Here is a list of top nine power resources found in India.

1. विद्युत ऊर्जा (Electricity):

विद्युत ऊर्जा का एक साफ-सुथरा साधन है । विद्युत, पानी, कोयले, प्राकृतिक गैस, पवन सागरीय लहरों सूर्य चश्मों तथा परमाणु (Atomic Energy) से पैदा की जाती है । विद्युत से प्रदूषण कम होता है ।

किसी देश में विद्युत के प्रति व्यक्ति उपभोग उस देश के आर्थिक विकास का सूचकांक माना जाता है । भारत में विद्युत का उपभोग प्रति व्यक्ति, प्रतिवर्ष 350 KWH है जबकि विश्व का औसत 1000 KWH तथा संयुक्त राज्य में 7000 KWH है । भारत में विद्युत ऊर्जा का उत्पादन 1950-51 में 2.3 हजार MW था जो 2009-10 में बढ्‌कर 160 हजार प्रह्य हो गया ।

ADVERTISEMENTS:

भारत में सबसे अधिक विद्युत का उत्पादन कोयले से किया जाता है । भारत की कुल विद्युत का 60 प्रतिशत उत्पादन कोयले से किया जाता हैं ।

2. पेट्रोलियम (Petroleum):

ADVERTISEMENTS:

पेट्रोलियम ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो परतदार चट्‌टानों में पाया जाता है । भारत के विभिन्न राज्यों में पेट्रोलियम के भंडारों एवं उत्पादन क्षेत्रों को एवं Fig. 10.21 तालिका Fig. 10.33 में दिखाया गया है ।

3. प्राकृतिक गैस (Natural Gas):

प्राकृतिक गैस तेल के कुओं से ही प्राप्त होती है । प्राकृतिक गैस चूँक हल्की होती है इसलिये यह तेल के ऊपर पाई जाती है । प्राकृतिक गैस का उपयोग मुख्य रूप से रासयनिक खाद, रासयनिक वस्तु के उत्पादन वाहन एवं घरों में खाने पकाने के लिये इस्तेमाल की जाती है ।

भारत में प्राकृतिक गैस के भंडारों का पता लगाना तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग का कार्य है । भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार की मात्रा 450 बिलयन क्यूबिक मीटर है । प्राकृतिक गैस के कुल भंडार का 75 प्रतिशत भाग बेसीन बेसिन (Bassein Basin) तथा बॉम्बे हाई में पाया जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

गुजरात में 12 प्रतिशत, आन्ध्र प्रदेश 7 प्रतिशत, असम में 6 प्रतिशत गैस के भंडार हैं । इनके अतिरिक्त बारमेड् (राजस्थान), कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) तथा फिरोजपुर (पंजाब) में भी प्राकृतिक गैस के भंडार हैं । भारत में प्राकृतिक गैस के उत्पादन को तालिका 10.34 में दिखाया गया है ।

4. भारत के तेल-शोध कारखाने (Oil Refineries of India):

तेल-शोध कारखानों में कच्चे तेल को साफ करके पेट्रोलियम, डीजल, घासलेट, तथा बिटुमिन (Bitumen) तैयार किया जाता है । भारत के मुख्य तेल-शोध कारखानों  को Fig. 10.21 में दर्शाया गया है तथा उनकी क्षमता तालिका 10.35 में दिखाई गई है ।

भारत पेट्रोलियम के मामले में आत्मनिर्भर नहीं है और अपनी आवश्यकता का लगभग 80 प्रतिशत आयात करता है । अधिकतर आयात सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान आदि से किया जाता है ।

भारत में बिजली का उत्पादन 1898 में दार्जिलिंग में आरम्भ हुआ था, जबकि ताप-बिजली का उत्पादन 1899 में छल में आरम्भ हुआ । इनके पश्चात् मैसूर (Mettur) तैयार की गई । भारत में नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (NTPC), 1975 में स्थापित किया गया ।

5. पन-बिजली (Hydro Electricity):

भारत पन-बिजली उत्पन्न करने वाला विश्व का महत्वपूर्ण देश है । अधिकतर पन-बिजली उत्पादन प्रोजेक्टस पर्वतों में है । भारत के मुख्य पन-बिजली प्रोजेक्ट्स को  विभिन्न राज्यों में वितरण तालिका 10.36 में दिया गया है ।

पन-बिजली परयोजनाएं:

भाखड़ा-नांगल-सतलज नदी (हिमाचल प्रदेश – पंजाब), भाभानगर, किन्नौर जनपद (हिमाचल प्रदेश), नपथा-झाखड़ी बस्सी, बेरा-सियुल तथा चमेरा (हिमाचल प्रदेश), लोअर झेलम (Lower Jhelam), दौल-हस्ती, बगलिहार, सलाल (चिनाब नदी, जम्मू-कश्मीर), राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर (चम्बल नदी), टिहरी बांध, कोटेश्वर बांध (भागीरथी नदी-उत्तराखण्ड), खोदरी, छिवरो (टोंस नदी) |

दक्षिण भारत की पन-बिजली परियोजनाएं हैं:

लोअर-सिलेरू (Lower Sileru), अपर-सिलेरू (ओडीशा), निजाम सागर, नागार्जुनसागर, श्रीसेलम (कृष्प घ नदी), तुंगभद्रा बांध (आन्ध्र प्रदेश), सवारत्ती, काली नदी, महात्मा गांधी बाँध (जोग जल-प्रपात), भद्रा, शिवसमुद्रम (कावेरी नदी), शिमा सपुरा, मुनिराबाद, लिंगनमाककी (कर्नाटक), इडुक्की (परियार-केरल), सबारिगिरि, कुट्‌टीपाडी, शोलायार, सेंगुलम, पराम्भीकुलम, निरियामंगलम, कालाडा, पोल्लीवासल, पोरिंगल तथा पोनियार (केरल), पयकारा, मैटूर, कोडेयार, शोलायार, अलियार, मोयार, साकरपाथी तथा पापनाशम (तामिलनाडू) |

उत्तर-पूर्व की पन-बिजली परियोजनाओं में मुख्य परियोजनायें हैं- दीखू डोयांग (नागालैंड), गोमुती (त्रिपुरा), लोकटक (मणिपुर), खानडोंग तथा किरदेमकुलाई (मेघालय), कोपिली (असम), सिरलुई तथा बराबी (मिजोरम), रंगानदी (अरुणाचल प्रदेश), दामोदर घाटी परियोजना (झारखण्ड प. बंगाल) इत्यादि ।

6. ताप-बिजली (Thermal Power):

भारत की 60 प्रतिशत बिजली कोयले से तैयार की जाती है । भारत के मुख्य ताप-बिजली घरों-पतराटू, बरौली, मुजफ्फरपुर (बिहार), तलचर (ओडीशा), टीटागढ़, कोसीपुर, दुर्गापुर, बण्डेल, संतालदिह, गौरीपुर, दीसरगढ़, कोलाघाट, फरक्का प. बंगाल), अहमदाबाद, धुवारण, गांधीनगर, कवास, साबरमती, उकाई तथा उत्तरण (गुजरात), सतपुडा, कोरवा (मध्य प्रदेश), बलहारशाह, भुसावल, चोला, को. राडी, खापरखेडा, नासिक एवं पाली (महाराष्ट्र) ।

उत्तरी भारत में मुख्य ताप-बि. जली घरों में राजघाट (दिल्ली), फरीदाबाद, पानीपत, तथा सूरजूपुर (हरियाणा), भटिंडा (पंजाब), ओबरा, हरदुआगंज, रेणुसागर, पांकी-कानपुर, दादरी, रिहंड, (उत्तर प्रदेश), कालाकोट जन है ।

दक्षिण भारत में मुख्य ताप-बिजली घरों में कोठागुड्‌डम, विजयवाडा, रामागुड्‌डम, नैल्लोर (आन्ध्र प्रदेश), इन्नौर, तूतीकोरिन, बेसिन-ब्रिज (तमिलनाडु), रायचूर (कर्नाटक) तथा कोच्चि (केरल) हैं ।

इनके अतिरिक्त प्राकृतिक गैस के द्वारा भी बिजली का उत्पादन किया जाता है । गैस-ताप-बिजली घरों में कामरूप, चन्द्रापुर, बोगाईगाँव तथा लकवा मुख्य है । नामरूप में कूड़ा इत्यादि से बिजली पैदा की जाती है ।

7. नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Power):

भारत में यूरेनियम के पर्याप्त भंडार हैं । यूरेनियम को नाभिकीय ऊर्जा में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है । भारत में 1954 में परमाणु ऊर्जा संस्थान, (Atomic Energy Institution, Trombay) ट्रॉम्बे में स्थापित किया गया था और 1987 में भारतीय परमाणु शक्ति निगम स्थापित किया गया था ।

भारत का पहला परमाणु संयंत्र तारापुर (महाराष्ट्र) में 1969 में स्थापित किया गया था, जिसकी उत्पादन क्षमता 320 MW थी । इसके पश्चात् 1972 में रावतभाटा की स्थापना की गई थी । भारत के मुख्य परमाणु संयंत्रों की सूची, तालिका 10.38 में दी गई है ।

8. सौर ऊर्जा (Solar Energy):

सौर ऊर्जा एक गैर-पारम्परिक परन्तु ऊर्जा का महत्वपूर्ण साधन है । इस समाप्त न होने वाली ऊर्जा को मकानों, दफ्तरों को गर्म करने, पानी गर्म करने, फ्रिज को ठंडा रखने और खाना पुकाने के काम में इस्तेमाल किया जाता है । इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता । भारत के बहुत-से भागों में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु संयंत्र लगाये गये हैं, जिनमें सुन्दरवन के डेल्टा के सागर द्वीप, जोधपुर (राजस्थान), कोयम्बटूर (तमिलनाडु), क्ल्याणपुर (अलीगढ़-यू.पी.) उल्लेखनीय है ।

9. पवन ऊर्जा (Wind Energy):

सौर ऊर्जा के साथ-साथ, पवन ऊर्जा भी एक महत्वपूर्ण अपरम्परागत ऊर्जा का साधन है । भारत के राज्य स्तर पर संभावित पवन ऊर्जा (Potential Wind Energy) तालिका 10.39 में दिया गया है ।

तालिका 10.39 के अध्ययन से ज्ञात होता है कि, संभावित पवन ऊर्जा सबसे अधिक गुजरात राज्य में उसके पश्चात् आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान एवं तमिलनाडु का नम्बर आता है ।