वायुमंडल का ढांचा | Structure of the Atmosphere in Hindi!
Read this article in Hindi to learn about the structure of the atmosphere.
एक सुव्यवस्थिति अध्ययन के लिए वायुमंडल को तापमान के आधार पर चार परतों में विभाजित किया जा सकता है ।
वायुमंडल की ये चार परतें निम्न प्रकार है:
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(1) क्षोभमंडल,
(2) स्ट्रेरटोसफियर,
(3) मध्यमंडल,
(4) तापमंडल ।
(1) क्षोभमंडल (Troposphere):
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वायुमंडल की सबसे नीची परत को क्षोभमंडल कहते हैं । इसमें वायुमंडल की कुल राशि का 90 प्रतिशत भाग पाया जाता है । इस मंडल की ऊपरी सीमा को क्षोम-सीमा कहते है । क्षोभ सीमा- 57°C तापमान के द्वारा निर्धारित की जाती है जो विषुवत रेखा पर होती है । जैवमंडल इसी क्षोभमंडल तक पाया जाता है ।
क्षोभमंडल में सागर स्तर से ऊँचाई की ओर जाते समय तापमान में निरंतर कमी आती है । तापमान के ह्रास की दर 6.4°C प्रति किलोमीटर है । इस ह्रास दर को सामान्य ह्रास दर कहते हैं । उदाहरण के लिए जब सागर स्तर पर तापमान 21°C रहता है, तब 12 कि॰मी॰ की ऊँचाई पर वायु का तापमान केवल -57°C पाया जाता है ।
मौसम संबंधी सभी प्रक्रियाएँ; जैसे-वायु का चलना बादल, वर्षा, हिमपात, कोहरा, बिजली की चमक तथा बादलों की कडक इत्यादि इसी मंडल तक सीमित रहती हैं । जैवमंडल (मानव, पशु-पक्षी तथा वनस्पति) के लिए क्षोभमंडल की महत्ता बहुत अधिक है ।
(2) स्ट्रेटोसफियर (Stratosphere):
स्ट्रेटोसफियर, वायुमंडल में क्षोभमंडल के ऊपर पाया जाता है । इसकी ऊँचाई विषुवत् रेखा पर 18 कि.मी. से लेकर 50 कि.मी. तक पाई जाती है । इस मंडल में ओजोन परत पाई जाती है इसलिए इसको ओजोनोसफियर भी कहा जाता है । ओजोन गैस की बहुतायत के कारण इस मंडल में ऊपर की और जाते हुए तापमान में वृद्धि होती जाती है । इसकी ऊपरी सीमा शून्य डिग्री (0°c) से की जाती है ।
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इस सीमा को स्ट्रेट्रोपाज कहते हैं । वाष्प एवं आर्द्रता के अभाव में इस मंडल में बादल आदि नहीं पाए जाते । ओजोन परत में CFC गैसों के कारण तीव्रता से ह्रास हो रहा है जिसका मानव एवं पशु-पक्षियों तथा वनस्पति पर खराब प्रभाव पड़ रहा है ।
(3) मध्यमंडल (Mesosphere):
स्ट्रेट्रोसफियर की ऊपरी सीमा 50 कि॰मी॰ से 80 कि॰मी॰ के बीच स्थित है । मध्य मंडल में ऊँचाई के साथ तापमान में हास होता जाता है । इसकी ऊपरी सीमा-पुष्ट- द्वारा निर्धारित होती है जिसको मेसोपाज कहते हैं ।
(4) तापमंडल/बाह्यमंडल (Thermosphere):
वायुमंडल की यह परत सागर स्तर से लगभग 80 कि॰मी॰ ऊपर वायुमंडल में स्थित है । बहुत-से वैज्ञानिक तापमंडल की निचली परत को आयन मंडल कहते हैं । आयनमंडल में इलेक्ट्रॉन/विद्युत का घनत्व अत्यधिक होता है । तापमंडल में गैस का घनत्व बहुत कम रहता है । चूकि अधिक ऊँचाई पर वायु विरल होती है, जिसके कारण विकास अधिक तीव्र होता है । इस परत में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड और वाष्प नहीं होता इसलिए इसमें ग्रीन हाउस गैस प्रभाव भी नहीं होता ।