पक्षियों पर अनुच्छेद | Paragraph on Birds in Hindi language!
सम्पूर्ण विश्व में पक्षी प्रवास वर्ष भर चलता रहता है । प्रवास से अभिप्राय पक्षियों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर निरंतर कभी-कभी या चक्रीय मौसमीय स्थानांतरण । प्रवासन की दूरी छोटी दूरियों से लेकर हजारों किलोमीटर तक हो सकती है । परंतु अंततः एक अवधि के उपरांत ये पक्षी अपने मूल स्थान को वापस लौट आते हैं ।
पक्षी प्रवासन के कारण एवं वर्गीकरण (Causes and Classification of Migration):
प्रवासन के प्रमुख कारण हैं:
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(i) जलवायु की अतिशयता से बचना,
(ii) जल व भोजन की खोज,
(iii) अच्छी प्रजनन स्थितियाँ,
(iv) भोजन हेतु प्रतिस्पर्द्धा से बचना तथा सुरक्षित स्थान पाना ।
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भारत के प्रवासी पक्षियों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
(1) शीतकालीन पक्षी (Winter Birds):
काली पूँछ वाला गॉडविट, ब्लू थोट, कामन टील, विशाल यूरेशियाई कबूतर, फ्लेमिंगो, लोंग बिल्ड पिपिट, नार्दन शावेलर, गुलाबी पिलिकन, साइबेरियाई क्रेन, स्पाटिड रेड शैंक, स्टार्लिंग, वुड सेन्डपाइपर, पीला वैगटैल ।
(2) ग्रीष्मकालीन पक्षी (Summer Birds):
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एशियाई कोयल, काला मस्तक वाला नाइट हीरोन, ब्लू चीक्ड बी-इटर, काम्ब डक कुक्कूज, यूरेशियाई सुनहरी ओरिओले ।