Read this article in Hindi to learn about the steps involved in microbial spoilage of milk.

दूध एक तरल पदार्थ है । दूध बहुत सूक्ष्मजीवों के लिए एक अति उत्तम (Culture) संवर्धन माध्यम है । यह एक नमीयुक्त, उदासीन pH वाला भोज्य नहीं है । दूध में Moist के लिए आवश्यक शर्करा, नाइट्रोजनी यौगिक तथा मिनरल व वसा उपस्थित होते हैं ।

ये सूक्ष्मजीव दूध में वृद्धि करके दूध को खराब कर देते है । कच्चे दूध के खराब होने के अधिक अवसर होते है । पाश्चुरीकरण (Pasteurization) द्वार दूध को खराब करने वाले Active Acid Forming Bacteria को मार दिया जाता है लेकिन Heat Resistance Lactic Bacteria नहीं मर पाते हैं जो भण्डारण तापक्रम पर दूध का फरमेन्टेशन कर देते हैं, बहुत सारे बैक्टीरिया ऐसे हैं जो एसिड फरमेन्टेशन में सक्षम होते हैं ।

इसमें निम्न Steps आते हैं:

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(1) गैस उत्पादन (Gas Production):

प्रायः Bacteria द्वारा Gas का निर्माण होता है । दूध में Acid निर्मित करने वाले Bacteria Caliform जीवाणु Clostridium आदि है । Gas निर्माण के समय दूध में बुलबुले उत्पन्न होने लगते हैं तथा उसमें Smell आने लगती है ।

जब दूध को पाश्चुरीकृत ताप या उस अधिक ताप गर्म किया जाता है । तब अत्यधिक अम्ल निर्मित करने वाले Bacteria मर जाते हैं लेकिन Clostridium तथा Bacillus sp. के Spores Survive कर जाते हैं तथा Gas निर्मित कर देते हैं ।

(2) प्रोटोलाइसिस (Proteolysis):

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प्रायः सूक्ष्मजीव दूध में उपस्थित Protein के जल अपघटन (Hydrolysis) के साथ-साथ कुछ Peptides भी छोड़ते हैं जिससे दूध का स्वाद कड़वा हो जाता है । Acid Proteolysis द्वारा सिकुड़ा दही (Shrunken Curd) बनता है ।

Acid Proteolysis विभिन्न प्रकार के Micrococcus Species द्वारा होता है । Proteolysis में भी Spoilage कम से अधिक की ओर क्रिया होती है, जिसमें दूध में धीरे-धीरे Changes आते हैं और अन्त में Milk पूर्ण रूप से खराब हो जाता है ।

(3) क्षार उत्पादन (Alkali Production):

बहुत से क्षार निर्मित जीवाणुओं के समूह है जो बिना किसी Proteolysis के दूध में क्षारीय क्रियाएँ करके दूध को क्षारीय बना देते हैं । इन क्षारीय क्रियाओं के फलस्वरूप यूरिया (Urea) के रूप में (Ammonia) का निर्माण हो जाता है । उदाहरण के लिए स्युडोमोनस फ्लोरोसेन्स (Pseudomonas Fluorescens) और A. Viscolactis Bacteria. Alkali Former है, जो दूध को खराब करते हैं ।

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(4) स्वाद में परिवर्तन (Flavour Changes):

सूक्ष्मजीव दूध को खराब करके उसके स्वाद में विभिन्न परिवर्तन कर देते हैं ।

इससे उसमें अनचाही महक आने लगती है कुछ विभिन्न प्रकार के स्वाद है:

(i) अम्लीय स्वाद (Acid Flavours):

Streptococcus, Colifrom, Bacteria, Clostridium Species आदि Milk में Acidity उत्पन्न करती है । अत्यधिक Acidity उत्पन्न होने पर उसकी महक अनचाही हो जाती है ।

(ii) कड़वा स्वाद (Bitter Flavours):

प्रायः Proteolysis द्वारा दूध में कड़वापन उत्पन्न हो जाता है । ये Califoran Bacteria Strains तथा Yeast के Strain Milk में कड़वापन उत्पन्न कर देते हैं ।

(iii) जला या कारमेल स्वाद (Burnt or Caramel Flavor):

कुछ Strains जैसे Streptococcus Lactis. V. Maltigenes जो Milk में जले हुए या अधिक पके हुए Flavor उत्पन्न कर देते हैं ।

(iv) अन्य स्वाद (Other Flavors):

दूसरे प्रकार के Flavors जैसे- Soapiness, Barny Flavor, Turniplike और Malty Flavor दूध में आने लगती है जो Pseudomonas Sapolactica, Enterobacter Oxytocum, Escherichia Coli, Yellow Micrococci के द्वारा Change होता है । इसी प्रकार Fishness Flavor Aeromonas Hydrophila के द्वारा Change होता है ।

(5) रंगा परिवर्तन (Colour Change):

दूध का रंग (Colour) उसके भौतिक तथा रासायनिक संघटकों द्वारा प्रभावित होता है । दूध की सतह पर Pigmented Bacteria या Mould की वृद्धि के कारण दूध का रंग परिवर्तित हो जाता है ।

कुछ रंग परिवर्तन निम्न है:

(a) नीला दूध (Blue Milk)- Pseudomonas द्वारा Milk का रंग नीला या Grey हो जाता है ।

(b) पीला दूध (Yellow Milk)- Pseudomonas Synxantha के द्वारा दूध का रंग Yellow हो जाता है ।

(c) लाल दूध (Red Milk)- यह प्रायः Serratia, S. Marcescens के द्वारा Milk का रंग Red हो जाता है क्योंकि यह Species में Red Pigment पाया जाता है ।

(d) भूरा दूध (Brown Milk)- यह Pseudomonas Putrefaciens के द्वारा Milk का रंग Brown हो जाता है । ये Tyrosine का Enzymic Oxidation के कारण जो P. Fluorescens के द्वारा होता है ।

(6) दूध की वसा में परिवर्तन (Changes in Milk Fat):

Milk Fats, Bacteria, Yeasts और Moulds के द्वारा विघटित होकर परिवर्तित हो जाता है । ये Unsaturated Fattyacids के Oxidation के द्वारा Aldehydes, Acids & Ketones में परिवर्तित हो जाते हैं जिससे Tallowy Odors और Tests आ जाते हैं ।

यह Metals, Sunlight और Oxidizing Microorganisms के द्वारा होता है । इसके अतिरिक्त Butterfat के Hydrolysis से Fatty Acids और Glycerol में Enzyme Lipase के द्वारा Change होते हैं इसके लिए Bacteria के विभिन्न Genera Responsible होते हैं । जैसे Pseudomonas, Proteus, Bacillus, Micrococcus Clostridium, Fragi and Aureus आदि ।

(7) विभिन्न तापमानों पर दूध का सड़ना (Spoilage of Milk at Different Temperature):

विभिन्न तापमान पर दूध खरब होता है जिसमें कम तापमान पर विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं जो दूध को खराब कर देते हैं । इसमें स्युडोमोनास की जाति है अधिक तापमान पर रखने पर भी दूध खराब हो जाता है । इसमें Psychrotrophic Bacilli के द्वारा होता है ।