सब्जियों और फलों का नुक़सान | Spoilage of Vegetables and Fruits in Hindi!

सब्जियाँ (Vegetables) और फलों (Fruits) में Microbial खराबी के सामान्य और प्रबल प्रकार से केवल फल या सब्जी के प्रकार नहीं बदलते, बल्कि कुछ हद तक उनकी किस्म (Variety) में भी खराबी आ जाती है । Microbial खराबी किन कारणों से होती है ।

उसके निम्न कारण हैं:

(1) रोगजनक पौधे (Plant Pathogen):

ADVERTISEMENTS:

जो कि पेड़ों की डंठल, पत्तियों, फूलों, जड़ों या फलों पवर या फिर किसी दूसरे विशेष हिस्से पर, जो खाने के लिए उपयोग होता है जैसे कि जब सब्जी या फल सड़ रही हो तो उनकी सतह पर बढ़ने लगते है । जैसे कंद या जड़ (Tubers or Roots) या फिर इन्हीं में से किसी विभिन्न स्थान के प्रभावित करते हैं ।

(2) मृत जीवक (Saprophyte Organism):

जो कि पौधों के रोगजनक (Pathogens) के बाद दूसरे हमलावर (Invaders) हैं । ये स्वस्थ्य फल या सब्जी के अंदर प्रवेश करते हैं और खासकर जब वह सब्जी या फल सड़ रही हो तो उनकी सतह पर बढ़ने लगते हैं ।

जैसे कि जब जीवाणु (Bacteria) नमी में सब्जी के ढेर पर दुगने, चौगने (Multiply) होते जाते हैं जिससे Rots आदि हो जाते है । एक समय पर मृतजीवों (Saprophyte) रोगजनक (Pathogens) पर हावी हो जाते है या फिर खराबी में मृतजीवों (Saprophyte) का अधिकर (Succession) लगातार होता रहता है ।

ADVERTISEMENTS:

अतः उदाहरण के तौर पर Coliform जीवाणु (Bacteria) उपहमलावर (Secondary in Vanders) जैसे पैदा होते है और अगर इसमें सड़ी (Rotten) उत्पादित वस्तुओं (Products) को सम्मिलित किया जाए तो ये फल या सब्जी के रस-सार (Abstract Juice) में अच्छी खासी संख्या में पाए जाते हैं ।

जबकि हर फल (Fruits) या सब्जी (vegetables) की सड़न के प्रकार निश्चित होते हैं और तरह-तरह के जीवाणु (Bacteria) इनकी खराबी में प्रबल (Predominant) होते है । यहाँ पर Microbial खराबी के कुछ सामान्य प्रकार है जो फलों और सब्जियों को छोड़कर अन्य प्रकार Rust भी खोजे गए है ।

खराबी के प्रकार (Types of Spoilage):

सब्जियाँ (Vegetables) व फलों (Fruits) में सामान्य खराबी के प्रकार निम्न प्रकार से होते हैं:

ADVERTISEMENTS:

 

(1) वैक्टीरियल सॉफ्ट रोट (Bacterial Soft Rot):

यह खराबी Erwinia Carotovora और उससे सम्बन्धित जातियों (Species) के द्वारा Pectins के Fermenters से होती है और इससे Soft Mushy Consistency तथा दुर्गंध आती है ।

(2) ग्रे मोल्ड रोट (Gray Mold Rot):

ये Botrytis की जाति B. Cinerea से होती है । इसमें Mold के Grey Colour के Mycelium उत्पन्न होते है । ये अधिक नमी और गरम तापमान के द्वारा उत्पन्न होती है ।

(3) राइजोपस साफ्ट रोट (Rhizopus Soft Rot):

Rhizopus जाति के द्वारा ये खराबी उत्पन्न होती है । R. Nigricans इससे Soft और Mushy Rots उत्पन्न होते है । ये भोजन पर Mold के Cottony वृद्धि होती है । इसमें छोटे Block Dots (Sporangia) के होते हैं, जो भोजन को ढक देते हैं ।

(4) ऐन्थ्रेकनोज (Anthracnose):

सामान्यतः ये Colletotrichum Lindemuthianum के द्वारा होती है । ये पत्तियों (Leaves) फलों (Fruits) या बीजों (Seeds) पर Spots उत्पन्न कर देते है ।

(5) आर्ल्टेनेरिया रोट (Alternaria Rot):

ये Alternaria की जाति के द्वारा होता है । यह Mold की वृद्धि (Growth) पहले Greenish Brown होती है, जो बाद में Brown या Black Spots में बदल जाती है ।

(6) ब्लू मोल्ड रोट (Blue Mold Rot):

यह Penicillium की जाति के द्वार उत्पन्न होती है । इसमें Bluish Green Colour Rots उत्पन्न होते है तथा Spores के Masses उत्पन्न होते है जो भोजन को खराब करते है ।

(7) डयूनी माल्डीव (Downy Mildew):

Phytophthora, Bremia की जाति के द्वारा भोजन में खराबी होती है । इसके अतिरिक्त दूसरे Genera से भी खराबी होती है तथा Molds सफेद Woolly Masses के रूप में उगते हैं ।

(8) वाटरी साफ्ट रोट (Watery Soft Rot):

भोजन की खराबी (Eating Malfunction) के करण होता है । ये सामान्यतः सब्जियों पर पायी जाती है ।

(9) स्टेम ऐंड रोटस (Stem-End Rots):

भोजन की खराबी Molds की कई जातियों के द्वारा होती है । उदाहरण Diplodia, Phomopsis, Fusarium और दूसरी जातियाँ फलों के तने पर Attack करते है ।

(10) ब्लेक मोल्ड रोट (Black Mold Rot):

ये Aspergillus Niger के कारण होती है । इस Rot का नाम Dark Brown से Black Masses हो गया जो Mold के Spores के जमने के कारण होता है जिसे Smut कहा जाता है ।

(11) ब्लेक रोट (Black Rot):

ये Alternaria Species के कारण भोजन खरब होता है । परन्तु कुछ समय के लिए Ceratostomella, Physalo Spora और दूसरे Genera भी भोजन को प्रभावित करते है ।

(12) पिंक मोल्ड रोट (Pink Mold Rot):

भोजन की खराबी या सब्जियों पर पिंक स्पोरड (Pink Spored) Trichothecium Roseum के द्वार प्रभावित होती है ।

(13) फ्सोरियम रोट (Fusarium Rots):

यह एक Rots की किस्म है जो Fusarium Species के कारण होती है ।

(14) ग्रीन मोल्ड रोड (Green Mold Rot):

यह Cladosporium की जाति के करण होती है परन्तु कुछ समय के लिए दूसरी जाति Green Spored Molds (Trichoderma) के कारण होती है ।

(15) ब्राउन रोट (Brown Rot):

यह मुख्यतः Sclerotinia जाति के कारण होती है ।

(16) स्लाइम नेस या सोरनिंग (Sliminess or Souring):

ये Saprophytic बैक्टीरिया के द्वारा होती है । ये Piled, Wet, heating Vegetables पर होती है । सब्जियों (Vegetables) की फफूँदीय खराबी (Fungus Spoilage) पानी में तर-बतर और गूदेदार क्षेत्रों में अक्सर देखने को मिलती हैं, जबकि मांसल फल (Fleshy Fruits) जैसे सेब और आडुओं (Peaches) की फफुँदीय सड़न (Fungal Rots) निरन्तर कत्थाई (Brown) या दूधिया (Cream Coloured) क्षेत्र प्रदर्शित करती है ।

इसके अतिरिक्त त्वचा के नीचे ऊतक (Tissues) में Mold Mucelia पैदा होती है । जहाँ पर Infected क्षेत्र सूखे, कठोर और अक्सर बिना रंग (Discolored) के होते हैं ।

वहाँ Fungal Spoilage के कुछ प्रकार जैसे सूखी सड़न (Dry Rots) आदि दिखाई देने लगते है । फल (Fruits) था सब्जी (Vegetables) का संयोजन (Composition) खराबी (Spoilage) के सदृश प्रकार (Likely Type) पर प्रभाव डालता है ।

इसलिए जीवाण्विक (Bacterial) Soft Veg नर्म सब्जियों में व्यापक रूप से फैलता है जो कि बहुत ज्यादा खट्टा (Acidic) नहीं होता है । फलों (Fruits) में ये सीमित रहता है जो बहुत अधिक खट्टे नहीं होते हैं क्योंकि अधिकतर फल (Fruits) और सब्जियों खट्टी होती है ।

खराब जीवों (Micro Organisms) के प्रवेश की चाह खराबी की संभावना पर प्रभाव डालने के लिए महत्वपूर्ण होते है और फिर ये एक प्रकार का स्थान बना लेते हैं । यांत्रिक माध्यम (Mechanical) पेड़ रोगजनकों (Plant Pathogens) या अनुचित देखरेख (Bad Handling) द्वारा हानि, जो इनमें प्रवेश का समर्थन करते है ।

पेड़ का हिस्सा (Plant Part) जैसे जड़े (Roots) कन्दे (Tubers) या मूलियों में Bulbs गूदेदार तने चुकंदर गाजर और आलू जिसे उपयोग किया जाता है का सीधा संपर्क नम मिट्टी के साथ होता है और स्त्रोत से संक्रमित (Infected) हो जाते है ।

जैसे स्ट्रॉबेरी (Straw Berries) खीरा (Cucumbers), मिर्च (Peppers) और खरबूजा (Melons) जैसे फलों का भी सीधा संपर्क मिट्टी की सतह से होता है ।

पत्तियाँ (Peppers), डंठल (Stems), फूल, पत्तागोभी (Cabbage) शतावर (Asparagus) हरी सब्जी (Greens), रेवत चीनी (Rhubarb) और फूलगोभी (Broccoli) को खासकर खोलकर रखते हैं ताकि वे पेड़ रोगजनकों (Pathogens) द्वार दूषित न हो सके तथा चिड़ियों (Birds) और कीटों (Insects) द्वारा फलों को हानि न हो । अगर साधारणतः वर्गीकरण संभव हो तो फलों व सब्जियों को अलग कर देना चाहिए । इससे ये खराबी से बचाये जा सकते हैं ।

फलों और सब्जियों के रससार की खराबी (Spoilage of Fruits and Vegetable Juice):

रस सारों (Juice) के सीधे फूलों (Fruits) और सब्जियों से निचोड़ा (Squeezed) जाता है या फिर उन्हें कुचले (Crushed) और गीले (Macerated) वस्तु से निचोड़ा जाता है या इन्हें गूदे से विचार पूर्वक मात्रा में या फिर पानी द्वारा भी Extract किया जाता है ।

उदाहरण- Prune Juice, ये रस सार (Juices) अपने प्राकृतिक सान्द्रता (Natural Concentrations) या वाष्पन (Evaporation) या जमने (Freezing) द्वारा Concentrated होते है और Canning जमने या सुखाने द्वारा इनका परिरक्षण (Preservation) होता है ।

जो रस सार (Juice) फलों से निकाले या निचोड़े जाते हैं वे अधिक या कम अम्लीय (Acidic) होते हैं और इनका अम्लीय होना उत्पादित वस्तु (Product) पर निर्भर होता है और इनका pH सीमा (Cranberry) नींबू के लिए 2.4 और टमाटर जूस (Tomato Juice) के लिए pH 4.2 और सब में शक्कर होनी चाहिए ।

Lemon Juice में शक्कर की मात्रा 2% होना चाहिए और ग्रेपजूस (Grape Juice) के कुछ नमूनों में शक्कर की मात्रा 17% तक होनी चाहिए जबकि कुछ Juices की सतह पर Molds पैदा होने लगती है ।

यदि Juice को हवा में खुला छोड़ दिया जाता है या फिर इनमें अधिक नमी वाले तत्व होते हैं, तो इसमें खमीर और जीवाणु (Bacteria) जल्दी पैदा होते है जिसका पिछला या उपरोक्त (Latter) रस सार में प्रबल Predominate हो जाता है और रस सार में शक्कर की कमी और अम्ल (Acid) की उपस्थिति से तापमान की ज्यादा संयोजन (Composition) पर निर्भर करती है और रस सार में शक्कर की कमी और अम्ल (Acid) की निर्भरता तापमान से ज्यादा संयोजन पर निर्भर करती है ।

उदाहरण- Extraction द्वारा रस सार में से ठोस पदार्थों को हटाना और Sieving Raises O-R अन्तशक्ति (Potential) को बढ़ाती है और इन सबसे खमीर (Yeasts) और जीवाणु (Bacteria) की पैदावार में समर्थन मिलता है अधिकतर फलों के रस सार (Juice) काफी Acidic होते हैं और उनमें पर्याप्त मात्रा में शक्कर होती है जो कि तापमान की सीमा में खमीर (Yeast) की पैदावार का समर्थन करती है ।

तापमान सीमा (15.635°C) Vitamin B की कमी से कुछ जीवाणु हतोत्साह (Discourages) हो जाते है । इसी प्रकार सामान्य मद्यसारिक (Alcoholic) खमीर (Yeast) में फल (Fruits) रस सारों (Juice) को दूसरे बदलाव (Changes) सहना पड़ते हैं जो कि Micro Organisms के कारण होते हैं ।

सब्जियों (Vegetables) के रस सार (Juice) में भी शक्कर होती है लेकिन ये फल रस सारों से कम Acidic होते हैं । इनके pH की सीमा (Range) 5.0 से 5.8 तक होती है ।

Vegetable Juice में जीवाणुओं (Bacteria) के लिए उपसहायक पैदावार कारक (Accessory Growth Factors) की प्रचुरतापूर्वक (Pleniful) आपूर्ति की जाती है और इसलिए Fastidious Lactic Acid Bacteria की अच्छी पैदावार के लिए समर्थन मिलता है ।

कच्चे जूस (Raw Juice) के अम्ल फर्मेण्टेशन (Acid Formentation) दूसरे या Acid Forming Bacteria के द्वारा होता है, जिससे खराबी का कारण होता है और इससे खमीर (Yeast) और Molds भी उत्पन्न होते हैं ।

फलों (Fruits) और सब्जियों (Vegetables) के रस सारों (Juice) का Concentration सान्द्रण अधिक और अधिक Acidity शक्कर सान्द्रण से खमीर (Yeast) की पैदावार को समर्थन मिलता है और Leuconostoc और Lactobacillus Species को Sugar का ये Concentration इन दोनों की Growth को बढ़ावा देता है ।

इस तरह के Juice सामान्यता Canned किए जाते है और उन्हें ताप से Treat किया जाता है या फिर अधिक ठंडा (Freeze) किया जाता है । ताप प्रक्रिया (Heat Treated) से आवश्यक जीवाणुओं (Bacteria) को मारा जाता है जिससे इनमें खराबी (Spoilage) आने लगती है और ठंडा (Freeze) करने से इस प्रकार के जीवाणुओं (Bacteria) की पैदावार को रोका जा सकता है और Juice को Protect किया जा सकता है ।