Read this article in Hindi to learn about the meaning, definitions and concept of district administration.

जिला प्रशासन का अर्थ और परिभाषायें (Meaning and Definitions of District Administration):

राज्य शासन के उद्देश्य की प्राप्ति की व्यवहारिक क्रियान्वयन एजेन्सी जिला प्रशासन होती है । जिले में सरकार के कार्यों को समन्वित रूप से सम्पन्न करना ही जिला प्रशासन है ।

राज्य की इस आधारभूत प्रशासनिक इकाई का संगठन कतिपय परिवर्तनों के साथ बना हुआ है विशेषकर नियामिकीय और विकास कार्यों के पृथक्करण के साथ । फिर भी उसके महत्व में निरन्तर वृद्धि होती रही है, इसलिए जिला कलेक्टर के कार्य और भूमिका भी अधिक चुनौतीपूर्ण हो गयी है ।

यह मूलत: फ्राँसिसी प्रशासनिक अवधारणा (प्रिफेक्ट) हैं । जिला शब्द को अंग्रेजी में ”डिस्ट्रिक्ट” (District) कहते हैं, जो लैटिन शब्द ”Districtus” (डिस्ट्रिक्टस) से बना है । इसका आशय है, न्याय प्रशासन के उद्देश्य से बनाया गया प्रदेश । इसका आक्सफोर्ड शब्दकोष में अर्थ दिया गया है- ”विशेष प्रशासनिक उद्देश्यों के लिये चिन्हित क्षेत्र ।”

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चैम्बर शब्दकोष में- ”जिला” को राज्य क्षेत्र का उपखण्ड कहा गया है । वस्तुत: ”जिला” प्रशासनिक कार्यों के लिये भौगोलिक या क्षेत्रीय इकाई है जिसे आधुनिक विद्वान राज्य के भीतर छोटा राज्य कहते हैं ।

एम. पी. शर्मा- ”शासन की दृष्टि से राज्य को छोटी इकाईयों में बांट दिया जाता है । ऐसी सुविधा के लिये ही एक छोटी इकाई है- ”जिला” ।

पुले एवं बर्नले- ”जिला वस्तुत: उन प्रशासनिक इकाईयों का तकनीकी नाम था, जिनमें ब्रिटिश भारत विभाजित था ।” वस्तुत: ”जिला” का अर्थ बिना प्रशासन के नहीं हो सकता, क्योंकि यह प्रशासन के लिये ही निर्मित इकाई है । अत: जिला और प्रशासन को संयुक्त रूप से ही लेने की जरूरत है ।

एस. एस. खेरा- ”जिला प्रशासन जिला अन्तर्गत सार्वजनिक कार्यों का समस्त प्रबन्ध हैं । जिला प्रशासन लोक प्रशासन का वह भाग है जो जिले की भौगोलिक सीमाओं के भीतर काम करता है ।

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जार्ज चैस्त्री के अनुसार- ”फ्रांस में डिपार्टमेन्ट जिले की भाँति एक प्रशासनिक इकाई होती है ।”

”जिला” प्रशासनिक इकाई के रूप में:

(A) प्राचीन काल में जिला (District of Ancient Times):

i. मनुस्मृति में जिला प्रशासन की आवश्यकता प्रतिपादित की गयी है । भारत में प्राचीन काल से जिला एक प्रशासनिक संगठन के रूप में मौजूद रहा है ।

ii. वैदिक युग में इसके लिये “विश” (Canton) शब्द आया, जिसका प्रमुख विशपति होता था ।

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iii. मौर्यकाल में इसके लिये जनपद शब्द आया, जो आज भी उत्तरप्रदेश में जिले के लिये प्रयुक्त होता है । मौर्यकाल में जनपद का प्रमुख अधिकारी राजुक (जिले का प्रमुख लगान अधिकारी) होता था ।

iv. सातवाहनों ने जिले को ”आहार” कहा ।

v. गुप्तकाल तक प्रशासनिक संरचना अधिक स्पष्ट रूप से सामने आती हैं । इस समय जिला को ”विषय” या ”विश्मा” कहा गया और जिलाधिकारी को विषयपति ।

(B) मध्ययुग में जिला (District in Medieval):

i. भारत में सल्तनत के अंतर्गत मुस्लिम शासकों ने “इक्ता” की अवधारणा को अपनाया जरूर लेकिन इन ”इकताओं” में काफी विभिन्नताएं प्रशासन, आकार आदि को लेकर थी । अत: इन्हें न तो सूबा माना जा सकता है और न ही जिला ।

ii. खिज्र खां सैयद ने इक्ता को शिक में बांटा था जो जिला माना जा सकता है ।

iii. शेरशाह सूरी पहला सुल्तान था जिसने अपने प्रशासनिक सुधारों के तहत साम्राज्य को 66 सरकारों में विभक्त किया था । यह ”सरकार” जिला ही था । वस्तुत: फ्रांसीसी ”प्रिफेक्चर” शेरशाह के ”सरकार” के अधिक निकट है । क्योंकि फ्रांसीसी प्रिफेक्चर भी राष्ट्र की सीधी विकेन्द्रीत इकाई है । सरकार का प्रमुख अधिकारी “शिकदार-ए-शिकदारान” था ।

iv. मुगल साम्राज्य को सूबों (प्रांत) में बांटा गया । प्रत्येक सूबे को पुन: ”सरकार” में बांटा गया । यह सरकार ही जिला था । सरकार का प्रमुख अधिकारी फौजदार था जो करोडी के नाम से लोकप्रिय हुआ । यह एक सैनिक अधिकारी था, जो प्रांतीय सूबेदार (नाजिम) के प्रत्यक्ष नियंत्रण में काम करता था और उसके प्रति उत्तरदायी भी था ।

लेकिन सरकार का राजस्व अधिकारी अमल गुजार कहलाता था । इस प्रकार अकबर के समय प्रांत (सूबा) के समान जिले (सरकार) में भी द्वैध शासन पद्धति थी, फौजदार के पास सैनिक अधिकार थे लेकिन वित्त अमलगुजार के पास था । इन पदों पर मनसबदारों को भी नियुक्त किया जाता था ।

(C) आधुनिक युग में जिला (District in Modern Era):

i. भारत में ”जिला” शब्द की शुरूआत District के रूप में 1776 में हुई, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने ”कलकत्ता जिले का दीवान” वाक्य प्रयुक्त किया । यह फ्रांस की प्रिफेक्ट व्यवस्था का अनुसरण था । इसके बाद ”जिला” एक प्रशासनिक इकाई के रूप में सर्वत्र ही प्रयुक्त होने लगा ।

ii. उल्लेखनीय है कि 1772 में वारेन हेस्टिंगज ने ”कलेक्टर” का पद सृजित किया था, ”जिला कलेक्टर” का नहीं । कलेक्टर के कार्यालय को ”राजस्व संग्राहक” कार्यालय (1772) कहा गया ।

iii. वर्तमान में भारत के प्रत्येक राज्य में ”जिला” क्षेत्रीय प्रशासन की शीर्ष इकाई के रूप में मौजूद है । यद्यपि इसे कई अन्य नाम भी दिए गए हैं, जैसे- उत्तरप्रदेश में जनपद ।

iv. पूरे देश में अमुमन 4000 जिले हैं । प्रत्येक जिले का औसतन क्षेत्रफल 4000 वर्गमील का है यद्यपि कुछ बेहद छोटे (500 वर्ग मील) तो कुछ बहुत बड़े (35 हजार वर्ग मील) भी हैं ।

जिले का संवैधानिक परिप्रेक्ष्य (Constitutional Perspective of the District):

मूल संविधान में ”जिला” (District) शब्द अकेले कहीं नहीं आया और ”जिला जज” (District Judge) के संयुक्त शब्द में भी वह अनुच्छेद 233 में मात्र एक बार आया । 73वें और 74वें संविधान संशोधन, 1992 द्वारा संविधान में 9 और 9-ए भाग जोड़े गये जो ग्रामीण और नगरीय स्वशासन संस्थाओं से संबंधित है । इनके संदर्भ में ”जिला” शब्द अनेक बार उल्लेखित हुआ । अर्थात् संविधान में ”जिला” का प्रशासनिक इकाई के रूप में उल्लेख 1992 के पूर्व नहीं था ।

जिला प्रशासन की अवधारणा (Concept of District Administration):

प्रारंभिक रूप से जिला प्रशासन एक समष्टि इकाई होती थी, जहां एक प्रशासनिक अभिकरण और उसके मुखिया के रूप में ‘कलेक्टर’ ही सभी सामान्य और तकनीकी कार्यों का प्रत्यक्ष निर्देशन, नियन्त्रण, सम्पादन करता था । बाद में कलेक्टर के अनेक तकनीकी कार्यों को संपन्न करने के लिए अन्य अभिकरण अपने अधिकारियों के नेतृत्व में अस्तित्व में आए ।

स्वतन्त्रता के पश्चात विकास की पंचायती अवधारणा के साथ जिला स्तर पर भी विशेषीकरण तीव्र हुआ और राज्य स्तरीय प्रत्येक विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय जिला स्तर पर पृथक् से स्थापित हुआ । इन सब का अपना संगठन जिले के भीतर तहसील, विकासखण्ड, ग्राम स्तर पर फैला होता है ।

ये सब मिलकर ही जिला प्रशासन के संगठन की अवधारणा को पूरा करते हैं । जिला स्तर पर अनेक अधिकारी होते हैं, जैसे जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधिक्षक, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला रोजगार अधिकारी, कार्यपालन मन्त्री आदि ।

इस प्रकार जिला प्रशासन वह क्षेत्रीय इकाई हैं, जहां राज्य शासन के सभी कार्यों को क्षेत्रीय रूप से एकीकृत किया जाता है । यहां राज्य की नीतियों का वास्तविक क्रियान्वयन होता है । यह भी स्पष्ट है कि जिला प्रशासन की वर्तमान संकल्पना में कानून व्यवस्था से संबंधित अधिकारियों के साथ विकास प्रशासन से संबंधित सभी अधिकारी शामिल हैं ।