Read this article in Hindi about the appointment, salary allowances and terms of service of revenue officer.

तहसील का प्रमुख अधिकारी तहसीलदार होता है जो द्वितीय श्रेणी का राजपत्रित पद है । वह कनिष्ठ राज्य प्रशासनिक सेवा का सदस्य होता है । यह राजस्व विभाग से संबंधित होता है, न कि सामान्य प्रशासन से । इस प्रकार कलेक्टर और अनुविभागिय अधिकारी (दोनों सामान्य प्रशासन से संबंधित) से तहसीलदार का मंत्रालय या विभाग पृथक् होता है ।

लेकिन कलेक्टर के मातहत के रूप में इसे सामान्य प्रशासन से संबंधित अनेक कार्य करना होते हैं । इसीलिये तहसील स्तर पर तहसीलदार शासन का प्रतिनिधि होता है । तहसीलदार के अधीन कानूनगों, राजस्व निरीक्षक, पटवारी आदि कार्यालयीन और क्षेत्रीय कार्मिक होते हैं ।

नियुक्ति (Appointment):

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तहसीलदार एक पदोन्नत पद है । इस पद पर नायब तहसीलदार या उप तहसीलदार पदोन्नत किये जाते हैं जो स्वयं लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित या राजस्व निरीक्षक से पदोन्नत होते हैं । राज्यपाल द्वारा ही तहसीलदार की नियुक्ति और स्थानान्तरण जिले में किया जाता है । कलेक्टर अपने जिले में इनकी पदस्थापना किसी भी तहसील में तहसीलदार के पद पर या उपतहसील में अतिरिक्त तहसीलदार के पद पर करता है ।

वेतन भत्ते (Salary Allowances):

तहसीलदार के वेतन में राज्यवार भिन्नताएं देखने को मिलती है । छत्तीसगढ में 5500 का, म.प्र. में 6500 (2007 से लागू) न्यूनतम वेतनमान हासिल है जो उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान की तुलना में कम है । उसे महंगाई भत्ता, मकान भत्ता (या शासकीय क्वार्टर) यात्रा भत्ता, ईंधन भत्ता (कलेक्टर द्वारा निर्धारित) आदि भी मिलता है ।

सेवा शर्तें (Terms of Service):

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तहसीलदार की सेवा शर्तें राज्य प्रशासन द्वारा राज्य की भूराजस्व संहिता में निर्धारित की गयी है । तद्नुरूप कलेक्टर उसका तात्कालिक आनुशासनिक अधिकारी है जो उसे निलंबित भी कर सकता है । लेकिन उस पर अंतिम नियंत्रण राज्य शासन का होता है ।

कार्य और दायित्व (Work and Liability):

तहसीलदार को तहसील क्षेत्र के प्रशासन में तीन मुख्य दायित्व निर्वाह करने होते हैं:

1. राजस्व संबंधी कार्य,

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2. सामान्य प्रशासन संबंधी कार्य और

3. दण्डाधिकारी के रूप में कार्य ।

1. राजस्व संबंधी उसके मूल कर्तव्यों में शामिल है- भू राजस्व संहिता के तहत मामलों का पंजीकरण और सुनवाई, नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन आदि के विवादों का निपटारा, भू राजस्व एकत्रीकरण, भू-अभिलेख, नक्शा, फसल-आनावरी आदि तैयार करवाना ।

वह राजस्व अधिकारी के रूप में ही कृषि भूमि और प्राकृतिक राहत के मामले में मुआवजे की अनुशंसा कलेक्टर से करता है । वह जाति, आय, निवास के प्रमाण पत्र भी देता है । उसका एक न्यायालय होता है जहां ”वाद” दायर होते हैं और उनकी सुनवाई होती है । तहसीलदार को मुख्यत: तीन कार्यों-दायित्वों का निर्वाह करना होता है ।

2. प्रशासनिक कर्तव्यों के तहत तहसीलदार तहसील में संलग्न कार्मिकों के मध्य कार्य विभाजन करता है, अन्य विभागों पर सामान्य नियन्त्रण रखता है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का पर्यवेक्षण करता है ।

3. कार्यपालक दण्डाधिकारी के रूप में तहसील में शांति-व्यवस्था बनाये रखने में कलेक्टर को सहयोग देता है ।

इसके अतिरिक्त वह पदेन उपकोषालय अधिकारी होता है । चुनाव के समय सेक्टर मजिस्ट्रेट या सहायक रिटर्निंग आफीसर आदि के रूप में काम करता है ।