Read this article in Hindi to learn about:- 1. ध्रुवीय चक्रवात अथवा ध्रुवीय तूफान का अर्थ (Meaning of Polar Vortex) 2. ध्रुवीय चक्रवात की उत्पत्ति (Origin of Polar Vortex) 3. आकृति (Shape).

ध्रुवीय चक्रवात अथवा ध्रुवीय तूफान का अर्थ (Meaning of Polar Vortex):

ध्रुवीय वोट्रिक्स को ध्रुवीय चक्रवात अथवा धुवीय तूफान भी कहते हैं । ध्रुवीय चक्रवातों के बारे में सबसे पहले 1853 में जानकारी प्राप्त हुई थी, वैसे 1952 में भी ध्रुवीय तूफानों की ओर वैज्ञानिकों ने कुछ आँकड़े एकत्रित करना आरंभ किया गया था । ध्रुवी चक्रवातों की ऊँचाई 20 किलोमीटर तक हो सकती है, इसका विस्तार इस प्रकार स्ट्रेटोस्फियर तक हो सकता है ।

वास्तव में ये तूफान उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर उत्पन्न होते हैं । ध्रुवीय अक्षांशों में ऊँचे वायु भार की पेटी पाई जाती है । ध्रुवीय क्षेत्रों में वायुमंडल के घूमने की गति पृथ्वी के घूमने की गति से कहीं अधिक होती है । ये ध्रुवीय चक्रवात चारों ओर जेट स्ट्रीम से घिरे होते हैं ।

ये जेट-स्ट्रीम विसर्पण बनाती हुई, उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण की प्रवेश करती है । जेट स्ट्रीम के बारे में इन तथ्यों की पुष्टि 2006, 2009, 2010 तथा 2014 के आँकड़ों के आधार पर हो चुकी है ।

ध्रुवीय चक्रवात की उत्पत्ति (Origin of Polar Vortex):

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ध्रुवीय चक्रवात/तूफान की उत्पत्ति तथा पृथ्वी पर उनके प्रभाव के बारे में अभी तक पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं है और न ही इनकी उत्पत्ति के बारे में कोई तर्कपूर्ण सिद्धांत प्रस्तुत किया जा सका है । फिर भी वैज्ञानिक का मानना है कि स्ट्रेटोस्फियर से नीचे की ओर ट्रापोस्फियर के ऊपरी भाग की ओर वायु एक चक्रवाती बगूले की भांति उसी प्रकार प्रवेश करती है, जिस प्रकार जैसे पानी किसी ढलान की नाली में बहता हो ।

वायु-राशि का इस प्रकार ऊपर से नीचे की ओर उतरने एवं वायुमंडल के ध्रुवीय क्षेत्रों में तीव्र गति से घूमने के कारण ध्रुवीय चक्रवात अथवा ध्रुवीय तूफान की उत्पत्ति होती है ।

यूँ तो ध्रुवीय तूफान उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर आते हैं, परंतु इनकी बारंबारता एवं भीषणता दक्षिणी ध्रुव पर अधिक होती है । ध्रुवीय तूफान का व्यास 1000 किलोमीटर तक हो सकता है । उत्तरी गोलार्द्ध में इनकी हवाएँ घड़ी की सुइयों के अनुकूल होती है । इन ध्रुवीय चक्रवातों के कारण ओज़ोन परत का तेजी से ह्रास होता है ।

उत्तरी गोलार्द्ध में ध्रुवीय चक्रवात के दो प्रमुख केंद्र विकसित होते हैं:

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(i) कनाडा के बर्फ से ढके बेफिन द्वीप के निकट, तथा

(ii) साईबेरिया के पूर्वी भाग में स्थिति बेकाल झील के निकटवर्ती प्रदेश दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणी ध्रुव के निकट 160 रास-शेल्फ पर केंद्रित रहता है ।

जब कभी स्ट्राटोस्फियर में अचानक तापमान में तीव्र वृद्धि होती है तो कमजोर ध्रुवीय तूफान की उत्पत्ति होती है, जिसका प्रभाव ट्रापोस्फियर पर पड़ता है जिससे ट्रापोस्फियर में सबसे कम वायु भार उत्पन्न होता है और ध्रुवीय चक्रवात सबल हो जाता है । वास्तव में 31000 मीटर की ऊँचाई पर एक बहुत कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है जिससे ट्रोपोस्फियर एवं मेसोस्फियर की निचली परत का तापमान भी बढ़ जाता है ।

ध्रुवीय तूफान की आकृति (Shape of the Polar Vortex):

ध्रुवीय तूफानों का आकार अंडाकार होता है ।

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उत्तरी गोलार्द्ध में इसके दो केंद्र पाये जाते हैं:

(i) कनाडा के उत्तर में स्थित बेफिन द्वीप पर तथा

(ii) बेकाल झील के उत्तर पूर्व में 1 कभी 2 यह ध्रुवीय तूफान साईबेरिया तथा उत्तरी अमेरिका में काफी दक्षिण तक फैल जाते हैं ।

ऐसी स्थिति में मैक्सिको की खाडी तक हो जाता है । वर्ष 2013 के दिसंबर तथा 2014 की जनवरी में इनका प्रभाव क्षेत्र मैक्सिको की खाड़ी तक फैल गया था इसका एक बडे क्षेत्र की जनसंख्या एवं पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था ।

ध्रुवीय क्षेत्रों के वायु भारतंत्र में समय और मौसम के अनुसार परिवर्तन होता रहता है । मौसम बदलने पर जेट-स्ट्रीम के मार्ग में भी परिवर्तन होता है । जेट-स्ट्रीम विसर्पन बनाती हुई पश्चिम से पूर्व ओर क्षोभमंडल के ऊपरी भाग में चलती है । जेट-स्ट्रीम की चौड़ाई 160 से 480 किलोमीटर, और लंबाई 900 से 2150 किलोमीटर पाई जाती है । इसके मध्य भाग में वायु का वेग 300 किलोमीटर प्रति घटे से भी अधिक होता है ।

ध्रुवीय तूफान की ऊँचाई जैसाकि ऊपर लिखा जा चुका है, इस प्रकार के ध्रुवीय चक्रवात का तापमान शून्य से बहुत नीचे होता है । कभी-कभी तापमान शून्य से 50C कम हो जाता है । फलस्वरूप भारी हिमपात होता है ।

वर्ष 2014 की जनवरी में आने वाले ध्रुवीय चक्रवात के कारण न्यूयॉर्क वाल्टीमार, शिकागो तथा मोंटरियल एवं टोरंटो का तापमान शून्य से 50C से भी नीचे रिकार्ड किया गया था । ऐसी कठोर सर्दी में उत्तरी अमेरिका के उत्तरी पूर्व के बड़े नगरी में जीवन पूर्ण रूप से अस्त-व्यस्त हो गया था ।

हवाई अड्‌डे बंद करने पडे थे तथा हजारों जहाजों की उड़ानें कई दिनों तक बद करनी पडी थीं । सर्दी की लपेट में आकर सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी । ध्रुवीय चक्रवात के बारे में चूकि विश्वसनीय भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, इसलिए अचानक तबाही अत्यधिक हो जाती है ।

यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय मौसम विभाग के ऑफिस से भविष्यवाणी जारी की जाती है, जिससे ध्रुवीय तूफान् के मार्ग तथा प्रभाव क्षेत्र का पता चलता है, परंतु इस आपदा के प्रकोप से भारी नुकसान होता है । वास्तव में इनके बारे में देर से ही भविष्यवाणी की जा सकती है, इसलिए लोगों को जल्द सचेत नहीं किया जा सकता है ।