Here is a list of top ten grinding machines used in industries in Hindi language.
वर्कशाप में मुख्यत: निम्नलिखित ग्राइंडिंग मशीनें प्रयोग में लाई जाती हैं:
1. बेंच ग्राइंडर:
यह छोटे साइज की ग्राइंडिंग मशीन होती है जिसको बेंच पर फिट करके प्रयोग में लाया जाता है । इसके स्पिंडल के दोनों सिरों पर एक-एक ग्राइंडिंग छील फिट रहता है । इनमें एक ह्वील रफ और दूसरा फाइन होता है । इस ग्राइंडर का अधिकतर प्रयोग छोटे-छोटे साइज के टूल्स और पार्ट्स को ऑफ हैंड ग्राइंडिंग करने के लिए किया जाता है ।
2. पैडस्टल ग्राइंडर:
यह बेंच ग्राइंडर की अपेक्षा बड़े साइज की मशीन होती है । इस पर एक पैडस्टल पर मोटर और ग्राइंडिंग ह्वील तथा स्पिंडल फिट रहते हैं । इसके स्पिंडल के दोनों ओर एक-एक ग्राइंडिंग ह्वील फिट रहते हैं जिनमें एक ह्वील रफ और दूसरा फाइन होता है । इस ग्राइंडर का प्रयोग बड़े साइज के टूल्स की ऑफ हैंड ग्राइंडिंग करने के लिये किया जाता है ।
3. पोर्टेबल ग्राइंडर:
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यह छोटे साइज का ग्राइंडर होता है जिस पर केवल एक ही ह्वील फिट रहता है । इस ग्राइंडर को कार्य के पास ले जाकर प्रयोग में लाया जाता है अर्थात् इस ग्राइंडर का प्रयोग वहां पर किया जाता है, जहां पर कार्य बहुत बड़ा हो और उसे ग्राइंडर के पास न ले लाया जा सके । इससे प्राय: रफ ग्राइंडिंग होती है ।
4. फ्लेक्सीबल शॉफ्ट ग्राइंडर:
यह भी पोर्टेबल ग्राइंडर होता है जिसमें एक लंबी फ्लेक्सीबल शॉफ्ट होती है जिसको एक स्टैंड के साथ लगी हुई मोटर के साथ जोड़ दिया जाता है । इस फ्लेक्सीबल शॉफ्ट के सिरे पर ग्राइंडिंग ह्वील फिट रहता है । इस ग्राइंडर का प्रयोग भी कार्य के पास ले जाकर किया जाता है । इससे प्राय: रफ ग्राइंडिंग होती है ।
5. सरफेस ग्राइंडर:
इस ग्राइंडर का मुख्य प्रयोग जॉब की समतल सरफेस बनाने के लिए किया जाता है । इस मशीन से किसी जॉब के साइज को सूक्ष्मता से फिनिश किया जा सकता है । कार्य के अनुसार यह ग्राइंडर कई प्रकार का होता है जैसे इस मशीन में स्पिंडल वर्टिकल या हॉरिजाँटल टाइप होता है और टेबल रोटरी या रेसीप्रोकेटिंग टाइप ।
हॉरिजांटल स्पिंडल वाले ग्राइंडर में छील के फेस से ग्राइंडिंग की जाती है और वर्टिकल स्पिंडल वाली मशीन में ह्वील के ऐंड फेस से ग्राइंडिंग होती है । रेसीप्रोकेटिंग टेबल आगे पीछे चलता है और रोटरी टेबल गोलाई में घूमता है ।
6. एक्सटर्नल सिलण्ड्रिकल ग्राइंडर:
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इस प्रकार के ग्राइंडर का प्रयोग सीधी सिलण्ड्रिकल सरफेस की ग्राइंडिंग करने के लिए किया जाता है । इस मशीन पर जॉब को सेंटरों के बीच में बांध कर प्रयोग में लाते हैं ।
7. इनटर्नल सिलण्ड्रिकल ग्राइंडर:
इस मशीन के द्वारा किसी सीधे या टेपर होल को सूक्ष्मता में ग्राइंडिंग किया जाता है । इसमें छोटे-छोटे साइज के ग्राइंडिंग ह्वील प्रयोग में लाए जाते हैं ।
8. सेंटरलैस ग्राइंडर:
इस ग्राइंडर का प्रयोग प्राय: प्रोडक्शन शॉप में किया जाता है । इस मशीन पर जॉब को सेंटर्स के बीच में नहीं बांधा जाता है ।
कार्य के अनुसार मुख्यत: ये दो प्रकार के प्रयोग में लाये जाते हैं:
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i. इनटर्नल सेंटरलैस ग्राइंडर,
ii. एक्सटर्नल सेंटरलैस ग्राइंडर ।
एक्सटर्नल सेंटरलैस ग्राइंडर में एक ग्राइंडिंग ह्वील और दूसरा रेगुलेटिंग ह्वील होता है । इसमें रेगुलेटिंग ह्वील जॉब को सहारा देता है और ग्राइंडिंग ह्वील कटिंग करता है । इनटर्नल सेंटरलैस ग्राइंडर में तीन रोलर होते हैं जिनमें एक रेगुलेटिंग रोलर और दूसरे दोनों जॉब को सहारा देने वाले रोलर्स होते हैं ।
9. टूल एंड कटर ग्राइंडर:
इस ग्राइंडर का प्रयोग किसी टूल या कटर की धार लगाने के लिए किया जाता है । इसके हैड पर ग्राइंडिंग ह्वील फिट रहता है और टेबल पर जॉब को बांधकर उसकी धार लगाई जाती है ।
10. स्विंग फ्रेम ग्राइंडर:
इस ग्राइंडर का 2 से 3 मीटर लंबा हॉरिजांटल फ्रेम होता है, जिसके साथ ग्राइंडिंग ह्वील लगा होता है । इसे गुरुत्वकेंद्र पर लटकाया जाता है जिससे यह अपने कार्य क्षेत्र में फ्री मूव कर सकता है ।