ट्राई स्क्वायर: प्रकार और उपयोग | Read this article in Hindi to learn about:- 1. ट्राई स्क्वायर के प्रकार (Types of Try Square) 2. ट्राई स्क्वायर की शुद्धता जांचना (Checking Try Square for Accuracy) 3. उपयोग (Uses) 4. सावधानियां (Precautions).
ट्राई स्क्वायर के प्रकार (Types of Try Square):
कार्य के अनुसार निम्नलिखित ट्राई स्क्वायर प्रायः प्रयोग में लाये जाते हैं:
i. फिक्स ट्राई स्क्वायर:
इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ 90० के कोण में रिवॉट के द्वारा जोड़ दिया जाता है जिससे ब्लेड इसके स्टॉक के साथ ही एक स्थान पर स्थित रहता है । इस प्रकार का ट्राई स्क्वायर प्रायः साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता है ।
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ii. एडजस्टेबल ट्राई स्क्वायर:
इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ रिवॉट के द्वारा नहीं जोड़ते बल्कि इसके स्टॉक के ऊपरी सिरे पर एक खांचा कटा होता है जिसमें एक पिन फिट रहती है और पिन को एक नर्लिंग किये हुए नट के द्वारा समायोजित किया जा सकता है ।
इसके ब्लेड के बीच में पूरी लंबाई तक एक आयताकार आकार की नाली कटी होती है । इस प्रकार जब ब्लेड को स्टॉक के खांचे में डाला जाता है तब पिन का बढ़ा हुआ भाग ब्लेड की नाली में फंस जाता है और जब नट को घुमाया जाता है तो वह ब्लेड को स्टॉक के साथ सही स्थान पर टाइट कर देता है । इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर फिक्सड ट्राई क्मायर का प्रयोग नहीं किया जा सकता अर्थात जहां पर चैक करने वाली भुजा छोटी हो ।
ट्राई स्क्वायर की शुद्धता जांचना (Checking Try Square for Accuracy):
ट्राई स्क्वायर की शुद्धता की जांच प्रायः निम्नलिखित तरीकों से की जा सकती है:
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i. ट्राई स्क्वायर की शुद्धता को मास्टर ट्राई स्क्वायर के द्वारा चैक किया जा सकता है क्योंकि मास्टर ट्राई स्क्वायर का ब्लेड और स्टॉक आपस में बहुत ही शुद्धता में 900 के कोण में जुड़े रहते हैं । यह तरीका प्रायः वहां पर प्रयोग में पाया जाता है जहां पर ट्राई स्क्वायर में अधिक शुद्धता की आवश्यकता होती है ।
ii. ट्राई स्क्वायर की शुद्धता को दूसरे तरीके से भी चैक किया जा सकता है जिसमें ट्राई स्क्वायर को सरफेस प्लेट के एक किसी सीधे किनारे वाले सिरे के साथ सटाकर लगाकर सरफेस प्लेट पर ब्लेड के साथ उसकी सीध में एक रेखा खींच लेनी चाहिये, फिर ट्राई स्क्वायर को पलटकर विपरीत स्थिति में ट्राई स्क्वायर को रख कर पहली खींची हुई रेखा के साथ ब्लेड की सीध में दूसरी रेखा खींच देनी चाहिये ।
इसके पश्चात् ट्राई स्क्वायर को हटा कर चैक कर लेना चाहिये कि खींची हुई दोनों रेखायें एक दूसरे के समानान्तर हैं कि नहीं । यदि दोनों रेखायें समानान्तर होंगी तो समझ लेना चाहिए कि ट्राई स्क्वायर शुद्ध है । यदि दोनों रेखाएं समानान्तर नहीं है तो ट्राई स्क्वायर गलत होगा अतः उसका प्रयोग नहीं करना चाहिये ।
ट्राई स्क्वायर के उपयोग (Uses of Try Square):
ट्राई स्क्वायर का प्रयोग प्रायः निम्नलिखित के लिए किया जाता है:
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i. फाइल या मशीन की हुई सरफेसों की स्क्वायरनैस चैक करने के लिए ।
ii. फाइल या मशीन की हुई सरफेसों की फ्लैटनैस चैक करने के लिए ।
iii. वर्कपीस के ऐज से 90० पर लाइनों की मार्किंग करने के लिए ।
iv. मशीन वाइस या किसी वर्क होल्डिंग डिवाइस में वर्कपीस को 90० पर सेट करने के लिए ।
v. स्टील रूल की सहायता से परिशुद्ध माप लेने के लिए ।
स्ट्रेट ऐज:
स्ट्रेट ऐज हाई कार्बन स्टील से बनाए जाते हैं । इसके दोनों सिरे लेवल में और समानान्तर फिनिश किए जाते हैं । जिनमें से एक सिरा प्रायः बैवल किया होता हैं । स्ट्रेट ऐज का प्रयोग किसी वर्कपीस के ऐज की स्ट्रेटनैस चैक करने और सरफेस की समानता चैक करने के किया जाता है ।
ट्राई स्क्वायर के उपयोग में सावधानियां (Precautions Taken while Using Try Square):
I. ट्राई स्क्वायर को दूसरे कटिंग टूल्स के साथ मिला कर नहीं रखना चाहिये ।
II. कार्य करने से पहले व पश्चात् इसको अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिये ।
III. इसको गिरने से बचाना चाहिये ।
IV. इसको कभी भी हथौड़ी की तरह प्रयोग में नहीं लाना चाहिये ।
V. इसका ब्लड का पेंचकस की तरह प्रयोग में नहीं लाना चाहिये ।
VI. ट्राई स्क्वायर का प्रयोग करते समय इसके ब्लेड को जॉब की सतह पर लड़ना नहीं चाहिये बल्कि उठा-उठा कर चैकिंग करनी चाहिये ।
VII. जब ट्राई स्क्वायर का प्रयोग न किया जा रहा हो तो इस पर हल्के ग्रेड तेल लगा कर इसके निजी स्थान पर रखना चाहिये ।