Read this article in Hindi to learn about the two types of bearing used in machines i.e. friction bearing and anti-friction bearing.
1. फ्रिक्शन बियरिंग (Friction Bearing):
इस प्रकार के बियरिंग प्राय: नॉन-फेरस मेटल से बनाये जाते हैं । इसमें बियरिंग और शाफ्ट प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आते हैं ।
प्रायः निम्नलिखित प्रकार के फ्रिक्शन बियरिंग होते हैं:
(i) सॉलिड बियरिंग:
ADVERTISEMENTS:
इसको बुश बियरिंग भी कहते हैं । यह प्रायः ब्रास, ब्राज या गन मेटल के बनाये जाते हैं । इनको प्रायः वहां पर प्रयोग में लाया जाता है जहां पर शाफ्ट को कम स्पीड पर चलाना होता है ।
(ii) स्प्लिट बियरिंग:
यह दो आधे भागों में बना होता है जिसे प्रायः ब्रास, गनमेटल आदि से बनाया जाता है । इसके बाहरी सिरी की दोनों साइडों पर कॉलर बने होते है । इसे कास्ट ऑयरन से बनी हाउसिंग में फिट किया जाता है ।
ADVERTISEMENTS:
(iii) सेल्फ-एलाइनिंग बुश बियरिंग:
इस प्रकार के बियरिंग में एक विशेष स्लीव में बुश को प्रैस फिट किया जाता है । इसका प्रयोग ऐसे स्थान पर सेल्फ-अलाइनिंग के लिए किया जाता है जहां पर थोड़ा सा ऐंगुलर मिस-अलाइनमेंट होता हो ।
(iv) एडजस्टेबल स्लाइड बियरिंग:
ADVERTISEMENTS:
इस प्रकार के बियरिंग में, बियरिंग को हाउसिंग के टेपर्ड होल में फिट किया जाता है और घिसावट के लिए एडजस्टमेंट के लिए इसे एक स्लॉंटिड रिंग नट द्वारा एडजस्ट किया जा सकता है ।
2. एंटी-फ्रिक्शन बियरिंग (Anti-Friction Bearing):
इस प्रकार के बियरिंग प्रायः एलॉय स्टील से बनाए जाते हैं । इसमें शाफ्ट और बियरिंग प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में नहीं आते बल्कि बियरिंग और शाफ्ट के बीच में कुछ छरें या रोलर्स लगे होते हैं जिससे शाफ्ट बियरिंग के छर्रों या रोलरों पर फ्री घूमती है । इस प्रकार के बियरिंग हल्के और भारी दोनों प्रकार के लोड के लिए अधिक या कम स्पीड पर प्रयोग में लाये जा सकते हैं ।
एंटी-फ्रिक्शन बियरिंग प्रायः निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:
(I) बाल बियरिंग:
बाल बियरिंग को अधिक या कम स्पीड पर भारी या हल्के लोड के लिए प्रयोग में लाया जाता है । कार्य के अनुसार कई प्रकार के बाल बियरिंग प्रयोग में लाये जाते हैं जैसे सिंगल रो बाल बियरिंग हल्के या भारी लोड को हाई स्पीड पर चलाने के लिए और डबल रो बाल बियरिंग भारी लोड को अधिक स्पीड पर चलाने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं ।
बाल बियरिंग के प्रायः निम्नलिखित मुख्य पार्टस होते हैं:
(a) आउटर रेस
(b) इन्नर रेस
(c) बाल्स्
(d) केज ।
बाल बियरिंग के बाहरी रिंग को आउटर रेस और अंदरूनी रिंग को इन्नर रेस कहते है । इन्नर रेस के बीच में बोर बना होता है जिसको शाप पर फिट किया जाता है और आउटर रेस को बियरिंग हाउसिंग में फिट करते हैं ।
आउटर रेस और इन्नर रेस के बीच में बाल्स को चलाने के लिए पथ बना होता है । बाल्स को नॉन-फेरस मेटल की बनी हुई केज के साथ बियरिंग में फिट किया जाता है जिससे वे अपने पथ पर आसानी से फ्री घूमती है ।
(i) सेल्फ-एलाइनिंग बाल बियरिंग:
इस प्रकार के बियरिंग में उसके आउटर रेस पर वृताकार बोर होता है । यह बियरिंग ऐसी अलाइनिंग के लिए उपयुक्त होता है जहां पर शाफ्ट के मिस- अलाइनमेंट के कारण थोड़ा सा झुकाव हो ।
(ii) ऐंगुलर कांटेक्ट बियरिंग:
इस प्रकार का बियरिंग अक्षीय थस्ट के साथ-साथ रेडिकल लोड्स लेने के लिए उपयुक्त होता है ।
(iii) थ्रस्ट बाल बियरिंग:
इस प्रकार का बियरिंग वर्टिकल थ्रस्ट लोड लेने के लिए उपयुक्त होता है । यह कोई रेडियल लोड नहीं ले सकता ।
(II) रोलर बियरिंग:
इस बियरिंग में ग्रुव्ड रेसिस होते हैं जिनमें रोलर्स का प्रयोग किया जाता है जो कि रोलिंग तत्वों की तरह कार्य करते हैं । इसमें रोलर्स और रेमिस के बीच लाइन कांटेक्ट होता है । यह हैवी लोड्स के साथ उच्च स्पीड के लिए उपयुक्त होता है ।
(i) सेल्फ एलाइनिंग रोलर बियरिंग:
इस प्रकार की बियरिंग में आउटर रेस में वृताकार बोर होता है जिसमें बैरेल आकार के रोलरों का प्रयोग किया जाता है । इस का प्रयोग ऐसी सेल्फ अलाइनिंग के लिए किया जाता है जहां पर शाप के मिस-अलाइनमेंट के कारण थोड़ा सा झुकाव हो ।
(ii) नीडल रोलर बियरिंग:
इस प्रकार के बियरिंग में बहुत छोटे व्यास वाले रोलरों का प्रयोग किया जाता है । इसका प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर हाडसिंग में बियरिंग के लिए कम स्थान हो ।
(iii) टेपर्ड रोलर बियरिंग:
इस प्रकार के बियरिंग टेपर्ड रोलरों का प्रयोग किया जाता है । यह उच्च अक्षीय थ्रस्ट लोड लेने के लिए उपयुक्त होता है ।