Read this article in Hindi to learn about the meaning, types and purification of iron ores.

अयस्क का अर्थ तथा प्रकार (Meaning and Types of Iron Ores):

लोहा प्रायः खानों से निकाले गए कच्चे पदार्थों से बनाया जाता है जिन्हें लोहे के अयस्क कहते हैं । इन अयस्कों को जब खान से निकाला जाता है तो इनमें कई प्रकार की अशुद्धियां मिली रहती हैं जैसे कार्बन, सिलिकन, मैंगनीज, सल्फर आदि । शुद्ध लोहा प्राप्त करने के लिए विभिन्न विधियों से इनको दूर करना पड़ता है ।

1. हेमाटाइट – यह लोहे का लाल रंग का आक्साइड है जिसमें लगभग 70% लोहा होता है ।

2. मैग्नेटाइट – यह लोहे का काले रंग का आक्साइड है जिसमें 72% लोहा होता है ।

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3. लिमोनाइट – यह लोहे का ब्राउन रंग का ऑक्साइड होता है जिसमें लगभग लोहा 59.8% होता है ।

4. साइडराइट – यह लोहे का भूरे रंग का आक्साइड होता है जिसमें लगभग 48% लोहा होता है ।

5. पायराइट – इसमें लोहे की मात्रा 40% से भी कम होती है । इससे लोहा प्राप्त करने के लिए खर्चा अधिक पड़ता है । इसलिए इसका प्रयोग बहुत कम किया जाता है ।

अयस्क की शोधन विधि (Purification Method for Iron Ores):

लोहे के अयस्क से निम्नलिखित विधियों के द्वारा अशुद्धियों को साफ किया जाता हैं:

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सान्द्रण:

लोहे के अयस्क को छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में तोड़ लिया जाता है ।

इसके बाद निम्नलिखित विधियों से मिट्टी और दूसरी अशुद्धियों को साफ किया जाता है:

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i. ग्रेविटी द्वारा:

इस विधि में लोहे के अयस्क को पीस का बहते हुए पानी में डाल दिया जाता है । भारी होने के कारण लोहा नीचे बैठ जाता है और अशद्धियां हल्की होने के कारण पानी में बह जाती हैं ।

ii. मैग्नेटिक पद्धति द्वारा:

इस विधि में पीसे हुए लोहे के अयस्क को मैग्नेटिक बेल्ट पर डालते हैं जो कि दो पुलियों के द्वारा चलाया जाता है । इस प्रकार लोहे के कण बेल्ट के साथ चिपक जाते हैं और अशुद्धियां गिर जाती हैं ।

iii. स्मेल्टिंग द्वारा:

इस विधि में लोहे के अयस्क को साफ करने के लिए ब्लास्ट फरनेस का प्रयोग करते है जिससे अशुद्धियां झाग के रूप में बाहर निकल जाती है और शुद्ध लोहा एक तरफ इकट्‌ठा हो जाता है ।

लोहे के अयस्क का सांद्रण करने के बाद उसे ब्लास्ट फरनेस के द्वारा पिघला कर पिंग ऑयरन तैयार किया जाता है ।

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