Read this article in Hindi to learn about how to prevent obesity.
वजन का अधिक होना अस्वस्थता है, लेकिन इस बारे में क्या कर सकते हैं? जब डायटिंग के बारे में कुछ पढते हैं, भ्रमित होना स्वाभाविक है कि क्या करना उचित है और क्या स्वास्थ्य कारक है । ‘डायट’ डॉलर कमाने के लिए, कम वसा वाले आहार और कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार के बीच स्पर्धा छेड़ दी गई है – इनमें से एक गलत होगा, लेकिन कौन-सा? सभी जानकारियों के बीच यह पता लगाना वाकई मुश्किल काम है ।
एक स्वस्थ आहार (A Healthy Diet):
बाजार के इस भ्रम को ध्यान में रखते हुए, संयुक्त राज्य अमोरका के कृषि विभाग ने 2000 में ‘ग्रेट न्यूट्रीशन डिबेट’ प्रायोजित की । इसमें प्रसिद्ध आहार चिकित्सक रॉबर्ट एटकिन्स (कम कार्बोहाइड्रेट, उच्च प्रोटीन) और अनिश (कम वसा, पौधा-उत्पाद) को एक साथ आमंत्रित किया । कार्यक्रम में वजन कम करने के विभिन्न तरीकों पर उनके अलग-अलग नजरिए के वक्तव्य रखे गए ।
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उपभोक्ताओं की उलझन सुलझाने के लिए यूएसडीए ने वजन कम करने के विभिन्न तरीकों की प्रभावशीलता पर अध्ययन किया । शुरुआती खोज से निष्कर्ष निकला कि जो भी तरीका अपनाएँ, लेकिन वजन कम करने की एक सफल प्रक्रिया में प्रतिदिन के कुल ऊर्जा उपयोग को नियंत्रित करना सबसे महत्वपूर्ण कारक है ।
कैलोरी ऊर्जा की एक इकाई है, जो भोजन के जरिये शरीर को मिलती है । यह एक ज्ञात सत्य है । जितनी कैलोरी जला रहे हैं, यदि उससे अधिक कैलोरी ले रहे हैं, तो वजन बढ़ेगा । चाहे वह कैलोरी ताजा तोड़े हुए जैविक फल के पौष्टिक टुकड़े से ही क्यों न मिली हो ।
यह तर्कसंगत नहीं लगता, लेकिन जब इस मूल सिद्धांत को समझते हैं, तो पता चलता है कि अपने वजन का प्रवंधन करना कठिन है । जितनी कैलोरी दहन कर रहे हैं, उसकी अपेक्षा यदि कम कैलोरी खा रहे हैं, तो वजन कम होगा ।
शरीर वसा का एक पाउंड लगभग 3500 कैलोरी के बराबर होता है, जबकि यह बहुत अधिक लगता है, लेकिन 7 दिनों तक प्रतिदिन 500 कैलोरी कम करने से प्रति सप्ताह एक पाउंड वजन घटेगा । शायद शुरुआत में यह बहुत कम लगे, लेकिन यह मान लें कि केवल 6 महीने में लगभग 25 पाउंड वजन कम होगा बहुत ही सार्थक परिणाम ।
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इस सामान्य से उदाहरण को निर्देश के रूप में अपना सकते हैं । इसके आधार पर गणना किया जा सकता है कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है ।
1. वर्तमान वजन से शुरू करें ।
2. यदि महिला हैं, तो उसे 11 से और यदि पुरुष हैं, तो 12 से गुणा करें ।
यह कैलोरी की मूल आवश्यकता बताता है, जो आपके अनिवार्य शारीरिक कार्यों, जैसे श्वसन के लिए पर्याप्त होती है । जैस-जैसे उम्र बढती है, वैसे-वैसे चयापचय धीमा होता जाता है, क्योंकि हम चर्बी रहित माँसपेशीय द्रव्यमान खोते जाते हैं, जो कि कैलोरी दहन करने वाले ऊतक होते हैं ।
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3. बीस वर्ष से ऊपर वाले प्रत्येक दशक के लिए अपनी मूल कैलोरी 2 प्रतिशत घटाएं, ताकि उम्र से समायोजित कैलोरी की आवश्यकता प्राप्त हो सके । क्योंकि अधिकांश लोग प्रतिदिन सिर्फ अनिवार्य शारीरिक क्रियाओं के अलावा बहुत कम शारीरिक काम करते हैं ।
4. अपनी उम्र में 10 प्रतिशत अतिरिक्त कैलोरी जोड़े, जो आपकी प्रतिदिन की क्रियाओं में समायोजित कैलोरी की आवश्यकता का गुणांक होगा ।
कैलोरी किसी भी स्रोत से मिल रही हो- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट या वसा यदि अपने शरीर के कैलोरी उपयोग से अधिक कैलोरी ले रहे है तो यह वसा के रूप में संग्रहीत हो जाएगी और वजन बढाएगी । कैलोरी को प्रतिबंधित करना अच्छा विचार है, लेकिन शरीर प्रदूषण की इस दुनिया में, पोषक तत्वों को सीमित कृतई नहीं कर सकते है ।
जनसामान्य को स्वस्थ भोजन का चुनाव करने में मदद करने के एक प्रयास में, संयुक्त राज्य अमेरिका में पाँच अग्रणी स्वास्थ्य संगठनों ने मिलकर एक स्वस्थ आहार योजना का अनुमोदन किया यह सब के लिए आदर्श हो सकता है ।
‘अमेरिकन कैन्सर सोसायटी’, ‘अमेरिकन डायटेटिक एसोसिएशन’ ‘द अमेरिकन एकेडेमी ऑफ पीडिएट्रिक्स’, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ और द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ ने एक ऐसे आहार की सिफारिश की, जो वसा, स्टार्च, रेशे, फलों, सब्जियों, प्रोटीन आदि के सही मात्रा-संतुलन पर आधारित था ।
स्वस्थ भोजन के आधार से संबंधित जानकारी को ताजा करने के लिए हम एक बार फिर जीवनशैली पिरामिड पर नजर डालते हैं । बदलते आहार और शरीर प्रदूषण से लडने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता पर चर्चा किया गया । जीवनशैली पिरामिड का अनुसरण करने पर यह गणना करने की आवश्यकता नहीं होगी कि उस दिन कार्बोहाइड्रेट का कितना प्रतिशत खाया है ।
बस नीचे के भाग वाले भोजन का चुनाव अधिक करना है और जो पिरामिड में ऊपर आते हैं उन्हें सीमित मात्रा में लेना है । जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जरूरी नहीं कि वे जटिल ही हों, वे अपने-आप भी मिल जाएँगे । यदि कभी चूक जाएँ, तो भी खुद पर इतनी सख्ती न करें । यह एक वित्तीय निवेश की तरह है- यह एक लंबी अवधि के लिए करते हैं, जो मायने रखता है ।
वजन कम करने की अवधारणा बहुत सरल लगती है, लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए यह एक चुनौती हो सकती है । उनके लिए सहायता उपलब्ध है ।
आहार के विकल्प (Dietary Alternatives):
आहार के विकल्प चुनना, वसा कम करने में बहुत उपयोगी हो सकता है । यदि एक औसत आहार में 500 कैलोरी है और आहार के बदले खाने के लिए दूसरा विकल्प चुना, जिसमें 250 कैलोरी है तो उस वक्त के भोजन के लिए कैलोरी की मात्रा कम करके आधी कर ली है । प्रतिदिन ऐसा दो बार करने पर 500 कैलोरी रोज कम कर सकते हैं ।
3500 कैलोरी लगभग एक पाउंड के बराबर है । तो, इस तरह स्वस्थ आहार के साथ अपनाया गया बढिया आहार विकल्प, आपके कैलोरी-उपभोग को कम करने का बढिया तरीका है और साथ ही पर्याप्त पोषण भी दे सकता है । उदाहरण के लिए, सुबह के नाश्ते और दोपहर के भोजन के बदले संतुलित पोषक आहार दो बार पौष्टिक नाश्ता और फिर रात्रि भोजन के लिए एक अच्छा सा आहार ले सकते हैं ।
एक ऐसा आहार विकल्प चाहेंगे, जिसमें प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट संतुलित मात्रा में हों, विटामिन तथा खनिज लवण प्रचुर मात्रा में हों । मतलब यह पौष्टिकता से तो भरपूर हो, लेकिन शरीर में वसा संग्रहण को बढाता न हो । औसतन, प्रत्येक बार के भोजन से लगभग 250 कैलोरी मिलनी चाहिए ।
रेशे (Fiber):
वजन और भूख को नियंत्रित रखने के लिए रेशे भी एक महत्वपूर्ण शस्त्र हैं । यह अनावश्यक वसा और विषाक्त पदार्थों को शरीर से हटा देते हैं और चूँकि ये अपने वजन से कहीं अधिक जल अवशोषित कर लेते हैं तो आपको पेट भरा होने का आभास भी देते हैं । अपने चुने हुए आहार के बीच में उच्च-रेशे वाला नाश्ता लेना अच्छा होता है । यह निश्चित रूप से चॉकलेट के टुकडे को पीछे छोड देगा ।
व्यायाम (Exercise):
व्यायाम भी आपके चयापचय को तेज कर और वजन कम करने में अच्छी भूमिका निभाता है । यदि सुबह जल्दी व्यायाम करेंगे, तो अपने चयापचय की दर काफी बढा सकते हैं ।
चयापचय को तेज करने से तात्पर्य है कि ज्यादा कैलोरी का दहन कर रहे हैं यह वास्तव में वजन कम करने का दर्द-रहित तरीका है । कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों भी हैं, जो चयापचय को उत्तेजित करती हैं और वजन कम करने में सहायता प्रदान करती हैं ।
साइट्रस ऑरेन्टियम (Citrus Orantium):
साइट्रस ऑरोश्यम, कभी कडवे संतरे के सत् के रूप में जाना जाता था । हजारों सालों से पारंपरिक चीनी दवाओं में छाती में संकुचन और अपच के उपचार में, आहार नाल क्रिया को उत्येरित करने, रक्तसंचार और यकृत क्रिया को सुधारने में इसका उपयोग किया जाता रहा है ।
सक्रिय अनुसंधानों ने इस बहुउपयोगी जड़ी-बूटी की नई विशेषताओं को खोज निकाला है । यह वजन कम करने में तीन प्रकार से सहायक होता है – वसा का दहन करता है, शारीरिक क्रिया को बढाता है और छरहरे मांसपेशीय द्रव्यमान का निर्माण करता है । ये सभी, बेशक आपकी चयापचय दर को बढाने में मदद करते हैं ।
मा हुआंग (एक जडी-बूटी, जिससे इफेड्रा प्राप्त होती है ।) सबसे प्रभावशाली हर्बल चयापचय वर्धक मानी जाती रही है । लेकिन मा हुआंग से गंभीर समस्याएँ भी पैदा हुई हैं । संयुक्त राज्य अमेरिका का ‘फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ दावा करता है कि यह कभी-कभी एम्फेटामिन (एक उत्तेजक दवा) जैसे नकारात्मक प्रभाव पैदा करती है, जैसे रक्तचाप बढ जाना, मांसपेशीय गडबडी, अनिद्रा, मुँह सूखना, हृदय की धडकन बढना और व्यग्रता महसूस होना ।
मा हुआंग में कुछ वसीय यौगिक घुलनशील होते हैं और रक्त-मस्तिष्क अवरोधों को पार कर जाते हैं । इसी कारण केन्दीय तंत्रिका-तंत्र और हृदय वाहिनियों में इसके दुष्प्रभाव के रूप में अनियमितताएँ पैदा होती हैं । इसे इतनी गंभीरता से लिया गया है कि कनाडा सहित कई देशों में तो इफेड्रा पर रोक लगा दी गई है ।
साइट्रस ऑरेन्टिनम में भी मा हुआंग के समान ही वजन कम करने की दर बढाने के गुण होते हैं और इसका कोई घातक दुष्प्रभाव भी नहीं होता । इसमें उपस्थित सक्रिय यौगिक वसा में बहुत कम ही घुलते हैं और बहुत जल्द मस्तिष्क-रक्त अवरोध को भी पार नहीं कर पाते हैं ।
इस जड़ी-बूटी की जितनी मात्रा आपके चयापचय को गति देने के लिए आवश्यक है, वह हृदय दर या रक्तदाब को बढाने के लिए बहुत कम है । इसलिए यह एक बेहतर विकल्प है ।
सफेद राजमे का सत् (White Beans ):
‘कम वसा का युग’ वास्तव में कैलोरी में वृद्धि का कारण बना मुख्यतः स्टार्च-युक्त कार्बोहाइड्रेट के रूप में । शरीर सीधे स्टार्च को अवशोषित नहीं कर सकता । इसके लिए एमाइलेज एन्जाइम की आवश्यकता होती है । यह एन्जाइम स्टार्च को साधारण शर्करा में तोड़ देता है, जो अवशोषित हो जाता है या ऊर्जा के रूप में संग्रहीत हो जाता है ।
सफेद राजमे के सत् में एमाइलेज की क्रियाशीलता को रोकने की अनूठी क्षमता होती है । यदि अतिरिक्त स्टार्च जिसका अभी आपने अधिक मात्रा में सेवन किया है, उसके शर्करा में बदलने की प्रक्रिया में रोक लग जाए, तो वह अवशोषित ही नहीं होगा और कैलोरी की गिनती में नहीं जुडेगा । यानी इस जाल से बच निकलेंगे! वैधानिक प्रयोगों ने दर्शाया कि राजमे का सत् लेना, वजन कम करने के कार्यक्रम का सफल हिस्सा हो सकता है ।
यह साधारण स्टार्च को खाने के बाद भी रक्त शर्करा स्तरों को प्रभावशाली ढंग से कम करता है । रोगी, जिन्हें सफेद राजमे का सत् दिया गया, उनकी रक्त शर्करा का स्तर 20 मिनिट पहले सामान्य हो गया ।