Read this article in Hindi to learn about the spoilage of food due to storage conditions and food’s own chemical properties. 

मनुष्य एवं जन्तुओं को भोजन की आवश्यकता होती है । ये आवश्यकता उनके अनुसार होती है । इस भोजन में कुछ सूक्ष्मजीव भी विभिन्न परिस्थितियों में उत्पन्न हो जाते है जो भोजन को खराब (Spoiled) कर देते है, जो मनुष्य के लिए हानिकारक हो जाते है । ये भोजन के प्रकारों पर निर्भर होता है ।

ये सूक्ष्मजीव भोजन की प्राकृतिक अवस्था को बदल देते है, जिससे स्वाद, गंध आदि बदल जाते है । खराब होने के मुख्य दो कारण है । एक भण्डारण स्थिति और दूसरा भोजन के रासायनिक गुणों के कारण भोजन खराब हो जाता है ।

Cause # 1. स्टोरेज कन्डीशन के कारण खराबी (Spoilage due to Storage Conditions):

तापमान (Temperature) और ऑक्सीजन (Oxygen) दो मुख्य कारक (Factor Microbial Contamination) है जो Storage Conditions मैं भोजन को Spoilage करते हैं ।

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यह Conditions निम्न है:

(a) तापमान की भूमिका (Role of Temperature):

17°C से कम पर भोजन को संचित करने पर Microbial Growth नहीं होती है तथा सूक्ष्मजीव वृद्धि इनमें Bacterial Population होती है, जो धीरे-धीरे वृद्धि करते है । -17°C से ऊपर तापमान पर सूक्ष्मजीव में गुणित होकर भोजन में बढ़ जाते है ।

ये नियम Refrigerated Foods के लिए भी लागू होता है । उसमें भी Microbial के द्वार Spoilage होता है । भोजन और भोजन के उत्पादक कमरे के तापमान पर या गर्म Condition में खुला रखने पर Mesophilic और Thermophilic Micro Organisms के द्वारा Spoilage होता है ।

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(b) ऑक्सीजन की भूमिका (Role of Oxygen):

Aerobic और Anaerobic Condition में Micro Organisms के प्रकारों का महत्वपूर्ण उपयोग है । ये गुणित होकर संग्रहित स्थिति में भोजन और भोजन भोज्य पदार्थ को खराब करते है । जब ऑक्सीजन होती है तो कई Aerobic Bacteria और Molds के कारण भोजन की सतह को Spoilage करता है, जबकि Anaerobic Condition में (Clostridium Sp.) भोजन की खराबी का कारण होता है ।

Cause # 2. भोजन के स्वयं रासायनिक गुणों की वजह से होने वाली खराबी (Spoilage due to Food’s Own Chemical Properties):

भोजन की रासायनिक स्थिति (Chemical Condition) सूक्ष्मजीवों के प्रकारों से प्रभावित होती है । Micro Organisms के द्वारा खराबी उत्पन्न होती है ।

इसको तीन बड़े बिन्दुओं में बांटा गया है:

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(1) रासायनिक संघटन (Chemical Composition),

(2) अम्लीयता (Acidity),

(3) नमी और ओस्मोटिक सान्द्रता (Moisture and Osmotic Concentration) ।

(1) रासायनिक संघटन (Chemical Composition):

भोजन में अधिक प्रोटीन (Protein) होते हैं जो Proteolytic Micro-Organisms के द्वारा Degrade किए जाते हैं । ये प्रोटीन टूट कर कई Component में बदल जाते हैं । ये gram negative व Spore Forming Bacteria की क्रियाविधि द्वारा होता है । उदाहरण Proteus, Pseudomonas और Some Cocci आदि ।

(i) भोजन में कार्बोहाइड्रेट अधिक होते हैं जो Carbohydrate Fermenting Micro Organisms के द्वारा Degraded होते है । इनमें Yeasts और Molds Bacteria जैसे Micrococcus, Leuconostoc और Streptococcus भी Carbohydrates को Degrade करते हैं ।

(ii) भोजन में फैट्स (Fats) अधिक होते है । इस पर कुछ Micro Organism जैसे Molds और कुछ Gram Negative Bacteria प्रभाव डालते हैं । ये Micro Organism Lipolytic Nature होते हैं ।

(2) अम्लीयता (Acidity):

सामान्यतः फल (Fruits) Acid Food है जिसका pH 4.5 होता है जबकि सभी सब्जियाँ (Vegetables), मछली (Fishes), माँस (Meat) और Milk Products Non Acidic भोजन है क्योंकि इनका pH 4.5 से अधिक है । Acid Foods का pH कम (Low) होता है ।

इसमें Bacterial Growth नहीं होती है । बल्कि Subsequent Spoilage होता है । ये मुख्य रूप से Yeasts और Molds के द्वारा Spoiled होता है । Non Acid Food pH उच्च होता है । ये Bacteria के द्वारा Spoiled होता है ।

(3) नमी और ओस्मोटिक सान्द्रता (Moisture and Osmotic Concentration):

भोजन में 13% जल का न होना सामान्य Microbial Growth के लिए आवश्यक है कारण उच्च शुगर (Sugar) भोजन में होती है और अधिक Salt Concentration Micro Organisms की वृद्धि नहीं होने देते है । परन्तु Specific Microbial Growth अपने नियमानुसार होती है । उदाहरण- 65-70% Sugar Concentration Mold Growth के लिए आवश्यक है और 50% पर Bacteria और Yeast को Growth से बचाता है ।