Read this article in Hindi to learn about the six major negative effects of globalization in world politics. The effects are:- 1. राष्ट्रों के मध्य बढ़ती असमानता (Increasing Inequality in Nations) 2. सामाजिक समता तथा न्याय पर विपरीत प्रभाव (Social Equality and Adverse Effects on Justice) 3. पर्यावरण विघटन (Environmental Decomposition) and few other.

Effect # 1. राष्ट्रों के मध्य बढ़ती असमानता (Increasing Inequality in Nations):

वैश्वीकरण की प्रक्रिया आर्थिक प्रतियोगिता पर आधारित होती है । इसी कारण गरीब देश अधिक गरीब होते जा रहे हैं तथा धनी अधिक धनी जा रहे हैं । उदाहरण के लिये अफ्रीका व एशिया के कई देश कमजोर प्रतियोगी क्षमता के कारण वैश्वीकरण के लाभों से वंचित रह गये हैं ।

उसके विपरीत इस अवधि में विकसित देशों द्वारा उनके प्राकृतिक संसाधनों का तेजी से दोहन किया गया है । इन संसाधनों में तेल, गैस व खनिज पदार्थ प्रमुख हैं । परिणामतः गरीब देश गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, बेरोजगारी तथा पर्यावरण विघटन की समस्याओं से ग्रसित हैं ।

Effect # 2. सामाजिक समता तथा न्याय पर विपरीत प्रभाव (Social Equality and Adverse Effects on Justice):

वैश्वीकरण के कारण राज्यों की कल्याणकारी क्षमता कम हुयी तथा निजीकरण व आर्थिक उदारीकरण के चलते समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य असमानता बढी है तथा न्याय व गरीबों की कल्याणकारी योजनाएँ प्रभावित हुई हैं । समेकित विकास का नारा व्यवहारिक रूप नहीं ले पा रहा है ।

Effect # 3. पर्यावरण विघटन (Environmental Decomposition):

ADVERTISEMENTS:

वैश्वीकरण की तीव्र आर्थिक प्रतियोगिता के चलते विश्व का तेजी से विकास तो हुआ लेकिन इसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पडा है । आज विश्व को प्राकृतिक संसाधनों की कमी के साथ-साथ जलवायु परिवर्तनों जैसे संकटों का सामना करना पड़ रहा है । तीव्र आर्थिक विकास की चाहत कारण देश जीवन्त विकास की धारणा को अपनाने में संकोच कर रहे हैं ।

Effect # 4. पश्चिम का सांस्कृतिक वर्चस्व (Cultural Heritage of the West):

वैश्वीकरण की आड़ में पश्चिमी देश अपने सांस्कृतिक मूल्यों व प्रतीकों को विश्व के अन्य देशों में थोपने में सफल रहे हैं आज कोका कोला, मैक्डानल्ड तथा शॉपिंग माल की कल्चर विश्व के सभी देशों में देखी जा सकती है । इससे कमजोर देशों की संस्कृति अथवा छोटी संस्कृतियों के सामने पहचान व अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है पश्चिमी संस्कृति का वैश्वीकरण सांस्कृतिक विविधता की दृष्टि से उचित नहीं है । ऐसे सांस्कृतिक वर्चस्व को सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की संज्ञा दी जाती है ।

Effect # 5. विश्व आर्थिक संकट (World Economic Crisis):

वैश्वीकरण के युग में विश्व अर्थव्यवस्था पर सभी देशों की निर्भरता बड़ी है तथा विश्व का आर्थिक एकीकरण भी बढ़ा है । किसी एक देश की आर्थिक समस्या तुरन्त ही वैश्विक संकट का रूप धारण कर लेती है 2008 में यूरोपीय देशों में आया वित्तीय सकट आज विश्व के सभी देशों को प्रभावित कर रहा है, क्योंकि इन देशों की अर्थव्यवस्थाएं यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में जुड़ी हुयी है ।

Effect # 6. नव-उपनिवेशवाद (Neo-Colonialism):

नव उपनिवेशवाद का तात्पर्य एक देश द्वारा दूसरे देश पर अप्रत्यक्ष रूप से विशेषकर आर्थिक साधनों द्वारा नियंत्रण व प्रभाव स्थापित करना है वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ तथा वैश्विक आर्थिक संस्थाएँ जैसे विश्व व्यापार संगठन, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि विश्व अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन इन संस्थाओं पर विकसित देशों का वर्चस्व है ।

ADVERTISEMENTS:

ये देश विकासशील देशों की घरेलू आर्थिक नीतियों को भी प्रभावित करते हैं तथा अप्रत्यक्ष रूप से अपना नियन्त्रण स्थापित करने में सफल हो जाते हैं । अत: वैश्वीकरण नव-उपनिवेशवाद को जन्म देता है ।