अहिंसा और प्रेम का सिद्धान्त । Speech of Martin Luther King on “The Principle of Non-violence and Love” in Hindi Language!
डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग जूनियर महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धान्त से बहुत प्रभावित थे । अमेरिका के रंगभेदी समाज में बदलाव लाने के लिए उन्होंने भी इसी को अपनाया, जैसे गांधीजी ने भारत को स्वतन्त्र करने के लिए अपनाया था ।
अहिंसात्मक विरोध न केवल बाहरी शारीरिक हिंसा का परिहार करता है, अपितु हमें आत्मिक हिंसा से भी बचाये रखता है । प्रेम का सिद्धान्त अहिंसा के केन्द्र में स्थित है । मनुष्य की गरिमा के लिए संघर्ष करने में लगे संसार के उत्पीड़ित लोगों को अपने भीतर कड़वाहट नहीं आने देनी चाहिए ।
न ही उन्हें नफरत के अभियान में लिप्त होना चाहिए । नफरत और कटुता के साथ प्रतिकार करने से संसार में नफरत बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं होगा । जिन्दगी की राह पर चलते हुए हममें इतनी समझ और नैतिकता तो होनी ही चाहिए जिससे नफरत की शृंखला टूट जाये । अपने जीवन के केन्द्र में प्रेम की नीति व्यक्त करके ऐसा किया जा सकता है ।’