Read this article in Hindi to learn about the scheduled tribes and scheduled castes which are the two important social classes of India.
भारत की जनजातियाँ जो भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार ‘अनुसूचित जनजाति’ के वर्ग के अंतर्गत आती हैं । 2001 के आँकड़ों के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 8.43 करोड़ थी ।
भारत में 365 अनुसूचित जनजातियाँ भारतीय संविधान में थीं जिनकी संख्या बढ़कर 425 से भी अधिक हो गई । कई मानव जातियाँ अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल होने के लिये भारत सरकार को आवेदन दे चुकी हैं ।
भारत की अनुसूचित जनजातियों का सम्बंध विभिन्न प्रजातियों नृजातियों, भाषाई तथा धर्मों से है । अधिकतर जनजातियाँ सामान्यत: पर्वतों पहाड़ियों तथा जंगलों में रहती हैं । अनुसूचित जनजातियाँ देशज होती हैं ।
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उन्हें अक्सर ”चौथी दुनिया” के लोग कहा जाता है । अनुसूचित जंजातियाँ अपने पर्यावरण एवं संस्कृति का सम्मान करती हैं । वे पूर्व तथा वर्तमान उपनिवेशवाद से पीड़ित हैं । अनुसूचित जनजातियों ने भूमि से एक नजदीकी सम्बंध कायम रखा है । उनके समाज में देने तथा लेने का एक सहयोगी व्यवहार देखा जाता है । वे पृथ्वी तथा उसके द्वारा समर्थित जीवन का आदर करते हैं । उनके जीवन का दर्शन कहता है ।
”सबसे क्षमता के अनुसार तथा सबको आवश्कतानुसार” भारत की आर्थिक अनुसूचित जनजातियों का संक्षिप्त वर्णन निम्न में दिया गया है:
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1. अण्डमान तथा निकोबार द्वीप (Andaman and Nicobar Island):
अंडमानी, शोम्पने, जरावा, निकोबारी, ओंगे तथा सेंटेलिज ।
2. आन्ध प्रदेश (Andhra Pradesh):
आन्ध, बगाटा, बाल्मिकी, बिधु, भील, चेन्यू, डोरा, दुबला, गडाबा, गोंड, जटायु, कम्मारा, कोन्डा, कान्हा-रेड्डी, खोण्ड कोतिया, कोया, कुलिया, कुटुनायाकन, लम्बाडी, माली, माने-डोरा, नरवा-डोरा, नायक, पोरजा, प्रधान रेड्डी, रेड्डी-डोरा, रोना/रेना, सबरा, सुगाली, टोटी, यनाडिया तथा यरकुला ।
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3. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh):
अबोर, अदि, अका, अपातनी, दाफला, दिगारू, गोम्बा, खम्टी, मिजी, मिश्मी, मोनबा, नोक्टे तथा सिंहपो ।
4. असम (Assam):
बोरो, चकमा, दिमसा, दिवारी, होजा, होजाई, कचारी, लालुंग, मिकिर, मीरी, खाखा (गंग) |
5. बिहार (Bihar):
असुर, बैगा, बन्जारा, बेदिया, बिंझिया, बिरहोर, बिरजिया, चेरी, चिक, गोंड, हो, करमाली, खारिया, खेरवार, खोंड, कोरा, कोरवा, लोहार, महली, माल-पहाडिया, मुण्डा, ओराओं, पहाडिया, संथाल, सौथी तथा स्वार ।
6. गुजरात (Gujarat):
भील, धनका, दुबला, गर्माया, गोंड, कठोडिया, खारिया, सिडी, वाघिर, वर्ली ।
7. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh):
भोट, भूटिया, गद्दी, गुज्जर, कन्नौरी, लाहुली, लाम्बा, पांगवाल, पहाड़ी ।
8. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir):
बक्करवाल, बौद्ध, लद्दाखी, गुज्जर तथा पहाड़ी ।
9. कर्नाटक (Karnataka):
अरण्डान, बदी, बाम्चा, बावाचा, भील, गोधारा, चेन्दु धनका, ढ़ोडिया, दुबला, एकलिगा, गोडालु, गमता, हसदारू, हबकी, कादर, हैकुरूबा, कठोडी, कोकना, कोलीधोर, कोया, कोरूबा, कुडिया, कन्यान, कुरूमन, कोटा, कोरागा, कोण्डा-रेड्डी, कोण्डा-कोकुश, कम्मारा, कोरागा, कुरूम्बा, मलायकुडी, मलेरू, मराठा, मेडा, मन्नी, मुडुगर, मलायकंडी, मदियान, नैकडा, पालियार-पर्घी, पटालिया, पोमजला, पोरामा, पुन्यान, रठावा, रागोंड, सोलगा, सोलीगुरू, ठोटी, टोडा, विटोलिया, वरावा, वर्ली, इरावा ।
10. केरल (Kerela):
अरण्डान, अरूलाज, इरावलन, कादर, कन्नीकर, कोचुविलान, कादियन, कम्मारा, कहुनयाकन, कोचु, कोण्डाकाकस, कोरागा, कोटा, कूडिया, कुरम्बास, कोरीचाचन, कुरूमान, मलाय, मल्लयान, मन्नार, मलाय-कन्डी, मन्नी, पल्लयान, पल्लियार, पनियान, पालयान, पुलियान, उराली/उराले, उलाडाना तथा विश्वान ।
11. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh):
अगरिया, अन्ध, बैगा, भील, भूमिया, भील, बिरहोर, बियार, चंचवार, धन्वार, डमोर, गडब्बा, गरासिया, गोंड, कमार, कीर, खैरवार, खोण्ड, कोल, कोरवा, मीणा, नट, नगासिया, निहाल, ओराओ, पानिका, प्रधान, सहारिया, सौर, स्वार, सौंटा ।
12. मणीपुर (Manipur):
ऐमोल, हमार, कुकी, म्योन, राल्ते, तथा जू ।
13. मेघालय (Meghalaya):
गारो, जयंतिया, खाली, तथा पवी ।
14. मिजोरम (Mizoram):
लुशाई, मिजो, मात, तथा पाकी ।
15. नागालैंड (Nagaland):
अंगामी, आव, कोनयाक, कुकी, लोठा, मिकिर, मौन, रेंग्मा तथा सीमा ।
16. पंजाब (Punjab):
भोट, बोध, गद्दी, स्वांगवाला ।
17. ओड़िशा (Odisha):
बगट्टा, बज्जारा, बथूड़ी, बौगा, भरुआ, भोटाडा, भूमिया, बिंझवार, बिरहुल, बिरहोर, चेन्चु, दाल, देसुआ, गोंडिया, गोंड, कोरा, हो, जुआंग, कम्मार, खरियार, खोड्, किसान, कोल, कोली, कोण्डा, कोतिया, कोली, कोन्डा, कोल्हा, लोढ़, लुहार, माडिया, महाली, मिघी, मुण्डा, ओराओ, पेटिया, परेंगा, पोण्डो, पोराजा, राजोर, शाबर, संथाल, सोंटी तथा सूरा ।
18. राजस्थान (Rajasthan):
अन्ध, बदी, बवाचा/बाम्चा, मैना, भतरा, भील, भीला, ईयां, बिंझवार, बिरहुल, चरण, चोधारा, धनका, धांविर, ढोडिया, ढ़ोर, दुब्ला, गामित, गरसाया, गोंड, हल्वार/हल्बी, कमार, कन्ध, कठोडी/कटकरी, कौधरी, खरिया, खरवार, कोकना, कोकली, कोल, कोली, कोलम, कोरकू, कोरवा, कोया, कुक्का, कुन्बी, कुवार, मल्हार, मीणा, नैकडा, नैका, नगासिया, निहाल, ओराओं, सौंटा, स्वार, सिड्डी, ठाकुर, ठोटी, वर्ली तथा विटोलिया ।
19. तमिलनाडु (Tamil Nadu):
अरानदान, इयुदियान, इरावालाना, इरूलिया, इरूलार, कादर, काकाश, कमडि, कानियान, कोचू, कोण्डा, कोण्डा-रेड्डी, कोरागा, कोटा, कोया, कुडिया, कुलायान, कोचुवेलन, कुरूमन, कुरम्बा, मलाई-अर्यान, मलसार, मैली, किण्डी, कल्याली, मल्यान, मनान, मुदुगार, मथुरान, पानियान, पल्लियान, पलिया,र शोल्गा, उराले, उल्लादान, उराली तथा विश्वान ।
20. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh):
बन्जारा, भोकसा, भूटिया, बुक्सा, हान्जी, जौनसरी, कंजर, राजी, सांसी, तथा थारू ।
21. प. बंगाल (West Bengal):
असुर, बैगा, बादिया, बन्जारा, बरायक, भूमिज, बिरहोर, बिरजिया, भूमिजी, भूतिया, चियो, चिक, चकमा, गारो, गोण्ड, हो, हाजंग, खोण्ड, कोरा, करमाली, खरवार, खुण्ड, किसान, कोरवा, लेप्चा,, लोधा, खेरिया, लपेचा, लोहारा, माघ, माही, मालपहाडिया, मुण्डा, महाली, मल्ला, मेच, मेरू, मुण्डा, ओराओ, रभा, संथाल, सौरिया, सवार, शोलागा ।
भारत की आखेट युग की अनुसूचित जनजातियाँ:
भारत के पर्वतीय भागों और जंगलों में आज भी बहुत-सी आखेट युग की अनुसूचित जनजातियाँ पाई जाती हैं ।
विभिन्न राज्यों की आखेट युग की मुख्य जनजातियाँ निम्न प्रकार हैं:
1. आन्ध प्रदेश- चेन्चु, इनाडी ।
2. छत्तीसगढ़- बिरहोर, मारिया ।
3. गुजरात- भील, गरसाया ।
4. झारखण्ड- ब्रिजियास, बिरहोर, खारिया, कवी ।
5. केरल- इरूला, कादर, कोरवा, कुरम्बा, मालापतरम, पलियान ।
6. महाराष्ट्र- गरसाया, करकारिया, कोलम, मारिया, गोण्ड ।
7. मध्य प्रदेश- अबूझमारिया, बिरहोर, कमार, सहारिया ।
8. ओड़िशा- बिरहोर, जुआंग, खरिया, मल्ल, सांवरिया ।
9. राजस्थान- भील, गरसयया, सहारिया ।
10. तमिलनाडु- इरूला, कादर, कोण्टा-रेड्डी, कोया, कुरूम्बा, पालियान ।
11. अण्डमान-निकोबार द्वीप- जरावा, निकोबारी, ओंगे, सेण्टाली, शोम्पने ।
बहुपतिका (Polyandrous) जनजातियाँ:
कोता, खासा, जौनसारी (उत्तर प्रदेश), उत्तराखण्ड, नायर, टोडा ( नीलगिरि की पहाड़ियाँ तमिलनाडु-केरल), बोटा-तिब्बतन (लद्दाख-जम्मू कश्मीर) |
बहुविवाही जनजातियाँ (Polygamous Tribes):
बैगा गोंड (छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश), लुशाई (तमिलनाडु, केरल) मोन (नागालैंड) |
जनजातियों का आर्थिक वर्गीकरण:
मजूमदार के अनुसार अनुसूचित जनजातियों को निम्न आर्थिक वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
1. आखेट युग की जनजातियाँ:
चेन्चु, चान्दी, (आंध्र प्रदेश), कादर, मालापन्नम, कुरम्बा (केरल), पालियान (तमिलनाडु), गारो (मेघालय), बिरहोर, कोरवा, पहाड़ी-खारिया-छोटानागपुर (झारखण्ड-ओड़िशा), जुआंग (ओडिशा) |
2. सुमिंग (Shifting Cultivation) पर आधारित जनजातियाँ:
झूमिंग प्रकार की खेती पर आधारित जनजातियाँ असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में रहती हैं । इस प्रकार की खेती करने वाली जनजातियों में असुर, गोंड, बैगा, मुण्डा तथा उत्तरी-पूर्व राज्यों की जनजातियाँ सम्मिलित हैं ।
3. स्थाई कृषि करने वाली जनजातियाँ:
बोडो, मीरी, खाखा (असम), गोंड (छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश), भील, मीना (राजस्थान) आदि ।
4. दस्तकार/शिल्पकार जनजातियाँ:
असुर (बिहार), अगरया (मध्य प्रदेश), कोलम (महाराष्ट्र), अरूला (तमिलनाडु) | ये जनजातियाँ सुन्दर चटाइयाँ बनाती हैं ।
5. चरागाही/पशुचारी जनजातियाँ:
बक्करवाल, गद्दी (जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश) मालधन (गुजरात), ये लोग भेड, बकरियाँ तथा गाय या भैंस पालते हैं ।
6. लोक-कलाकार जनजातियाँ:
बहुत-सी अनुसूचित जनजातियाँ लोक नृत्य, नट, सपेरे आदि की कला दिखाकर अपना जीविकापार्जन करती हैं । इन जनजातियों में तमिलनाडु के कोता, ओड़ीसा के मुंडुपट्टू, उत्तर प्रदेश के नट, बादी, सपेरे, डोम हैं ।
7. कृषि मजदूर-जन जातियाँ:
भारत की बहुत-सी अनुसूचित जनजातियाँ खेती-बाड़ी में किसानों के साथ काम करके अपना जीविकापार्जन करती हैं । एक अनुमान के अनुसार अनुसूचित जनजातियों के 20 प्रतिशत खेतीहर मजदूर हैं । इस प्रकार की जनजातियाँ असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा प. बंगाल में रहती हैं ।
8. सेवा तथा व्यापार में लगी जनजातियाँ:
राजस्थान के मीणा, मिजोरम के लुशाई, मेघालय के खासी, नागालैंड के अंगामी आदि मुख्यतौर पर सेवा-क्षेत्र तथा व्यापार में लगे हुये हैं । भारत की जनजातियों तथा अनुसूचित जनजातियों का विभिन्न राज्यों में वितरण तालिका 11.12 में दिया गया है ।
तालिका 11.12 के परीक्षण से ज्ञात होता है कि भारत में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिशत सबसे अधिक (94.51%) लक्षद्वीप में है, जिसके बाद मिजोरम में 94.50%, नागालैंड 89.15% तथा मेघालय 86% है । इसके विपरीत गोवा, हरियाणा, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में 0.1% से भी कम अनुसूचित जनजातीय जनसंख्या है ।
छठे अनुच्छेद में दी गई अनुसूचित जनजातियाँ (The Sixth Scheduled Tribes):
भारतीय संविधान की धारा 244, अनुच्छेद छह के अंतर्गत उत्तरी-पूर्वी भारत के निम्न क्षेत्रों को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र घोषित किया गया है (तालिका 11.14) ।
भारत की अनुसूचित जातियाँ (Scheduled Castes of India):
अनुसूचित जाति (शिडूलकास्ट) शब्द का सबसे पहले उपयोग भारत सरकार अधिनियम, 1935 में किया गया था । डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने उनको दलित वर्ग (Depressed Class) तथा महात्मा गांधी ने ‘हरिजन’ के नाम से सम्बोधित किया था ।
अनुसूचित जातियों की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुई । हिन्दू धर्म में वशी आश्रम के अंतर्गत उनको सबसे घटिया काम करने वाले वर्ग में रखा गया और उनको शूद्र के नाम से पुकारा जाने लगा । भारत की मुख्य अनुसूचित जातियाँ (Fig. 11.9) में दिखाई गई हैं ।
यह भारत के सभी राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं । विभिन्न राज्यों में उनका प्रतिशत भिन्न-भिन्न है । कुल जनसंख्या में उनका प्रतिशत तालिका 11.12 में दिया गया है ।
इस तालिका के परिक्षण से पता चलता है कि अनुसूचित जातियों की प्रतिशत जनसंख्या पंजाब में 28.85 प्रतिशत है, जिसके पश्चात उत्तर प्रदेश में 21.95 प्रतिशत, हरियाणा 19.35 प्रतिशत तथा उत्तराखण्ड 17.87 प्रतिशत है । उत्तर-पूर्व के राज्यों में उनकी जनसंख्या नाममात्र की है ।