Read this article in Hindi to learn about:- 1. यूकेरियोट में डी.एन.ए. द्विगुणन के महत्व (Importance of DNA Replication in Eukaryotes) 2. यूकेरियोट में डी.एन.ए. द्विगुणन के चरण (Steps of DNA Replication in Eukaryotes) 3. पॉलीमरेज (Polymerases).

यूकेरियोट में डी.एन.ए. द्विगुणन के महत्व (Importance of DNA Replication in Eukaryotes):

Eukaryotes में DNA Replication लगभग Prokaryotes की तरह की होता है । इसके कुछ महत्वपूर्ण गुण इस प्रकार हैं । Eukaryotes में DNA कुछ Chromosomes पर उपस्थित होता है तथा यह Prokaryotes की तुलना में अत्यधिक जटिल होता है ।

DNA Polymerase की क्रिया की दर Prokaryotes की तुलना में कम होती है । इसे पूरा करने के लिए एक Eukaryotic Cell में 20,000 से अधिक Enzyme के अणु उपस्थित होते हैं । अत: Eukaryotic Chromosomal पर DNA निर्माण पर बहुत अधिक Forks की आवश्यकता होती है ।

40-300 Bases के छोटे-छोटे Okazaki Fragment भी निर्मित होते हैं । इस तरह हम कह सकते हैं कि Prokaryotes की तुलना में DNA Replication तेजी से होता है ।

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Eukaryotic में DNA के Replication S-Phase तक सीमित होते हैं, जो कि Cell Cycle की एक अवस्था है । यह S-Phase Interphase का एक हिस्सा होता है तथा यह कुछ घण्टों का होता है । DNA Replication जब S-Phase में शुरू होता है । यह एक Signal द्वारा सक्रिय होता है तथा यह Signal 1st Replication को Activate करता है ।

यूकेरियोट में डी.एन.ए. द्विगुणन के चरण (Steps of DNA Replication in Eukaryotes):

Eukaryotic DNA Replication की विधि या अग्रलिखित Steps में दी गयी हैं:

1. DNA Synthesis के शुरुआत के पहले एक 8-10 Minute की अवस्था देखी जाती है, जिसमें DNA की Unwound (Helex को लिखना) किया जाता है । यह Unwounding और तेजी से होती है, जब Topoisomerase इससे आकर जुड़ता है ।

इसके पश्चात् DNA Helecase की मदद से H-Bond को तोड़ा जाता है, जो Single Stranded DNA का निर्माण करता है, जिसे Replication Fork कहते हैं । अब SSB Protein Single Strand DNA से जुड़ जाते हैं । अब RNA Primere का निर्माण RNA Primase के द्वारा किया जाता हैं, जो DNA Polymerase से Tightly जुड़ा होता है ।

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2. कुछ (Replication Factor DNA Polymerase) को (Switch On) करने में मदद करते हैं, ताकि (Polymerase-α, Polymerase-β) द्वारा बदल दिया जाए । अब (Polymerase & DNA) का लगातार निर्माण करता है और (DNA) की (Leading Strand) बनाता है ।

3. (DNA-Polymerase Okazaki Fragment) का निर्माण (5-3 Direction) में करते है । ये (Okazaki Fragment Lagging Strand) पर बनते है तथा यह (Step) बार-बार दोहराई जाती है, जब तक पूत (DNA) का अणु नहीं बन जाता है ।

4. अब (RNA Primease Remove) हो जाते हैं तथा (Gapes) को (Prokaryote DNA Replication) के द्वारा भर दिया जाता है । Mitochondrial तथा (Chloroplast DNA Replication) एक अन्य (DNA Polymerase) द्वारा संचालित किया जाता है । (Mitochondria DNA Replication) एक अन्य (DNA Polymerase Gene) उत्तरदायी होता है । एक और (Polymare-β Nucleus) में पाया जाता है, जो (Proof Reading System) के लिए उत्तरदायी होता है । (DNA Repair Mechanism) में मदद करता है ।

यूकैरियोट्‌स में DNA का द्विगुणन कोशिक चक्र की ‘S’ Phase में होता है । इस अवस्था में DNA के साथ-साथ क्रोमोसोम में DNA से जुड़ी हिस्टोन प्रोटीन का भी द्विगुणन होना चाहिए । DNA द्विगुणन का आरम्भ कोशिक चक्र में बहुत महत्वपूर्ण घटना है ।

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ई. कोली (E. Coli) के विपरीत, यूकैरियोट्स में DNA द्विगुणन (Replication) का आरम्भ कई जगहों (Sites) पर (Multiple Sites) होता है । एक चक्र में ही 103 से 105 तक द्विगुणन परिघटनाएँ होती हैं । इससे ‘S’ Phase में अनेक विभिन्नताएँ (Variations) आ जाती है ।

भ्रूणकोशा (Embryonic Cells) में ‘S’ Phase 3-4 मिनट की होती है, जबकि ड्रोसोफिला मैलेनोगेस्टर (Drosophila Melanogaster) की कल्चर कोशा (Cultured Cells) में यह 10 घण्टे की होती है ।

यद्यपि द्विगुणन की गति में भिन्नता नहीं होती है । यह सम्भव है कि विभिन्न प्रारंभिक प्रोटीनों (Initiator Proteins) का प्रयोग अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय पर होता है । उदाहरण के लिए, यीस्ट में AbF1P प्रोटीन कई आरम्भ बिन्दुओं को बाँधती है, पर सभी को प्रभावित नहीं करती ।

यूकैरियोटिक जीनोम काफी जटिल होता है । प्रत्येक जीनोम में कई असमानतायें पायी जाती हैं । यहाँ उदाहरणस्वरूप SV 40 क्रोमोसोम के द्विगुणन का वर्णन किया गया है । SV 40 क्रोमोसोम का प्रयोगशाला में द्विगुणन किया गया जिसमें यूकैरियोटिक प्रोटीनों तथा एन्जाइमों का प्रयोग किया गया ।

आठ शुद्ध किए गये पदार्थ जो DNA द्विगुणन (Replication) में भाग लेते हैं:

(i) T-एण्टीजन (T-Antigen),

(ii) द्विगुणन प्रोटीन (Replication Protein), A or RP-A या RFA प्रोटीन,

(iii) टोपोआइसोमरेज I (Topoisomerase I),

(iv) टोपोआइसोमरेज –II (Topoisomerase-II),

(v) DNA पॉलीमरेज (Polymerases) (Pol α) जो कि प्राइमेज (Primase) से जुड़ा होता है,

(vi) DNA पॉलीमरेज δ (Polymerase δ) (Pol δ),

(vii) PCNA (Proliferating Cell Nuclear Antigen) या साइक्लिन (Cycline),

(viii) द्विगुणन कारक C (Replication Factor C) या RF-C (ATPase) ।

यूकेरियोट में DNA पॉलीमरेज (Eukaryotic DNA Polymerases):

सारणी : प्रोकेरियोट तथा यूकेरियोट में द्विगुणन (Prokaryotic and Eukaryotic Replicons):

यूकेरियोट डी.एन.ए. पॉलीमरेज (Eukaryotic DNA Polymerase):

Eukaryotes में पाँच प्रकार के DNA सक्रिय Polymerase पाये जाते हैं तथा इन Polymerase की कार्य प्रक्रिया लगभग समान होती है, ठीक Prokaryote DNA Polymerase जैसी क्रियाएँ देखी जा सकती है ।

इन सभी Enzymes को बहुलीकरण के लिए Primere की आवश्यकता होती है । Prokaryotes और Eukaryotes में DNA Replication की विधि लगभग समान होती है, परन्तु अलग-अलग Polymerase Leading और Lagging Strand को निर्मित करने का कार्य करते हैं ।

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