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Read this article in Hindi to learn about the top thirteen features of constitution of America. The features are:- 1. प्रथम लिखित संविधान (First Written Constitution) 2. कठोर संविधान (Strict Constitution) 3. गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था (Republican Government System) 4. संघात्मकता (Unionism) 5. अध्यक्षात्मक प्रजातंत्र (Presidential Democracy) and a Few Others.

अमेरिकी संविधान की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

Feature # 1. प्रथम लिखित संविधान (First Written Constitution):

विश्व के वर्तमान लिखित संविधानों में अमेरिकी संविधान सबसे प्राचीन और पहला है । इसी प्रकार मात्र 7 अनुच्छेदों के कारण यह सर्वाधिक संक्षिप्त लिखित संविधान भी है । इसमें कुल 27 संशोधन हुए हैं । पूर्व राष्ट्रपति मुनरो के अनुसार 10-12 पृष्ठों तथा 4000 शब्दों वाले इस संविधान को आसानी से जेब में रखा जा सकता है ।

संविधान का विकास परिप्रेक्ष्य:

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अमेरिकी संविधान के अंतर्गत मात्र मूल संविधान ही नहीं आता अपितु निम्नलिखित अधिनियम, आदेश, न्यायिक निर्णय और परंपराएं भी आती हैं:

अधिनियम:

कांग्रेस (व्यवस्थापिका) द्वारा निर्मित अधिनियम जो शासन के स्वरूप को निर्धारित और प्रभावित करते हैं ।

कार्यपालिकीय आदेश:

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कांग्रेस के अधिनियम को लागू करने के लिये दिये गये राष्ट्रपति के आदेश ।

न्यायिक निर्णय:

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को न्यायिक पुनरीक्षा का अधिकार है । इसके तहत संविधान की व्याख्या और अधिनियमों की वैधता पर विचार किया जाता है । उदाहरणार्थ ”अंतर्निहित अधिकारों” का सिद्धांत जिसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट ने संघीय अधिकार क्षेत्र की सीमा में वृद्धि की ।

राजनीतिक परंपराएं:

अमेरिकी शासन व्यवस्था में अनेक परंपराएं ऐसी विकसित और दृढ़ता से स्थापित हैं जिनका संवैधानिक आधार नहीं है, तथापि संविधान जैसा ही प्रभाव हैं ।

जैसे:

(1) संविधान में राष्ट्रपति पद पर एक ही व्यक्ति के अधिकतम निर्वाचनों की संख्या तय नहीं की गयी है । लेकिन प्रथम राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन द्वारा यह परंपरा स्थापित की गयी कि दो से अधिक बार कोई व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बने ।

(2) मंत्रिपरिषद का निर्माण भी परंपरा के अधीन है । अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति के मंत्रिमण्डल का उल्लेख नहीं है । यद्यपि वह व्यवहार में पाया जाता है ।

(3) राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष के स्थान पर प्रत्यक्ष विधि से होने लगा है ।

(4) सभी प्रत्यक्ष चुनाव मंगलवार को सम्पन्न होते हैं ।

(5) नये राष्ट्रपति के निर्वाचन पर राजदूत अपना त्यागपत्र उसे सौंप देते हैं, ताकि राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार राजदूत नियुक्त कर सके ।

(6) संघीय सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णय शुक्रवार को देता है ।

(7) ईश्वर का संविधान में उल्लेख नहीं है लेकिन अमेरिकी कांग्रेस के भवन में अध्यक्ष के आसन के समीप दीवार पर अंकित है ”हमें ईश्वर में आस्था है ।”

(8) अमेरिकी राष्ट्रपति को ”मिस्टर प्रेसिडेण्ट” तथा गवर्नर को ”महामहिम” कहने की परम्परा है ।

(9) फिलिबस्टर- सोनेट में प्रचलित इस परम्परा के तहत सदस्यगण विधेयक पर कितनी ही अवधि तक बोल सकता है और सदन का अध्यक्ष उन्हें रोकता नहीं है ।

(10) जेरीमेंडर- गवर्नर ”जेरी” के द्वारा शुरू की गयी इस परम्परानुसार अमेरिकी गवर्नर अपनी ”जिला निर्वाचन क्षेत्रों” के सीमांकन की संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग करके इस प्रकार सीमांकन करते हैं कि उनके दल के समर्थकों को लाभ मिले ।

Feature # 2. कठोर संविधान (Strict Constitution):

ब्रिटेन का संविधान जितना लचिला है, अमेरिका का उतना ही कठोर । कांग्रेस सामान्य कानून और नीतियों का निर्माण साधारण बहुमत से कर सकती है लेकिन संविधान में संशोधन के लिये उसे विशेष प्रक्रिया का पालन करना होता है जो अत्यधिक कठोर है ।

इस विशेष प्रक्रिया का प्रावधान संविधान में है, जिसके अनुसार संविधान में संशोधन के दो तरीके हैं:

(1) पहले तरीके के अंतर्गत संशोधन प्रस्ताव दोनों सदनों के दो तिहाई मतों से पारित हो और उसका अनुमोदन तीन चौथाई राज्य-विधायिकाओं (50 प्रांतो में से कम से कम 38) द्वारा 7 वर्ष के भीतर कर दिया जाए । संघीय न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि दो तिहाई मत सदन की संख्या के नहीं अपितु मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या के होने चाहिये । इसी विधि से अब तक 26 संशोधन (27 में से) हुए है ।

(2) दूसरा तरीका है, राज्यों की पहल पर कांग्रेस द्वारा संशोधन करना । इसके तहत यदि कम से कम दो तिहाई राज्य-विधायिकाएं (50 में 34) संशोधन की

माँग करती है, तो कांग्रेस संशोधन प्रस्ताव पारित कर राज्य विधायिकों को प्रेषित करेगी । यदि तीन चोथाई (50 में से 38) विधायिकाएं उसे अनुमोदित कर दें तो वह संशोधन मान्य हो जाता है । इस विधि से अब तक मात्र एक ही संशोधन (21वां) हुआ है ।

इस प्रकार संशोधन प्रक्रिया जटिल है और यही कारण है कि 5000 से अधिक संशोधन प्रस्तावों में से मात्र 27 अब तक पारित हो पाए हैं । इनमें से प्रारंभ के 10 संशोधन तो नागरिकों को मूलाधिकार देने से संबंधित थे । अन्य संशोधन है- 12वां (राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति का पृथक चुनाव), दास प्रथा निषेध (13वां), सीनेट में प्रत्यक्ष चुनाव (17वां), राष्ट्रीय मद्य निषेध (18वां), मताधिकार आयु 21 से 18 वर्ष (26वां) आदि ।

Feature # 3. गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था (Republican Government System):

संविधान के अनुच्छेद 4(4) में संघ और प्रांत दोनों स्तरों पर गणतंत्र की स्थापना का प्रावधान है । संघीय राष्ट्रपति और प्रांतों में गवर्नर जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं ।

Feature # 4. संघात्मकता (Unionism):

अमेरिका ने अपने को संघ घोषित किया है । 1787 में अस्तित्व में आए अमेरिकी संघ में प्रारंभिक 13 राज्यों की संख्या बढ़कर 50 हो गयी है । अमेरिकी संघ के लक्षण हैं- संघ और प्रांतों की अपनी पृथक सरकारें, संविधान की सर्वोच्चता, कठोर संविधान, सर्वोच्च न्यायपालिका आदि ।

इस संघ के विशिष्ट लक्षण हैं- संघ और राज्यों के पृथक संविधान, संघ और राज्य दोनों की नागरिकताएं और संघ के कार्यों और शक्तियों का उल्लेख जबकि अवशिष्ट शक्तियां प्रांतों के अधीन ।

Feature # 5. अध्यक्षात्मक प्रजातंत्र (Presidential Democracy):

प्रजातंत्र की अध्यक्षीय प्रणाली अमेरिकी संविधान की विशेषता है । यह संघ और प्रांत दोनों स्तरों पर लागू है । अध्यक्षीय प्रणाली में एकल कार्यपालिका होती है जो राष्ट्रपति है और वह कांग्रेस के प्रति उत्तरदायी नहीं है । राष्ट्रपति जनता द्वारा निर्वाचित होता है और अपने मंत्रिमंडल का स्वयं निर्माण करता है । ये मंत्री कांग्रेस के सदस्य नहीं होते और उसके बजाय राष्ट्रपति के प्रति ही उत्तरदायी होते हैं । इस प्रकार यहाँ लॉक, मान्टेस्यू के शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत पाया जाता है । जिस प्रकार ब्रिटेन संसदीय शासन का श्रेष्ठ उदाहरण है उसी प्रकार अमेरिका अध्यक्षीय शासन का ।

Feature # 6. बन संप्रभुता (Bun Sovereignty):

वर्तमान अमेरिकी संघ के संविधान में जनता की इच्छा को संप्रभु माना गया है । इसके पूर्व (1787 के पूर्व) के परिसंघीय संविधान में राज्यों की संप्रभुता को महत्व दिया गया था । वस्तुतः संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट किया गया है कि संविधान का निर्माण और उसकी स्वीकृति संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों में निहित है ।

Feature # 7. संविधान की सर्वोच्चता (Supremacy of the Constitution):

अमेरिका में संघीय संविधान सबसे ऊपर है । अनुच्छेद 6 में संविधान की सर्वोच्चता को स्पष्ट किया गया है । तदनुरूप संविधान, उसके अनुरूप निर्मित कानून और अमेरिकी सत्ता द्वारा की गयी या की जाने वाली संधियां सभी देश के सर्वोच्च कानून होंगे । संविधान, कानूनों और संधियों को मानना प्रत्येक राज्य और उनके न्यायाधीशों के लिये बाध्यकारी होगा । व्हेयर का मत है कि- ”जितनी श्रद्धा संविधान के प्रति अमेरिका में है उतनी अन्यत्र दुर्लभ है ।”

Feature # 8. मौलिक अधिकारों का प्रावधान ”अधिकार पत्र” (Provision of Fundamental Rights “Letter of Authority”):

अमेरिकी संविधान में प्रारंभ में मूलाधिकारों का उल्लेख नहीं था । लेकिन स्वतंत्रता के घोषणापत्र (1776) में इनका संकेत होने से यह माँग बनी हुई थी कि इन्हें संविधान में शामिल किया जाए । अमेरिकी संविधान में 1919 में 10 संशोधन करके ”अधिकार पत्र” जोड़ा गया जिसके तहत 10 मूलाधिकार दिये गये । बाद में 13वें, 14वें और 15वें संशोधन द्वारा इनकी संख्या 13 कर दी गयी ।

ये मूलाधिकार निम्नलिखित हैं:

(i) धर्म, भाषण, प्रेस तथा आवेदन पत्र की स्वतंत्रता । (पहला संशोधन)

(ii) शस्त्र रखने या धारण करने का अधिकार । (दूसरा संशोधन)

(iii) शांति काल में कोई भी सैनिक किसी मकान में स्वामी की अनुमति बिना तथा युद्धकाल में राज्यादेश की निर्धारित प्रक्रिया अपनाए बिना नहीं रह सकता है । (तीसरा संशोधन)

(iv) व्यक्ति, परिवार, घर तथा सामान की अनुचित तलाशी नहीं ली जाएगी । (चौथा संशोधन)

(v) उचित कानूनी प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी के जीवन या संपत्ति को हानि नहीं पहुंचायी जाएगी हैं । एक अपराध के लिए एक बार सजा तथा स्वयं के विरूद्ध गवाही की बाध्यता से मुक्ति रहेगी । (पाँचवाँ संशोधन)

(vi) सभी फौजदारी अभियोगों में अभियुक्त को तुरंत तथा सार्वजनिक न्यायिक कार्यवाही का अधिकार होगा तथा निष्पक्ष जूरी एवं वकील की सहायता मांग सकेगा । (छठा संशोधन)

(vii) बीस डॉलर से अधिक दीवानी मामलों में जूरी की मांग करने का अधिकार । (सातवां संशोधन)

(viii) अत्यधिक जमानत, अत्यधिक जुर्माने तथा अत्यधिक कठोर दंड से सुरक्षा । (आठवां संशोधन)

(ix) ऐसे मानवीय अधिकार जो इस संविधान में वर्णित नहीं है तथा मानव जीवन के लिए आवश्यक है वे भी अमेरिकी नागरिकों को प्रदत्त किए जा सकेंगे । (नवां संशोधन)

(x) ऐसी शक्तियां जो संघ सरकार को नहीं दी गई है तथा राज्यों के लिए मना नहीं की गई हैं वे राज्यों या जनता के लिए सुरक्षित होंगी । (दसवां संशोधन)

(xi) दास प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध । (तेरहवां संशोधन)

(xii) कानून के समक्ष सभी को समान संरक्षण । (चौदहवां संशोधन)

(xiii) जाति, रंग या प्राचीन दासत्व के आधार पर व्यक्ति को नागरिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकेगा और न ही मताधिकार छीना जा सकेगा । (पंद्रहवां संशोधन)

Feature # 9. न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review):

संघात्मकता का अनिवार्य लक्षण होता है- संविधान के अनुरक्षण की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था । ब्रिटेन में जहां संसदीय सर्वोच्चता है, वही अमेरिका में संविधान की सर्वोच्चता । संविधान की सर्वोच्चता का विस्तार है न्यायिक पुनरावलोकन ।

अमेरिका में न्यायिक पुनरावलोकन परंपरा से विकसित हुआ है, संविधान में इसका उल्लेख नहीं है । न्यायमूर्ति ह्‌यूज के अनुसार, ”न्यायाधीश संविधान के अंतर्गत है, लेकिन संविधान वैसा ही है जैसा कि न्यायाधीश कहते है ।” स्पष्ट है कि उच्च न्यायपालिका को संविधान के उपबंधों की व्याख्या करने, कांग्रेस के कानूनों तथा कार्यपालिकीय आदेशों का परीक्षण करने का अधिकार है और ऐसा उसने अनेकों बार किया है ।

Feature # 10. दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship):

संघात्मकता के लक्षण के अनुरूप अमेरिकी संविधान संघ और राज्य (जहां का व्यक्ति निवासी है) दोनों की नागरिकता अपने नागरिकों को प्रदान करता है ।

Feature # 11. शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत (Theory of Power Dissociation):

अमेरिकी संविधान सरकार के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को परस्पर स्वतंत्रता प्रदान करता है । ये परस्पर पूर्णतः पृथक नहीं है अपितु परस्पर स्वतंत्र है ।

जैसे:

अनुच्छेद-1 – कानून निर्माण की शक्ति कांग्रेस को देता है ।

अनुच्छेद-2 – कार्यपालिकीय शक्ति राष्ट्रपति (कार्यपालिका) को देता है ।

अनुच्छेद-3 – न्यायिक शक्तियां न्यायपालिका को देता है ।

इस प्रकार किसी भी एक अंग के हाथों में एक से अधिक प्रकार की सत्ता नहीं है । तीनों अंग परस्पर उत्तरदायी नहीं हैं लेकिन तीनों पर संविधान का नियंत्रण है । राष्ट्रपति जनता द्वारा निर्वाचक मंडल के माध्यम से निर्वाचित होता है और उसे सामान्यतया 4 वर्ष के उसके कार्यकाल के पूर्व हटाया नहीं जा सकता । मात्र महाभियोग की जटिल प्रक्रिया द्वारा ही कांग्रेस उसे हटा सकती है ।

राष्ट्रपति को भी कांग्रेस को भंग करने का अधिकार नहीं है । वह न्यायाधीशों को नियुक्त तो करता है लेकिन उन्हें हटाने की प्रक्रिया महाभियोग जैसी है जो कांग्रेस के अधीन है । फाइनर ने लिखा है कि, अमेरिकी संविधान जानबूझकर बनाया गया शक्ति पृथक्करण का एक विस्तृत दस्तावेज है और इस सिद्धांत पर चलने वाला अमेरिका विश्व का अग्रणी देश है ।

Feature # 12. नियंत्रण और संतुलन का सिद्धांत (Theory of Control and Balance):

जब अधिकारों का विभाजन होता है, तो केन्द्रीत सत्ता का खतरा तो टल जाता है लेकिन स्वतंत्र सत्ताओं के स्वेच्छाचारी होने का खतरा बना रहता है । अतः स्वतंत्र अंगों के मध्य नियंत्रण और संतुलन जरूरी हो जाता है । इसलिये अमेरिका में अधिकार विभाजन के साथ-साथ नियंत्रण और संतुलन का सिद्धांत भी अपनाया गया है ।

इसका उद्देश्य है, प्रत्येक अंग को निरंकुश होने से रोकना और उसको उत्तरदायी बनाना । इस सिद्धांत का अंतर्निहित तत्व है कि, किसी भी अंग के पास असीमित शक्तियां नहीं हैं अपितु अन्य अंगों की शक्ति उसको सीमांकित करती है ।

नियंत्रण और संतुलन के सिद्धांत के तहत अमेरिका में:

(i) कांग्रेस द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति से कानून बनते हैं । विधेयकों को राष्ट्रपति वीटो कर सकता है । उसके पास दो प्रकार की वीटो शक्तियां है जेबी (पॉकेट) वीटो और निलंबित वीटो ।

(ii) राष्ट्रपति कांग्रेस को संदेश भेजकर राष्ट्र से अपील करके और कांग्रेस के सांसदों से संपर्क करके विधायिकीय कार्यों को प्रभावित कर सकता है ।

(iii) इधर कांग्रेस को भी राष्ट्रपति पर नियंत्रण के कुछ साधन उपलब्ध हैं ।

विभागों, आयोगों आदि कार्यपालिकीय संस्थाओं का निर्माण कांग्रेस करती है जबकि इनके अध्यक्ष, सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है । कार्यपालिका बजट बनाती है लेकिन अनुमोदन कांग्रेस के अधीन है । राष्ट्रपति सर्वोच्च सेनाध्यक्ष है और युद्ध, संधि कर सकता है लेकिन उनका अनुमोदन भी कांग्रेस के अधीन है । राष्ट्रपति ही सभी प्रमुख पदों का नियुक्तिकर्ता और पदमुक्तिकर्ता है लेकिन उसके ये कार्य सीनेट के विशेष समर्थन पर ही लागू होते है ।

अंततः महाभियोग द्वारा कांग्रेस राष्ट्रपति को समय से पूर्व पदमुक्त कर सकती है । कांग्रेस के अधिनियमों और राष्ट्रपति के आदेशों का न्यायिक पुनरीक्षण न्यायपालिका कर सकती है । और उन्हें विधि शून्य भी घोषित कर सकती है । न्यायधीशों की नियुक्ति सीनेट की सहमति से राष्ट्रपति करता है । कांग्रेस न्यायाधीशों की संख्या, वेतन, भत्ते, सेवा शर्तें तय करती है । कांग्रेस न्यायाधीशों को हटाने के लिये महाभियोग ला सकती है ।

Feature # 13. द्विसदनीय व्यवस्थापिका (Bicameral Bureau):

अमरीका की व्यवस्थापिका को कांग्रेस कहा जाता है जिसके दो सदन हैं:

(i) सीनेट:

अर्थात उच्च सदन जिसमें 100 सदस्य होते हैं । प्रारंभ में मात्र 26 सदस्य होते थे । यह राज्यों का सदन है । सभी 50 राज्य 2-2 सदस्य चुनकर ”सीनेट” में भेजते हैं । पहले सीनेटरों का चुनाव अप्रत्यक्ष पद्धति से होता था अर्थात राज्य विधानमंडल के सदस्य इन्हें चुनते थे । बढ़ते भ्रष्टाचार, विवाद के कारण 17वें संशोधन (1992) द्वारा सीनेटरों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होने लगा ।

कार्यकाल:

सीनेट स्थायी सदन है, जिसका कभी अवसान नहीं होता । प्रत्येक सीनेटर 6 वर्ष के लिये चुना जाता है । प्रति 2 वर्ष बाद एक तिहायी सदस्य रिटायर हो जाते हैं रिटायर सदस्य पुन: निर्वाचित भी हो सकते है । इस प्रकार सीनेट का कार्यकाल आदि भारत की राज्यसभा जैसा है ।

शक्तियां:

अन्य देशों के वितरित अमेरिका में सीनेट प्रतिनिधि सभा की तुलना में अधिक शक्तिशाली है ।

सीनेट के मूल कार्य:

महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों, संधियों का अनुमोदन । जांच-पड़ताल तथा महाभियोग प्रस्ताव की जांच करना आदि ।

(ii) प्रतिनिधि सभा:

अर्थात निचला सदन । इसे जन प्रतिनिधि सदन भी कहा जाता है । इसमें पहले 65 सदस्य हुआ करते थे । 1792 में प्रत्येक 30 हजार की जनसंख्या पर 1 सदस्य का प्रावधान किया गया । 1962 में इसकी संख्या 435 तय कर दी गयी ।

प्रतिनिधि सभा का कार्यकाल मात्र 2 वर्ष है और इसे न तो बढ़ाया जा सकता है, न ही घटाया जा सकता है । इस सदन का विघटन भी नहीं किया जा सकता है ।

प्रतिनिधि सभा के मूल कार्य:

राष्ट्रपति का निर्वाचन (यदि निर्वाचक मंडल में किसी भी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत नहीं मिले), कतिपय जांच-पड़ताल ।

कांग्रेस के कार्य:

दोनों सदनों की संयुक्त शक्तियाँ हैं- कानून निर्माण, संविधान संशोधन, बजट स्वीकृति, विभागों, आयोगों का निर्माण, विघटन आदि ।