Read this article in Hindi to learn about the training and promotion system of civil service of America.

अमेरिका में प्रशिक्षण प्रणाली (Training System for Civil Services in America):

लोक सेवकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है । राष्ट्रपति के आदेश (1938) में कहा गया था कि सुपरवाइजरी पदों के कार्मिकों को भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था हो । प्रथम हूवर आयोग (1949) और द्वितीय हूवर आयोग (1955) दोनों ने ही लोक सेवकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया था । लेकिन इस दिशा में पहला सबसे प्रभावी कदम 1958 में उठा ।

लोक सेवक प्रशिक्षण कानून, 1958:

कांग्रेस द्वारा पारित इस अधिनियम ने जहां प्रशिक्षण पर बल दिया, वहीं उसकी वित्तीय सीमा और समय सीमा भी तय की ।

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इसके मुख्य बिंदु थे:

1. सरकारी एजेन्सीयों को अपने कार्मिक-प्रशिक्षण पर व्यय करने का अधिकार दिया गया ।

2. यह व्यय उनके बजट के एक प्रतिशत की सीमा में हो ।

3. प्रशिक्षण सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में दिया जा सकता है ।

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4. लेकिन एक वर्ष से अधिक की अवधि के प्रशिक्षण-कार्यक्रमों में भाग नहीं लिया जाएं ।

प्रशिक्षण की एजेन्सियां (Training Agencies):

कार्मिक प्रबंधन कार्यालय ही संघीय लोक सेवा के लिये प्रशिक्षण की सर्वोच्च नियामक एजेन्सी है । प्रशिक्षण में संघीय एजेन्सियों तथा विश्वविद्यालयों का भी योगदान है यद्यपि इस हेतु विभिन्न प्रशिक्षण संस्थान भी यहाँ कार्यरत है, जो इस प्रकार है-

दि मैक्सवेल ग्रेजूएट स्कूल ऑफ सिटीजनशिप एंड पब्लिक अफेयर्स (सायराकूज यूनिवर्सिटी), दि स्कूल ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (मिशिगन यूनिवर्सिटी), दि स्कूल ऑफ पब्लिक एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कोर्नेल यूनिवर्सिटी), दि व्हाईन स्कूल (पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी), दि स्कूल ऑफ बिजनेस एंड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन (कोलंबिया यूनिवर्सिटी), दि हॉवर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और दि नेशनल इंस्टीट्‌यूट ऑफ पब्लिक अफेयर्स (वाशिंगटन) ।

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प्रशिक्षण के प्रकार (Types of Training):

अमेरिका में प्रवेश पूर्व और प्रवेशोपरांत दोनों प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

प्रवेश पूर्व प्रशिक्षण भी दो प्रकार से प्रचलित हैं:

1. अंतरंग प्रशिक्षण (Internship) – यह प्रशासनिक और व्यावसायिक कार्य से संबंधित है ।

2. प्रशिक्षु प्रशिक्षण (Apprenticeship) – इसका संबंध शिल्प कौशल में निपुणता से है ।

अंतर अभिकरण प्रतिपूर्ति प्रशिक्षण (Inter-Agency Reimbursable Training):

अमेरिका में ओपीएम केंद्रीय प्रशिक्षण की यह पद्धति अपनाता है । इसके तहत वह संघीय एजेन्सियों को निर्धारित शुल्क लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराता है ।

अमेरिका में पदोन्नति प्रणाली (Promotion System of America):

अमेरिका में पदोन्नति हेतु सेवा अभिलेख पद्धति का वैधानिक विकास हुआ ।

वहां कार्यकुशलता मापने के लिये 4 पद्धतियां अपनाई जाती हैं:

i. उत्पादन अभिलेख (प्रोडक्शन रिकार्ड सिस्टम):

इसमें कार्मिकों के कार्य उत्पादन को मापा जाता है और उनका रिकार्ड रखा जाता है । यह वहीं उपयुक्त है जहां कार्मिक का कार्य दोहराने वाला हो और जिसे मापा जा सकता हो । सरकारी संगठन में ऐसे कार्य सीमित रहते हैं । मात्र स्टेनोग्राफर, फाइल क्लेर्क और टायपिस्ट के कार्य को माप सकते हैं ।

ii. बिंदु रेखीय दर माप मान पद्धति (ग्राफीय रेटिंग स्केल मैथड):

इस पद्धति में निश्चित तत्वों के आधार पर पता लगाया जाता है कि वे कार्मिक में कहां तक विद्यमान हैं । मापक अधिकारी इस आधार पर उन तत्वों को मापता है और उनका सामूहिकीकरण कर लेता है, विशेषकर 5 श्रेणियों में । लगभग सभी तत्व मौजूद होने पर उत्कृष्ट श्रेणी का और सबसे कम तत्व पाये जाने पर निकृष्ट श्रेणी का माना जाता है ।

iii. व्यक्तित्व तालिका पद्धति (पर्सानालिटी इनवेंटरी मैथड):

इसका आविष्कार प्रोब्सट ने किया था । अतः इसे प्रोब्सट रेटिंग स्केल भी कहते हैं । इस पद्धति में मानवीय स्वभाव के तत्वों की एक विस्तृत सूची तैयार की जाती है । मापक अधिकारी सूची से ऐसे तत्वों को अलग कर लेता है जिनसे किसी कर्मचारी के कार्य से संबंधित मानवीय गुणों को तथा कर्मचारी के स्वभाव एवं व्यक्तित्व को भली भांति जान सके और पदोन्नति दी जा सके । इसमें गुण और अवगुण दोनों का उल्लेख किया जाता है । इसे तार्किक जांच परीक्षण भी कहते हैं ।

iv. सामान्य लाफान पद्धति/ठोस साक्ष्य रिपोर्ट पद्धति (Ordinary Laffan System/Substantiating Evidence Reports System)

वेतन एवं सेवा-शर्तें (Pay and Service Conditions):

वेतन-भत्ते:

अमेरिका में वेतन आदि की देखरेख कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (OPM) और श्रम सांख्यिकी ब्यूरो (LSB) करते हैं । यहां वेतन की अनेक योजनाएं है जो कार्य की प्रकृति पर आधारित हैं । प्रत्येक वेतन योजना के अंतर्गत भी अनेक वेतन-श्रेणियां हैं । प्रत्येक श्रेणी में वेतन क्रम बने हुए हैं । अमेरिका में मूल वेतन के अतिरिक्त विभिन्न भत्ते भी मिलते है जो मूल्य-सूचकांक पर आधारित होते हैं ।

सेवा शर्तें:

अमेरिका में लोक सेवकों की सेवा शर्तों को नियमित करने का अधिकार कांग्रेस को है ।

तदनुरूप अधिनियमों द्वारा निम्नलिखित सेवा शर्तें अधिनियमित की गयी है:

1. अमेरिका में ”लायड-ला फालेट” एक्ट (1912 की धारा 6) के तहत लोक सेवक किसी भी ऐसे संघ के सदस्य बन सकते हैं जिसकी सरकार विरोधी हडताल में भाग लेना लोक सेवकों के लिए अनिवार्य नहीं हो ।

संगठन बनाने और सामूहिक सौदेबाजी करने के अधिकारों की पुष्टि सिविल रिर्फाम एक्ट (1978) ने भी की थी । अमेरिका में संघीय कार्मिकों की प्रमुख यूनियनें हैं- अमेरिकन फेडरिशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलाईज, नेशनल फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलाईज और नेशनल एसोसिएशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलाईज ।

2. अमेरिका में हड़तालों पर पूर्ण प्रतिबन्ध है । 1947 के श्रम-प्रबंध-संबंध एक्ट (तफ्‌त हार्टले) द्वारा लोक सेवकों को हड़ताल से संबंध रखने से रोका गया और 1955 के ‘लोक नियम’ द्वारा इसे अधिक कठोर बना दिया गया । यह अधिनियम 1935 के वेगनर अधिनियम (नेशनल लेबर रिलेशंस एक्ट) में किया गया प्रमुख संशोधन है । 1978 का लोक सेवा सुधार अधिनियम भी उन हड़तालों, धरने या धीमे काम पर रोक लगाता है जिनसे सरकारी कामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।

3. अमेरिका में संघीय लोक सेवकों को चुनाव में मतदान करने और विचार व्यक्त करने, ये दो प्रकार के राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं ।

वस्तुतः 1939 के प्रथम हैच अधिनियम (राजनीतिक गतिविधि कानून) ने संघीय कार्मिकों को सक्रीय राजनीति से पृथक कर दिया था । द्वितीय हैच अधिनियम (1940) द्वारा यह प्रतिबंध राज्य और स्थानीय कार्मिकों पर भी लगाया था जो 1974 में निरस्त कर दिया गया ।

4. अमेरिका में विभिन्न सेवाओं में सेवानिवृत्ति की आयु 65 से 70 वर्ष है ।

5. वहां 1920 के सेवानिवृत्ति अधिनियम (जिसे 1930 और 1956 में संशोधित किया गया) ने पेंशन की व्यवस्था लागू की थी ।

6. अमेरिका में विवाद निपटारा तन्त्र यहां व्हीटलें परिषदों के समान कोई संगठन या संरचना नहीं है । अन्तर सरकारी संबंधों पर विचार हेतु गठित सलाहकार आयोग ने 1969 में ”वार्ता” दृष्टिकोण का प्रतिपादन किया । अमेरिका में कांग्रेस ही कार्मिकों की सेवा शर्तों को निर्धारित करती है ।