाहिए इसका चुनाव सावधानीपूर्वक करें ।
अच्छे प्रशीतक के वांछित गुण (Desirable Properties of a Good Refrigerant):
ADVERTISEMENTS:
किसी प्रशीतक पदार्थ में निम्नलिखित गुण होने पर ही वह एक अच्छा प्रशीतक माना जाता है:
1. निम्न उबलांक बिन्दु (Low Boiling Point):
एक अच्छे प्रशीतक का उबलांक बिन्दु साधारण दबाव पर उस तापक्रम से कम होना चाहिए जितना तापमान शीतभंडार, ब्राईन टैंक या अन्य ठण्डे होने वाले स्थान का वांछित हो । अर्थात जहां पर प्रशीतक का वाष्पीकरण होता है । प्रशीतक का कुण्डलों (Coils) में दबाव, वायुमडल के दबाव से अधिक होना चाहिए ताकि Coils से प्रशीतक के रिसाव की जाँच आसानीपूर्वक हो सके ।
इसका दूसरा लाभ यह भी है कि कुण्डलों में पानी या वायु का प्रवेश नहीं हो पाता है । प्रशीतकों में कार्बनडाईआक्साईड (CO2) का B.P. सबसे कम (-78.9०C) तथा NH3 का B.P. इससे अधिक (-33.3०C) है । अर्थात ये दोनों प्रशीतक पदार्थ अन्य प्रशीतकों की अपेक्षा काफी कम ताप पर गैस में परिवर्तित हो जाते है ।
ADVERTISEMENTS:
2. वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Vaporization):
द्रव प्रशीतक के वाष्पीकरण के लिए गुप्त ऊष्मा (द्रव से समान तापमान पर गैस में परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा) अधिक होनी चाहिए । अधिक गुप्त ऊष्मा वाले द्रव प्रति कि.ग्रा., कम गुप्त ऊष्मा वाले द्रव की तुलना में अधिक ऊष्मा का शोषण करके अपेक्षाकृत अधिक प्रशीतनकारी प्रभाव छोडता है ।
ये अपेक्षाकृत अधिक ठण्डा करते हैं । अमोनिया का गुप्त ऊष्मा सर्वाधिक (1315 kJ/kg at (-) 15०C) तथा फ्रिओन-12 का गुप्त ऊष्मा सबसे कम (161 kJ/kg at (-)15०C) होता है ।
3. कम आपेक्षिक आयतन (Low Specific Volume):
ADVERTISEMENTS:
प्रशीतक गैस का आपेक्षिक आयतन कम होना चाहिए ताकि एक बार में Compressor Machine में अधिक मात्रा में गैस भरी जा सके । प्रशीतक की गुप्त ऊष्मा तथा आपेक्षिक आयतन के आधार पर ही प्रशीतन मशीन के आकार का निर्धारण किया जाता है ।
4. कम दाब पर द्रवीभूत होना (Liquefy at Lower Pressure):
अच्छा प्रशीतक पदार्थ वह है जो कम दाब पर ही केवल पानी या हवा से ठण्डा करने पर द्रव में परिवर्तित हो जाये । यह गुण अमोनिया (NH3) में पाया जाता है ।
5. तेलों के प्रति अक्रियाशीलता (Inactive to Lubricating Oils):
प्रशीतक पदार्थ चिकना करने वाले तेलों के साथ मिलकर क्रिया न करे तथा आसानी से अलग हो जाये । इस तरह का प्रशीतक पदार्थ ही उत्तम श्रेणी का माना जाता है यह गुण अमोनिया में पाया जाता है ।
6. कम विषैलापन (Low Toxicity):
प्रशीतक पदार्थ जहरीला नहीं होना चाहिये । यदि यह विषैला हो तो प्रणाली से प्रशीतक पदार्थ का रिसाव आसानी से मालूम (Detect) होने योग्य हो ताकि रिसाव को जल्दी बन्द करके किसी नुक्सान को टाला जा सके ।
7. धातु कटाव सम्बन्धी गुण (Corrosiveness):
प्रशीतक धातुओं को गलाने वाला नहीं होना चाहिए अर्थात धातुओं के साथ कटाव सम्बन्धी प्रति क्रिया न करे । यदि प्रशीतक, प्रयोग होने वाली नलिकाओं पर कटाव क्रिया करता है तो उन्हें जला या गला देगा या उनमें छेद कर देता है फलस्वरूप उन्हें जल्दी बदलना पडेगा । अतः संयंत्र को चलाने का खर्चा बढ जायेगा ।
8. प्रशीतक विस्फोटक तथा आग पकड़ने वाला न हो (Refrigerant Should be Non-Inflammable and Non-Explosive):
प्रयोग किये जाने वाले प्रशीतक आग पकडने वाला नहीं होना चाहिए साथ ही वह विस्फोटक भी न हो ताकि वह प्रयोग में सुरक्षित रहे । प्रशीतक का ज्वलनशील तथा विस्फोटक होने पर नुक्सान की अधिक सम्भावना रहती है ।
9. कम लसलसाहट (Low Viscosity):
प्रशीतक का कम लसलसा हीना उसके नलिकाओं में बहाव को आसान बनाता है अर्थात Viscosity कम होने पर प्रशीतक पदार्थ आसानी से नलिकाओं में घूम सकता है ।
10. सस्ता (Low in Cost):
प्रशीतक पदार्थ आसानी से उपलब्ध होने वाला तथा कम कीमत वाला होना चाहिए ।
अमोनिया प्रशीतक के गुण (Characteristics of Ammonia Refrigerant):
प्रशीतकों के गुणों का अध्ययन करने के बाद के पश्चात यह ज्ञात होता है कि प्रत्येक प्रशीतक गुणों में समान नहीं होता है अतः सभी का समान रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता है ।
अमोनिया एक ऐसा प्रशीतक है जो कि निम्नलिखित कारणों से सर्वोत्तम सिद्ध होता है:
1. साधारण दाब पर इसका क्वथनांक -33.3०C होता है अतः बिना बदले इससे -33.3०C तक का तापमान प्राप्त किया जा सकता है ।
2. दूसरे प्रशीतकों की अपेक्षा साधारण दाब पर अधिक गुप्त ऊष्मा (1315 kJ/kg.) अमोनिया से प्राप्त होती है ।
3. इसका प्रशीतनकारी प्रभाव (1105 kJ/kg) प्रयोग होने वाले अन्य प्रशीतकों की तुलना में सर्वाधिक होता है ।
4. अमोनिया गैस का रिसाव द्वारा निकलना आसानीपूर्वक ज्ञात किया जा सकता है प्रशीतन के लिये शुद्ध अमोनिया प्रयोग में लानी चाहिये तथा इसके लिए कुण्डल एल्युमिनियम के बने होने चाहिये ।
5. अमोनिया यंत्रों को चिकना करने के लिए प्रयुक्त तेलों के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है ।
6. अमोनिया विषाक्त (Poisonous) नहीं होती है परन्तु त्वचा व मांसपेशियों के लिए तेज जलनकारी है । वायु में अमोनिया की 0.005 प्रतिशत तक की सान्द्रता को आसानी से ज्ञात किया जा सकता है । अमोनिया की हवा में 0.03 प्रतिशत सान्द्रता को 1 घन्टे या अधिक समय तक लगातार सूँघने पर ही विषैला प्रभाव छोडती है ।
7. अमोनिया बाजार में अन्य प्रशीतकों की तुलना में सस्ता तथा आसानी से उपलब्ध होने वाला प्रशीतक है । इसका परिवहन भी आसानी से किया जा सकता है ।
8. अमोनिया का आपेक्षिक आयतन (Specific Volume) 0०F तापमान तथा 32.42 पौंड प्रति दबाव पर 9.114 घन फीट होता है ।
अमोनिया का रिसाव ज्ञात करना (Detection of NH3 Leakage):
प्रशीतन प्रणाली से अमोनिया का रिसाव ज्ञात करने के लिए 2 विधियाँ अपनायी जाती है:
1. जहां से अमोनिया के रिसने की सम्भावना हो, वहाँ पर गीला गुलाबी लिटमस (Moist Pink Litmus Paper) कागज सम्पर्क में लाने पर वह नीला रंग में बदल जाता है ।
2. गन्धक की जलती हुई छड को यदि अमोनिया रिसाव के सम्पर्क में लाया जाये तो गहरा सफेद धुँआ उत्पन्न होता है ।
फ्रिओन का रिसाव ज्ञात करना (Detection of Freon Leakage):
यदि प्रशीतन प्रणाली में फ्रिओन का प्रयोग किया जाता है तो प्रणाली से जहां पर फ्रिओन रिसाव की सम्भावना हो, उस स्थान के पास Halide Torch Flame लाने पर फ्रिओन से सम्पर्क होते ही यह हरे रग में बदल जाता है । रिसाव की मात्रा अधिक होने पर Flame स्पष्ट नीले रंग में परिवर्तित हो जाता है । रिसाव ज्ञात करने के लिए Electronic Leak Detector का प्रयोग भी किया जा सकता है जो बहुत अधिक Sensitive है ।